रामपुर/शिमला: कोरोना संकट में शायद ही कोई वर्ग इससे अछूता रहा होगा. कोरोना काल के दौरान टेलरिंग व कटिंग का काम भी प्रभावित हुआ है. जिला शिमला के रामपुर में टेलरिंग व कटिंग का काम प्रभावित होने पर इससे जुड़े लोगों को खासा नुकसान हुआ है.
कोरोना के डर से लोग बाजार में कपड़े सीलने के लिए नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण इससे जुड़े लोगों को दुकान का किराया और कारीगरों का मानदेय देना मुश्किल हो रहा है. रामपुर के टेलर मास्टर ने कहा कि कोरोना काल के चलते टेलरिंग व कटिंग का काम काफी प्रभावित हुआ है.
पहले की अपेक्षा अब काम 20 से 25 प्रतिशत तक रह गया है. ऐसे में अधिकतर उनके पास काम करने वाले कारीगर भी बेरोजगार हो चुके हैं. पहले उनके पास करीब 25 कारीगर काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना के चलते अब करीब 5 कारीगर ही काम कर रहे हैं.
टेलर मास्टर ने कहा कि आए दिन काम नहीं मिल पा रहा है. पहले की अपेक्षा काम में भारी गिरावट आई है. पहले सौ प्रतिशत काम होता था. उसकी अपेक्षा में अब आए दिन 20 से 25 प्रतिशत काम ही चल रहा है. ऐसे में दुकान का किराया व कारीगरों का मानदेय निकालना भी मुश्किल हो रहा है.
वहीं, दुकानदार ने बताया कि ऐसे में लोग कम ही कपड़े बाजार में सीलने को दे रहे हैं, जिससे टेलरिंग का काम नहीं चल पा रहा है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लॉकडाउन खुल रहा है, वैसे वैसे अब काम बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में आने वाले समय में काम बढ़ने पर अन्य कामगारों को भी काम पर फिर से बुलाया जाएगा. वहीं, ऐसी ही स्थिति रहने पर कामगारों को भी काम पर नहीं बुलाया जाएगा.
टेलर मास्टर ने बताया कि लॉकडाउन में ज्यादातर लोग अपने घरों में ही कैद थे. इसीलिए लोगों का बाहर आना-जाना अभी भी कम ही है. यही कारण है कि ज्यादातर लोग कपड़े सीलने के लिए नहीं दे रहे हैं, जिससे काम काफी प्रभावित हो रहा है.
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