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PWD की लापरवाही! छात्रों पर पड़ रही भारी, शिक्षा विभाग को नहीं मिली राज्य पुस्तकालय भवन की NOC

एनओसी ना मिलने से ना तो भवन में पुस्तकालय शिफ्ट हो पाया है और ना ही इसमें बाकी बचा काम पूरा हो पा रहा है. लोक निर्माण विभाग की बड़ी लापरवाही को देखते हुए शिक्षा विभाग ने भी पीडब्ल्यूडी को भवन निर्माण के लिए जारी की जाने वाली राशि को रोक दिया है.

विधानसभा के समीप कैनेडी चौक में राज्य पुस्तकालय
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Published : Aug 26, 2019, 9:45 PM IST

शिमला: विधानसभा के समीप बनाए गए भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर राज्य पुस्तकालय के निर्माण में एक बड़ी खामी भवन के उद्घाटन होने के सात माह बीतने के बाद सामने आई है. इस भवन का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग ने फॉरेस्ट लॉ का उल्लंघन कर किया है, जिससे अब वन विभाग शिक्षा विभाग को इस भवन की एनओसी नहीं दे रहा है.

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एनओसी ना मिलने से ना तो भवन में पुस्तकालय शिफ्ट हो पाया है और ना ही इसमें बाकी बचा काम पूरा हो पा रहा है. लोक निर्माण विभाग की बड़ी लापरवाही को देखते हुए शिक्षा विभाग ने भी पीडब्ल्यूडी को भवन निर्माण के लिए जारी की जाने वाली राशि को रोक दिया है.

बता दें कि 12 करोड़ की लागत से तैयार किए गए इस भवन में मात्र 4 करोड़ ही पीडब्ल्यूडी को जारी किए गए थे. अब जब तक इस मामले में विभाग को एनओसी नहीं मिलती है तब तक शेष बची हुई राशि पीडब्ल्यूडी को जारी नहीं की जाएगी. वहीं लोक निर्माण विभाग ने शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की बात कही है.

शिक्षा विभाग की बिल्डिंग ब्रांच को आनन-फानन में जल्द से जल्द मामले को सुलझाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. यहां तक की सरकार के समक्ष भी मामले को लाने पर विचार हो रहा है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इतने बड़े भवन के निर्माण में इतनी बड़ी चूक पीडब्ल्यूडी ने कैसे की.

बता दें की शिमला में विधानसभा के समीप कैनेडी चौक में राज्य पुस्तकालय का सात मंजिला एक नया भवन बनाया गया है. भवन में शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर चल रहे राज्य पुस्तकालय को शिफ्ट किया जाना है. रिज मैदान के जिस भवन में अभी राज्य पुस्तकालय चल रहा है वह भवन खस्ताहाल है. भवन में जहां पानी का रिसाव हो रहा है तो वहीं ना तो किताबों को रखने के लिए और ना ही इन्हें पढ़ने वालों के लिए बैठने की जगह पुस्तकालय में है.

राज्य पुस्तकालय का उद्घाटन फरवरी माह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था. भवन का उद्घाटन हुए 7 माह का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक इसमें पढ़ने की सुविधा छात्रों को नहीं मिल पा रही है. उद्घाटन के बाद भवन जस का तस बंद पड़ा हुआ है. यहां तक कि इस भवन में पानी, बिजली और सीवरेज तक के कनेक्शन अभी नहीं लग पाए है. यह सब कार्य तब तक पूरे नहीं हो पाएंगे जब तक ये भवन शिक्षा विभाग के सुपुर्द नहीं होता.

12 करोड़ की लागत से राज्य पुस्तकालय के इस नए भवन का निर्माण 2 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में किया गया है. इस पुस्तकालय में 72,400 के करीब पुस्तकों का संग्रह है जो कि छात्रों सहित शोधरत छात्रों और आम लोगों के लिए उपयोगी होगा. इस पुस्तकालय को सभी सुविधाओं से लैस किया गया है जिसमें अध्ययन कक्ष,पटल,लाइब्रेरियन कक्ष,पुस्तकों को निकालने और जमा करने के साथ ही कंप्यूटर अनुभाग,तकनीकी अनुभाग,कैंटीन,बाइंडिंग क्षेत्र,सर्वर कक्ष,बिजली कक्ष ओर डिजिटलाइजेशन अनुभाग भी अलग-अलग बनाए गए है.

