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हिमाचल में आबकारी विभाग ने 31 मई तक 1004 करोड़ का टैक्स किया एकत्र, पिछले साल के मुकाबले 13% अधिक

हिमाचल प्रदेश के खजाने में आबकारी विभाग द्वारा 1004 करोड़ जमा हुआ है. जो की पिछले साल के मुकबाले यह 13 प्रतिशत अधिक है. पढ़ें पूरी खबर....

Excise Department Himachal
हिमाचल आबकारी विभाग ने जुटाया 1004 करोड़ रुपए का टैक्स
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Published : Jun 13, 2023, 8:38 PM IST

शिमला: हिमाचल के आबकारी विभाग ने इस वित्त वर्ष में 1004 करोड़ रुपए का कर एकत्र किया है जो कि पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी अधिक है. बीते साल में यह इस अवधि में 890 करोड़ रुपए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने निरंतर निगरानी, टैक्स रिटर्न की शीघ्र जांच, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ऑडिट को समय पर पूरा करने और कर अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष बल दिया है, इसके चलते कर में यह बढोतरी हुई है.

'1.85 लाख ई-वे बिल का हुआ वेरिफिकेशन': मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में कर सुधारों लागू करने की दिशा में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है. इसका मकसद करदाताओं को स्वेच्छा से कर के उचित हिस्से का योगदान करने के लिए प्रेरित करना है. सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 13 लाख ई-वे बिलों के वेरिफिकेशन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा 1.85 लाख ई-वे बिल वेरिफाई किए गए. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में उल्लंघनकर्ताओं से जुर्माने के रूप में 92 लाख रुपये वसूल किए गए हैं.

'कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को किया गया उजागर': मुख्यमंत्री ने कहा कि कर प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य ने जीएसटी राजस्व वृद्धि और क्षमता वृद्धि परियोजना शुरू की है. इस पहल का उद्देश्य विभाग की डेटा विश्लेषण क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार करना है. इसके अंतर्गत धोखाधड़ी करने वाले करदाताओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, और हाल के महीनों में, कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को उजागर किया गया है. फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी विशेष अभियान 15 मई को शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों का पता लगाना और उनमें रोक लगाना है.

'करदाताओं के बीच अनुपालना की संस्कृति को दिया बढ़ावा': मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी जीएसटी प्रणाली एवं सरकार से प्रयासों से राज्य सरकार ने न केवल कर राजस्व में वृद्धि दर्ज की है, बल्कि करदाताओं के बीच अनुपालना की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त धनराशि सरकार को बेहतर बुनियादी अधोसंरचना के निर्माण और आर्थिक विकास को गति देने में सक्षम बनाती है. यह सफलता एक मजबूत और कुशल कर प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे राज्य सराकर और इसके नागरिकों दोनों लाभान्वित हुए हैं.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने का मिल रहे हैं. राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस ने कहा कि विभाग द्वारा चालू वित्त वर्ष में 31 मई तक लगभग 1004 करोड़ रुपए का उल्लेखनीय कर एकत्र किया गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि के दौरान पिछले वित्त वर्ष के दौरान 890 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.

ये भी पढ़ें: वनों में सूखे पेड़ों की मार्किंग के लिए तैयार होंगे SOP, इमारती लकड़ी की बिक्री ऑनलाइन होगी

शिमला: हिमाचल के आबकारी विभाग ने इस वित्त वर्ष में 1004 करोड़ रुपए का कर एकत्र किया है जो कि पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी अधिक है. बीते साल में यह इस अवधि में 890 करोड़ रुपए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने निरंतर निगरानी, टैक्स रिटर्न की शीघ्र जांच, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ऑडिट को समय पर पूरा करने और कर अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष बल दिया है, इसके चलते कर में यह बढोतरी हुई है.

'1.85 लाख ई-वे बिल का हुआ वेरिफिकेशन': मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में कर सुधारों लागू करने की दिशा में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है. इसका मकसद करदाताओं को स्वेच्छा से कर के उचित हिस्से का योगदान करने के लिए प्रेरित करना है. सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 13 लाख ई-वे बिलों के वेरिफिकेशन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा 1.85 लाख ई-वे बिल वेरिफाई किए गए. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में उल्लंघनकर्ताओं से जुर्माने के रूप में 92 लाख रुपये वसूल किए गए हैं.

'कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को किया गया उजागर': मुख्यमंत्री ने कहा कि कर प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य ने जीएसटी राजस्व वृद्धि और क्षमता वृद्धि परियोजना शुरू की है. इस पहल का उद्देश्य विभाग की डेटा विश्लेषण क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार करना है. इसके अंतर्गत धोखाधड़ी करने वाले करदाताओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, और हाल के महीनों में, कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को उजागर किया गया है. फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी विशेष अभियान 15 मई को शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों का पता लगाना और उनमें रोक लगाना है.

'करदाताओं के बीच अनुपालना की संस्कृति को दिया बढ़ावा': मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी जीएसटी प्रणाली एवं सरकार से प्रयासों से राज्य सरकार ने न केवल कर राजस्व में वृद्धि दर्ज की है, बल्कि करदाताओं के बीच अनुपालना की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त धनराशि सरकार को बेहतर बुनियादी अधोसंरचना के निर्माण और आर्थिक विकास को गति देने में सक्षम बनाती है. यह सफलता एक मजबूत और कुशल कर प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे राज्य सराकर और इसके नागरिकों दोनों लाभान्वित हुए हैं.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने का मिल रहे हैं. राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस ने कहा कि विभाग द्वारा चालू वित्त वर्ष में 31 मई तक लगभग 1004 करोड़ रुपए का उल्लेखनीय कर एकत्र किया गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि के दौरान पिछले वित्त वर्ष के दौरान 890 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.

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