शिमला: शहरी विकास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस पार्टी पर किसानों को कृषि कानून पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस कृषि विधेयकों से आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी किसान विरोधी नीतियों की पैरवी कर रही है.
किसानों के लिए काम कर रही बीजेपी
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस चुनिंदा मुट्ठी भर लोगों के हाथों की कठपुतली बनी बैठी है, जो पूर्व में कृषि समुदाय का शोषण कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है, जिसके लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत भी की गई है.
पचा पा रही कांग्रेस
सरकार ने इन कृषि योजनाओं व नीतियों को सफल बनाने के लिए इन कानूनों को पारित किया है, लेकिन कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी किसानों को खंडित प्रणाली की बेड़ियों से बाहर लाने के पक्ष में नहीं है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी व कानूनों का विरोध करने में शामिल लोग किसानों के शुभचिंतक नहीं हैं और बिचैलियों के इशारे पर काम कर रहे हैं.
मगरमच्छ के आंसू बहा रही कांग्रेस
मंत्री ने कहा कि कार्यान्वित किए गए अधिनियमों से किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि उन्हें अपनी उपज के विपणन की स्वतंत्रता प्रदान होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मगरमच्छ के आंसू बहा रही है और दावा कर रही है कि नए कानून कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को प्रभावित करेगा. यही कांग्रेस पार्टी यूपीए शासन के दौरान एपीएमसी को समाप्त करने की वकालत करती रही और वर्ष 2019 के आम चुनावों के दौरान ऐसा करने का वायदा भी कर रही थी.
सरकारी खरीद में कोई बदलाव नहीं
कृषि विधेयक के बारे में अधिक जानकारी देत हुए मंत्री ने कहा कि एपीएमसी और विपणन बोर्ड पहले की तरह काम करते रहेंगे. राज्य सरकार पहले की तरह उन्हें अनुदान और सहायता प्रदान करती रहेगी. यह विधेयक केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में नहीं हैं और एमएसपी के अंतर्गत सरकारी खरीद में कोई बदलाव नहीं होगा. इससे राज्य में निजी मंडियों के बुनियादी ढांचे के विकास को अनुमति मिलेगी और किसानों की बाजार तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होगी.
मूल्य में उतार-चढ़ाव पर लगेगा नियंत्रण
मंत्री ने यह भी कहा कि इस विधेयक से किसानों को बेहतर आय विकल्पों के साथ बुवाई के समय कृषि उपज का बेहतर मूल्य सुनिश्चित होगा. यह नकदी फसलों पर अधिक ध्यान देने के साथ विविधीकरण को बढ़ावा देगा. इससे कृषि व्यवसाय आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के साथ-साथ मूल्य में उतार-चढ़ाव पर भी नियंत्रण लगेगा.