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शराब के ठेके भरेंगे सुखविंदर सरकार का खजाना, इस बार करीब 2400 करोड़ की कमाई का लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश में इस समय 2042 शराब के ठेके हैं. हिमाचल सरकार को शराब ठेकों की नीलामी से अच्छी आय हुई है. इस बार करीब 2400 करोड़ की कमाई का लक्ष्य रखा गया है. (liquor contracts in Himachal Pradesh) (Sukhu Govt earns from liquor contracts in Himachal)

Liquor contracts in Himachal
Liquor contracts in Himachal
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Published : Mar 19, 2023, 7:10 AM IST

शिमला: हिमाचल में पांच साल के बाद शराब के ठेके नीलाम हो रहे हैं. सुखविंदर सिंह सरकार को शराब ठेकों की नीलामी से अच्छी आय हुई है. अभी तक की नीलामी में विभिन्न जिलों के ठेकों से सरकार को 1815 करोड़ रुपए से अधिक की रकम मिल चुकी है. खुली बोली से अभी जो ठेके नीलाम हुए हैं, उससे सरकार को नीलामी फीस के तौर पर 1815 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुके हैं. राज्य सरकार ने इस साल आबकारी नीति लाई है, उससे 2350 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व आएगा. ये रकम बढ़ भी सकती है.

इस वित्तीय वर्ष में यानी 31 मार्च तक 2023 तक 2131 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया गया था. पूर्व की जयराम सरकार ने ठेकों की नीलामी की बजाय लाइसेंस फीस रिन्यू कर 1296 करोड़ रुपए जुटाए थे. अब सुखविंदर सिंह सरकार ने ठेकों की नीलामी से 1800 करोड़ रुपए से अधिक जुटा लिए हैं. अभी तो ये ऑक्शन फीस है. फिर लाइसेंस फीस से राजस्व मिलेगा. ठेकों की नीलामी से रिन्यूअल फीस के मुकाबले औसतन चालीस फीसदी उछाल आया है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में इस समय 2042 शराब के ठेके हैं. इसमें 300 से अधिक अंग्रेजी शराब के ठेके हैं. हिमाचल में 18 मार्च तक शराब ठेकों की नीलामी की तिथि तय की गई थी. जहां तक रुपयों की बात है तो शिमला जिला से सबसे अधिक ऑक्शन फीस मिली है.

टोल टैक्स की अधिसूचना भी जारी: हिमाचल के खजाने की सेहत सुधारने के लिए सुखविंदर सिंह सरकार ने टोल फीस भी बढ़ाई है. हिमाचल में आने वाले मालवाहक वाहनों व अन्य को टोल टैक्स की बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा. हिमाचल सरकार ने टोल बैरियर की नीलामी से इस साल हिमाचल में टोल टैक्स 8 से 15 फीसदी बढ़ा है. आने वाले वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में सरकार टोल टैक्स से 132 करोड़ रुपए कमाएगी. वित्त वर्ष 2022-23 में ये कमाई 109 करोड़ रुपए है. हिमाचल में प्रवेश पर 250 क्विंटल सामान से लदे भारी मालवाहक वाहन को 600 रुपए टोल चुकाना होगा. जिस वाहन की क्षमता 120 क्विंटल की होगी, उसे 500 रुपए चुकाने होंगे. इसी तरह सवारी वाले वाहनों का भी अलग-अलग रेट है. यात्री वाहन को उनकी किस्म के अनुरूप 140 रुपए से लेकर 30 रुपए तक चुकाने होंगे. तीस रुपए दोपहिया वाहनों के लिए है.

ये भी पढ़ें: वित्त वर्ष 2024-25 में 1 लाख करोड़ के कर्ज में डूब जाएगा हिमाचल, इस साल 11840 करोड़ का लोन लेगी सरकार

शिमला: हिमाचल में पांच साल के बाद शराब के ठेके नीलाम हो रहे हैं. सुखविंदर सिंह सरकार को शराब ठेकों की नीलामी से अच्छी आय हुई है. अभी तक की नीलामी में विभिन्न जिलों के ठेकों से सरकार को 1815 करोड़ रुपए से अधिक की रकम मिल चुकी है. खुली बोली से अभी जो ठेके नीलाम हुए हैं, उससे सरकार को नीलामी फीस के तौर पर 1815 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुके हैं. राज्य सरकार ने इस साल आबकारी नीति लाई है, उससे 2350 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व आएगा. ये रकम बढ़ भी सकती है.

इस वित्तीय वर्ष में यानी 31 मार्च तक 2023 तक 2131 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया गया था. पूर्व की जयराम सरकार ने ठेकों की नीलामी की बजाय लाइसेंस फीस रिन्यू कर 1296 करोड़ रुपए जुटाए थे. अब सुखविंदर सिंह सरकार ने ठेकों की नीलामी से 1800 करोड़ रुपए से अधिक जुटा लिए हैं. अभी तो ये ऑक्शन फीस है. फिर लाइसेंस फीस से राजस्व मिलेगा. ठेकों की नीलामी से रिन्यूअल फीस के मुकाबले औसतन चालीस फीसदी उछाल आया है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में इस समय 2042 शराब के ठेके हैं. इसमें 300 से अधिक अंग्रेजी शराब के ठेके हैं. हिमाचल में 18 मार्च तक शराब ठेकों की नीलामी की तिथि तय की गई थी. जहां तक रुपयों की बात है तो शिमला जिला से सबसे अधिक ऑक्शन फीस मिली है.

टोल टैक्स की अधिसूचना भी जारी: हिमाचल के खजाने की सेहत सुधारने के लिए सुखविंदर सिंह सरकार ने टोल फीस भी बढ़ाई है. हिमाचल में आने वाले मालवाहक वाहनों व अन्य को टोल टैक्स की बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा. हिमाचल सरकार ने टोल बैरियर की नीलामी से इस साल हिमाचल में टोल टैक्स 8 से 15 फीसदी बढ़ा है. आने वाले वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में सरकार टोल टैक्स से 132 करोड़ रुपए कमाएगी. वित्त वर्ष 2022-23 में ये कमाई 109 करोड़ रुपए है. हिमाचल में प्रवेश पर 250 क्विंटल सामान से लदे भारी मालवाहक वाहन को 600 रुपए टोल चुकाना होगा. जिस वाहन की क्षमता 120 क्विंटल की होगी, उसे 500 रुपए चुकाने होंगे. इसी तरह सवारी वाले वाहनों का भी अलग-अलग रेट है. यात्री वाहन को उनकी किस्म के अनुरूप 140 रुपए से लेकर 30 रुपए तक चुकाने होंगे. तीस रुपए दोपहिया वाहनों के लिए है.

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