ये भी पढे़ें: DC हमीरपुर ने दुकानों के अलॉटमेंट को लेकर नगर परिषद से मांगा ब्यौरा, जारी किए ये निर्देश

पुस्तकालय में सभी तरह की हाइटेक सुविधाएं तो छात्रों को मुहैया करवाई गई हैं, लेकिन इसके निर्माण के दौरान हुई पीडब्ल्यूडी की लापरवाही और कहीं न कहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ गईं है. भवन में उद्घाटन के बाद से ही ताला लगा हुआ है. अब जब तक फॉरेस्ट विभाग से क्लीरेंस नहीं मिलती है तब तक पुस्तकालय के लिए बनाया गया यह भवन ना शिक्षा विभाग को मिल पाएगा और ना ही राज्य पुस्तकालय इसमें शिफ्ट हो पाएगा.

शिमला: विधानसभा के समीप बनाए गए भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर राज्य पुस्तकालय के निर्माण में एक बड़ी खामी भवन के उद्घाटन होने के सात माह बीतने के बाद सामने आई है. इस भवन का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग ने फॉरेस्ट लॉ का उल्लंघन कर किया है, जिससे अब वन विभाग शिक्षा विभाग को इस भवन की एनओसी नहीं दे रहा है.

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एनओसी ना मिलने से ना तो भवन में पुस्तकालय शिफ्ट हो पाया है और ना ही इसमें बाकी बचा काम पूरा हो पा रहा है. लोक निर्माण विभाग की बड़ी लापरवाही को देखते हुए शिक्षा विभाग ने भी पीडब्ल्यूडी को भवन निर्माण के लिए जारी की जाने वाली राशि को रोक दिया है.

बता दें कि 12 करोड़ की लागत से तैयार किए गए इस भवन में मात्र 4 करोड़ ही पीडब्ल्यूडी को जारी किए गए थे. अब जब तक इस मामले में विभाग को एनओसी नहीं मिलती है तब तक शेष बची हुई राशि पीडब्ल्यूडी को जारी नहीं की जाएगी. वहीं लोक निर्माण विभाग ने शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की बात कही है.

शिक्षा विभाग की बिल्डिंग ब्रांच को आनन-फानन में जल्द से जल्द मामले को सुलझाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. यहां तक की सरकार के समक्ष भी मामले को लाने पर विचार हो रहा है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इतने बड़े भवन के निर्माण में इतनी बड़ी चूक पीडब्ल्यूडी ने कैसे की.

बता दें की शिमला में विधानसभा के समीप कैनेडी चौक में राज्य पुस्तकालय का सात मंजिला एक नया भवन बनाया गया है. भवन में शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर चल रहे राज्य पुस्तकालय को शिफ्ट किया जाना है. रिज मैदान के जिस भवन में अभी राज्य पुस्तकालय चल रहा है वह भवन खस्ताहाल है. भवन में जहां पानी का रिसाव हो रहा है तो वहीं ना तो किताबों को रखने के लिए और ना ही इन्हें पढ़ने वालों के लिए बैठने की जगह पुस्तकालय में है.

राज्य पुस्तकालय का उद्घाटन फरवरी माह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था. भवन का उद्घाटन हुए 7 माह का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक इसमें पढ़ने की सुविधा छात्रों को नहीं मिल पा रही है. उद्घाटन के बाद भवन जस का तस बंद पड़ा हुआ है. यहां तक कि इस भवन में पानी, बिजली और सीवरेज तक के कनेक्शन अभी नहीं लग पाए है. यह सब कार्य तब तक पूरे नहीं हो पाएंगे जब तक ये भवन शिक्षा विभाग के सुपुर्द नहीं होता.

