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स्टेट अवार्ड के लिए नियमों से बाहर आवेदन देने पर शिक्षा विभाग करेगा कार्रवाई, कमेटियों पर गिरेगी गाज

टीचर्स डे पर राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए शिक्षकों के आवेदनों की छंटनी के लिए गठित कमेटियों द्वारा शिक्षा विभाग को तय नियमों को पूरा करने वाले शिक्षकों के आवेदन ही भेजने होंगे. शिक्षा विभाग के पास गलत आवेदन आने पर विभाग द्वारा जिला कमेटी पर कार्रवाई की जाएगी.

फाइल फोटो.
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Published : Jun 22, 2019, 6:48 AM IST

म: प्रदेश के शिक्षकों को अपने सराहनीय कार्य के लिए टीचर्स डे यानि पांच सितंबर को दिए जाने वाले राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए तय नियमों को पूरा करने वाले शिक्षकों के आवेदन ही गठित कमेटियों को भेजने होंगे. शिक्षा विभाग के पास नियमों से बाहर जाकर किसी शिक्षक का आवेदन आने पर विभाग की ओर से कमेटियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गौर हो कि शिक्षा विभाग ने राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे हैं. इन आवेदनों की छंटनी के लिए कमेटियां गठित की गई है. शिक्षकों के आवेदन करने के बाद उनकी छंटनी जिलास्तरीय कमेटी की ओर से की जाएगी. ऐसे में अगर आवेदनों की छंटनी में लापरवाही होती है और किसी शिक्षक का आवेदन नियमों को अनदेखा कर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भेजा जाता है, तो इसके लिए जिला कमेटी ही जिम्मेवार होगी.

शिक्षा विभाग ने यह निर्देश जारी किए हैं कमेटियां इस बात का ख्याल रखें कि कोई भी ऐसा आवेदन राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग के पास ना आए जो कि नियमों को पूरा ना करता हो. बता दें कि शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष भी जिन शिक्षकों के नाम राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए फाइनल किए थे, उसमें एक ऐसे शिक्षक का नाम भी शामिल था, जिसके खिलाफ जांच चल रही थी. इस नाम को बाद में हटाया गया था. ऐसे में इस बार पुरस्कार के लिए ऐसे किसी भी शिक्षक के चयन को लेकर शिक्षा विभाग सजग हो गया है.

म: प्रदेश के शिक्षकों को अपने सराहनीय कार्य के लिए टीचर्स डे यानि पांच सितंबर को दिए जाने वाले राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए तय नियमों को पूरा करने वाले शिक्षकों के आवेदन ही गठित कमेटियों को भेजने होंगे. शिक्षा विभाग के पास नियमों से बाहर जाकर किसी शिक्षक का आवेदन आने पर विभाग की ओर से कमेटियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गौर हो कि शिक्षा विभाग ने राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे हैं. इन आवेदनों की छंटनी के लिए कमेटियां गठित की गई है. शिक्षकों के आवेदन करने के बाद उनकी छंटनी जिलास्तरीय कमेटी की ओर से की जाएगी. ऐसे में अगर आवेदनों की छंटनी में लापरवाही होती है और किसी शिक्षक का आवेदन नियमों को अनदेखा कर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भेजा जाता है, तो इसके लिए जिला कमेटी ही जिम्मेवार होगी.

शिक्षा विभाग ने यह निर्देश जारी किए हैं कमेटियां इस बात का ख्याल रखें कि कोई भी ऐसा आवेदन राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग के पास ना आए जो कि नियमों को पूरा ना करता हो. बता दें कि शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष भी जिन शिक्षकों के नाम राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए फाइनल किए थे, उसमें एक ऐसे शिक्षक का नाम भी शामिल था, जिसके खिलाफ जांच चल रही थी. इस नाम को बाद में हटाया गया था. ऐसे में इस बार पुरस्कार के लिए ऐसे किसी भी शिक्षक के चयन को लेकर शिक्षा विभाग सजग हो गया है.

Intro:प्रदेश के शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में अपने सराहनीय कार्य के लिए 5 सितंबर को दिए जाने वाले राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए तय नियमों को पूरा करने वाले शिक्षकों के आवेदन ही कमेटियों को भेजने होंगे। अगर नियमों से बाहर जा कर किसी शिक्षक का आवेदन अगर शिक्षा विभाग में पहुंचता है तो उस पर विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग किसी भी तरह की लापरवाही आवेदनों को तय करने में बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर गलत आवेदन शिक्षा विभाग के पास आता है तो विभाग आवेदनों की छंटनी करने वाली जिला कमेटी पर कार्रवाई करेगी।


Body:शिक्षा विभाग ने राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे है। इन आवेदनों की छंटनी के लिए कमेटियां गठित की गई है जो तय नियमों को पूरा करने वाले शिक्षकों के ही आवेदन शिक्षा विभाग को भेजें। शिक्षकों के आवेदन करने के बाद उनकी छंटनी जिलास्तरीय कमेटी की ओर से की जाएगी। ऐसे में अगर आवेदनों की छंटनी में लापरवाही होती है और किसी शिक्षक का आवेदन नियमों को अनदेखा कर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भेजा जाता है तो इसके लिए जिला कमेटी ही जिम्मेवार होगी।


Conclusion:शिक्षा विभाग ने यह निर्देश जारी किए है कि जिला स्तर पर कमेटियां इस बात का ख्याल रखें कि कोई भी ऐसा आवेदन राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग के पास ना आए जो कि नियमों को पूरा ना करता हो। शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष भी जिन शिक्षकों के नाम राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए फाइनल किए थे उसमें एक ऐसे शिक्षक का नाम भी शामिल ही गया था जिसके खिलाफ जांच चल रही थी,जिसे बाद में हटाया गया था। ऐसे में इस बार इस तरह की कोई गलती ना हो और ऐसे किसी शिक्षक का चयन इस पुरस्कार के लिए ना हो पाए इसे लेकर शिक्षा विभाग सजग हो गया है
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