ETV Bharat / state

सुक्खू की जयराम सरकार को सलाह, जल्दबाजी में न बुलाएं शीतकालीन सत्र

सुक्खू ने कहा सर्दियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा ज्यादा है. सरकार को जल्दबाजी में सत्र बुलाने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए. सरकार शीतकालीन सत्र प्रदेश में कोरोना के प्रभाव के कम होने पर भी बुला सकती थी.

सुखविंद्र सिंह सुक्खू
सुखविंद्र सिंह सुक्खू
author img

By

Published : Nov 12, 2020, 7:58 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में 7 से 11 सितंबर तक आयोजित करने का फैसला लिया गया है. सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विधायक सुखविंदर सिंह ने आपत्ति जताई है.

विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बुलाने का सुझाव प्रदेश सरकार को दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सत्र बुलाना उचित नहीं है. सरकार दूरदर्शिता का परिचय देते हुए 7 से 11 दिसंबर तक धर्मशाला में सत्र बुलाने के अपने फैसले पर पुर्नविचार करे.

सुक्खू ने कहा सर्दियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा ज्यादा है. सरकार को जल्दबाजी में सत्र बुलाने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए. सरकार शीतकालीन सत्र प्रदेश में कोरोना के प्रभाव के कम होने पर भी बुला सकती थी. एक तरफ सरकार स्कूल कॉलेजों को बंद कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ शीतकालीन सत्र बुलाकर जनप्रतिनिधियों की जान को संकट में डाल रही है.

सुक्खू ने कहा कि शीतकालीन सत्र धर्मशाला में होने के कारण पूरा प्रशासनिक अमला शिमला से जाएगा. विधानसभा के अधिकारी व अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगेगी. ऐसे में इन सब के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह है कि फिलहाल सत्र को टाल दिया जाए.

शिमला: हिमाचल सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में 7 से 11 सितंबर तक आयोजित करने का फैसला लिया गया है. सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विधायक सुखविंदर सिंह ने आपत्ति जताई है.

विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बुलाने का सुझाव प्रदेश सरकार को दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सत्र बुलाना उचित नहीं है. सरकार दूरदर्शिता का परिचय देते हुए 7 से 11 दिसंबर तक धर्मशाला में सत्र बुलाने के अपने फैसले पर पुर्नविचार करे.

सुक्खू ने कहा सर्दियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा ज्यादा है. सरकार को जल्दबाजी में सत्र बुलाने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए. सरकार शीतकालीन सत्र प्रदेश में कोरोना के प्रभाव के कम होने पर भी बुला सकती थी. एक तरफ सरकार स्कूल कॉलेजों को बंद कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ शीतकालीन सत्र बुलाकर जनप्रतिनिधियों की जान को संकट में डाल रही है.

सुक्खू ने कहा कि शीतकालीन सत्र धर्मशाला में होने के कारण पूरा प्रशासनिक अमला शिमला से जाएगा. विधानसभा के अधिकारी व अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगेगी. ऐसे में इन सब के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह है कि फिलहाल सत्र को टाल दिया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.