शिमला: प्रदेश में शिक्षक बोर्ड की परिक्षाओं का मूल्यांकन नहीं करेंगे. शिक्षकों ने सपष्ट रूप से कह दिया है कि जब तक बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की फीस नहीं बढ़ाता है तब तक शिक्षक मूल्याकंन शुरू नहीं करेंगे.
हिमाचल राजकीय शिक्षक संघ ने दो टूक कहा है कि अगर हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की राशि नहीं बढ़ाई जाती है, तो शिक्षक मूल्यांकन नहीं करेंगे और इसका विरोध संघ से जुड़ा प्रदेश का हर एक शिक्षक करेगा.
इसके साथ ही संघ ने बोर्ड को अल्टीमेटम भी दे दिया है कि 20 मार्च तक मूल्यांकन की दरों में बढ़ोतरी न करने पर शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ही नहीं करेंगे. संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि बोर्ड की ओर से शिक्षकों की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है. इतना ही नहीं संघ ने बोर्ड के चेयरमैन से मुलाकात के लिए समय मांगा था, लेकिन उन्होंने अभी तक वह समय भी नहीं दिया है और ना ही संघ की मांगों को कोई तरजीह दी है.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने आरोप लगाया कि बोर्ड का रवैया शिक्षक विरोधी है और बोर्ड की कार्यप्रणाली किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड सारे काम शिक्षकों से लेता है और बोर्ड के चेयरमैन शिक्षकों से बात तक करना पसंद नहीं करते. बोर्ड को जब फीस बढ़ाने की बात आती है, तो वह चार गुणा फीस बढ़ा देते हैं. शिक्षकों की बात आने पर 10 या 20 पैसे बढ़ाए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि सीबीएसई की ओर से 30 से 40 रुपए मूल्यांकन के लिए दिए जा रहे हैं और प्रदेश के अभी भी बोर्ड 9 या 10 रुपए ही दे रहा है. बोर्ड के चेयरमैन से हमने इन सब मांगों को लेकर बात करनी थी, लेकिन उनके पास समय ही नहीं था.
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