शिमला: हिमाचल प्रदेश के चर्चित संजौली मस्जिद विवाद को लेकर शिमला की एक जिला अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला 14 नवंबर तक सुरक्षित रख लिया है. दोनों पक्षों की तरफ से पेश हुए वकीलों ने सुनवाई के बाद मीडिया से केस के संबंध में बातचीत की.
ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन के वकील विश्व भूषण ने कहा कि, 'सभी पक्षों ने अपनी बात कोर्ट में रखी और अदालत में उन्हें सुना गया. कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को रखी गई है. अगली सुनवाई में कोर्ट ये फैसला सुना देगा कि लोकल रेजिडेंट कमेटी संजौली को मामले में पार्टी बनाया जाए या नहीं.'
लोकल रेजिडेंट्स में दायर की थी अर्जी
वहीं, लोकल रेजिडेंट्स कमेटी संजौली की तरफ से पेश हुए वकील जगतपाल ठाकुर ने कहा कि, 'अदालत में ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के स्पोक्स पर्सन नजाकत अली हाशमी ने जो अपील दायर कर रखी थी, जो छह नवंबर को एडीजे कोर्ट में लिस्टेड थी. उसे आज कोर्ट में रिप्लाई के लिए रखा गया था. हमने 21 अक्टूबर 2024 के हाईकोर्ट के ऑर्डर के आधार पर एक अर्जी कोर्ट में दायर की थी. ऑर्डर में साफ लिखा था कि, जब-जब इस केस की सुनवाई होगी सभी स्टेक होल्डर को सुना जाएगा. इसी के तहत हमने एक फॉर्मल एप्लीकेशन दी थी, ताकि हमारी भी सुनवाई की जाए. हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी हमने कोर्ट में लगाई है. इस पर आज बहस हुई है. अब 14 नवंबर को इसे ऑर्डर पर रखा गया है. इसी दिन कोर्ट मुख्य केस में भी इस पर फैसला सुनाएगा. हाईकोर्ट से इसका टाइम बाउंड डायरेक्शन है. ज्यादा समय तक कोर्ट एमसी कोर्ट के रिकॉर्ड को होल्ड नहीं सकता है, जब तक ये रिकॉर्ड वापस नहीं जाएगा, तब तक एमसी कमिश्नर इस केस की सुनवाई नहीं सकते हैं. ऐसे में 14 नवंबर को इसका फैसला हो जाएगा.'
ये था मामला
बता दें कि संजौली मस्जिद विवाद के बाद संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ और अन्य ने एमसी कोर्ट शिमला में हल्फनामा दायर कर मस्जिद के अवैध ढांचे को गिराने की अनुमति मांगी थी. कमिश्नर ने मस्जिद कमेटी को ये अनुमति दे दी थी और दो माह में अपने खर्च पर अवैध निर्माण हटाने को कहा था. अनुमति मिलने के बाद संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण हटाने का काम शुरू हुआ.
मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन पहुंची थी अदालत
इसी बीच ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने मामले में जिला अदालत का रुख किया. जिला अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान नज़ाकत अली हाशमी ने ओर से दलील दी गई कि संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ हलफनामा देने की योग्यता नहीं रखते. उन्होंने मोहम्मद लतीफ के हलफनामे को चुनौती दी है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला अदालत ने अगली सुनवाई 14 नवंबर तय की है.
बता दें कि इसी मामले में संजौली लोकल रेजिडेंट्स कमेटी ने हाईकोर्ट में एक आवेदन दाखिल किया था जिसकी सुनवाई के बाद अदालत ने नगर निगम को साल 2010 में मस्जिद में अवैध निर्माण से जुड़ी शिकायत का 20 दिसंबर तक निपटारा करने के आदेश दिए थे.