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कम वेतन और बेरोजगारी है आर्थिक मंदी के मुख्य कारण- तपन सेन

सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान देश की आर्थिक मंदी के लिए केन्द्र्र सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया है. तपन सेन ने कहा कि मंदी के इस दौर से जिपटने के लिए सिर्फ ही 2 रास्ते हैं.

tapan sen acussed modi government
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Published : Sep 14, 2019, 6:45 PM IST

शिमलाः देश में चल रही आर्थिक सुस्ती को लेकर सीटू ने चिंता जताई है. शिमला में सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने शनिवार को देश की आर्थिक व्यवस्था को लेकर पत्रकार वार्ता की. सीटू ने आर्थिक सुस्ती के लिए केंद्र में मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया है.

तपन सेन ने कहा कि देश में जो आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है, वह न्यूनतम वेतन के स्तर को नीचे धकेलना और बेरोजगारी के कारण आई है. आज बाजार में उत्पाद होते हुए भी लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं. एक तो बेरोजगारी अधिक है, दूसरा न्यूनतम वेतन बहुत कम है. जिससे आर्थिक मंदी लगातार बढ़ती जा रही है.

वीडियो.

सीटू के राष्ट्रीय महसचिव ने कहा कि सरकार को आर्थिक मंदी से उभरने के लिए दो रास्ते हैं. न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 18,000 करे या फिर निर्यात अधिक मात्रा में करे, लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है कि निर्यात को बढ़ाया जाए.

सेन ने कहा कि बेरोजगारी ही आर्थिक मंदी के लिए जिम्मेवार है, क्योंकि पढ़े-लिखे युवक बेरोजगार हैं. नौकरियों की संख्या सीमित है. सरकार रोजगार के साधन बढ़ाने के बजाए रोजगार के साधन बंद कर रही है.

तपन ने कहा कि बड़े-बड़े उद्योग बंद कर दिए हैं और लोगों की नौकरी जा रही हैं. जिससे आर्थिक मंदी लगातार बढ़ती जा रही है. लोगों को अपना न्यूनतम वेतन 18,000 करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा और सड़कों पर उतरना पड़ेगा.

देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है और हिमाचल में सरकार विधायकों के भत्ते बढ़ा रही है जो की सही नहीं है. तपन ने कहा कि केंद्र की नीतियों के विरोध में 30 सितंबर को राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित होगा जिसमें आगे संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी.

शिमलाः देश में चल रही आर्थिक सुस्ती को लेकर सीटू ने चिंता जताई है. शिमला में सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने शनिवार को देश की आर्थिक व्यवस्था को लेकर पत्रकार वार्ता की. सीटू ने आर्थिक सुस्ती के लिए केंद्र में मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया है.

तपन सेन ने कहा कि देश में जो आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है, वह न्यूनतम वेतन के स्तर को नीचे धकेलना और बेरोजगारी के कारण आई है. आज बाजार में उत्पाद होते हुए भी लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं. एक तो बेरोजगारी अधिक है, दूसरा न्यूनतम वेतन बहुत कम है. जिससे आर्थिक मंदी लगातार बढ़ती जा रही है.

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सीटू के राष्ट्रीय महसचिव ने कहा कि सरकार को आर्थिक मंदी से उभरने के लिए दो रास्ते हैं. न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 18,000 करे या फिर निर्यात अधिक मात्रा में करे, लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है कि निर्यात को बढ़ाया जाए.

सेन ने कहा कि बेरोजगारी ही आर्थिक मंदी के लिए जिम्मेवार है, क्योंकि पढ़े-लिखे युवक बेरोजगार हैं. नौकरियों की संख्या सीमित है. सरकार रोजगार के साधन बढ़ाने के बजाए रोजगार के साधन बंद कर रही है.

तपन ने कहा कि बड़े-बड़े उद्योग बंद कर दिए हैं और लोगों की नौकरी जा रही हैं. जिससे आर्थिक मंदी लगातार बढ़ती जा रही है. लोगों को अपना न्यूनतम वेतन 18,000 करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा और सड़कों पर उतरना पड़ेगा.

देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है और हिमाचल में सरकार विधायकों के भत्ते बढ़ा रही है जो की सही नहीं है. तपन ने कहा कि केंद्र की नीतियों के विरोध में 30 सितंबर को राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित होगा जिसमें आगे संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी.

Intro:न्यूनतम मजदूरी को नीचे धकेलना व बेरोजगारी आर्थिक मंदी का मुख्य कारण-तपन सेन
शिमला।
देश मे आर्थिक मंदी पर सीटू ने चिंता जताई है। सीटू ने आर्थिक मंदी के लिए केंद्र में मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया है। यह बात शनिवार को शिमला में सीटू ने राष्ट्रीय महसचिव तपन सेन ने एक पत्रकार वार्ता में कही।


Body:उन्होंने कहा कि देश मे जो आर्थिक मंदी आयी है वह न्यूनतम वेतन के स्तर को नीचे धकेलना ओर बेरोजगारी के कारण आयी है। उन्होंने कहा कि आज बाजार में उत्पाद तो है पर लोगो के पास खरीदने को पैसे नही है। क्यो की एक तो बेरोजगारी अधिक है दूसरा न्यूनतम वेतन बहुत कम है। तपन ने कहा कि सरकार को आर्थिक मंदी से उभरने के लिए 2 रास्ते है या तो न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 18000 करे या फिर निर्यात अधिक मात्रा में करे ।उन्होंने कहा कि लेकिन स्थिति ऐसी नही है कि निर्यात को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी में आर्थिक मंदी के लिए जिम्मेवार है क्योकि पढ़े लिखे युवक बेरोजगार है नोकरियों की संख्या सीमित है ।उन्होंने कहा सरकार रोजगार के साधन बढ़ाने के बजाए रोजगार के साधन बन्द कर रही है।


Conclusion:तपन ने कहा कि बड़े बड़े उद्योग बंद कर दिए है लोगो की नोकरी जा रही है जिससे आर्थिक मंदी बढ़ती जा रहीं है।।उन्होंने कहा कि लोगो को अपना न्यूनतम वेतन 18000 करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा और सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है और हिमाचल में सकरार विधायको के भत्ते बढ़ा रही है और सिर्फ एक विधायक ही इसका विरोध करता है। तपन ने कहा कि केन्द्र्र की नीतियों के विरोध में 30सितंबर को राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित होगा जिसमें आगे संघर्ष की रणनीति तय करेंगे।
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