12 करोड़ की लागत से राज्य पुस्तकालय के इस नए भवन का निर्माण 2 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में किया गया है. इस पुस्तकालय में 72,400 के करीब पुस्तकों का संग्रह है जो कि छात्रों सहित शोधरत छात्रों और आम लोगों के लिए उपयोगी होगा. इस पुस्तकालय को सभी सुविधाओं से लैस किया गया है जिसमें अध्ययन कक्ष,पटल,लाइब्रेरियन कक्ष,पुस्तकों को निकालने और जमा करने के साथ ही कंप्यूटर अनुभाग,तकनीकी अनुभाग,कैंटीन,बाइंडिंग क्षेत्र,सर्वर कक्ष,बिजली कक्ष ओर डिजिटलाइजेशन अनुभाग भी अलग-अलग बनाए गए है.

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पुस्तकालय में सभी तरह की हाइटेक सुविधाएं तो छात्रों को मुहैया करवाई गई हैं, लेकिन इसके निर्माण के दौरान हुई पीडब्ल्यूडी की लापरवाही और कहीं न कहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ गईं है. भवन में उद्घाटन के बाद से ही ताला लगा हुआ है. अब जब तक फॉरेस्ट विभाग से क्लीरेंस नहीं मिलती है तब तक पुस्तकालय के लिए बनाया गया यह भवन ना शिक्षा विभाग को मिल पाएगा और ना ही राज्य पुस्तकालय इसमें शिफ्ट हो पाएगा.

Intro:विधानसभा के समीप बनाए गए भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर राज्य पुस्तकालय के निर्माण में एक बड़ी खामी भवन के उद्घाटन होने के सात माह बीतने के बाद सामने आई है। इस भवन का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग ने फॉरेस्ट लॉ का उल्लंघन
कर किया है जिससे अब वन विभाग शिक्षा विभाग को इस भवन की एनओसी नहीं दे रहा है। एनओसी ना मिलने से ना तो भवन में पुस्तकालय शिफ्ट हो पाया है ना ही इसमें बाकी बचा काम पूरा हो पा रहा है। अब जब लोक निर्माण विभाग की यह बड़ी लापरवाही सामने आई है तो शिक्षा विभाग ने भी पीडब्ल्यूडी को भवन निर्माण के लिए जारी की जाने वाली राशी को रोक दिया है। 12 करोड़ की लागत से तैयार किए गए इस भवन के मात्र 4 करोड़ ही पीडब्ल्यूडी को विभाग ने जारी किए है। अब जब तक इस मामले में एनओसी विभाग को नहीं मिलती है यह शेष बची हुई राशि पीडब्ल्यूडी को जारी नहीं की जाएगी। लोक निर्माण विभाग से शिक्षा विभाग जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की बात भी क़ई है। तो वही शिक्षा विभाग की बिल्डिंग ब्रांच को आननफानन में जल्द से जल्द मामले को सुलझा ने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यहां तक कि सरकार के समक्ष भी मामले को लाने पर विचार हो रहा है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इतने बड़े भवन के निर्माण में यह चूक पीडब्ल्यूडी ने कैसे की ओर अब इसका क्या खामियाजा दोनों विभागों को भुगतना होगा।



Body:बता दे की शिमला में विधानसभा के समीप कैनेडी चौक में राज्य पुस्तकालय का सात मंजिला एक नया भवन बनाया गया है।इस पुस्तकालय का उद्घाटन भी फरवरी माह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर दिया था। भवन का उद्घाटन हुए 7 माह का समय बीत चुका है तो भी इसमें पढ़ने की सुविधा ही छात्रों को नहीं मिल पा रही है। इस भवन में शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर चल रहे राज्य पुस्तकालय को शिफ्ट किया जाना है। रिज मैदान के जिस भवन में अभी राज्य पुस्तकालय चल रहा है वह भवन खस्ताहाल है। भवन में जहां पानी का रिसाव हो रहा है तो वहीं ना तो किताबों को रखने के लिए और ना ही इन्हें पढ़ने वालों के लिए बैठने की जगह इस पुस्तकालय में है। इन सब दिक्कतों को देखते हुए सरकार की ओर से शिमला विधानसभा के समीप राज्य पुस्तकालय का एक भव्य भवन बनाया गया था। उद्घाटन के बाद भवन जस का तस बंद पड़ा है और इसमें राज्य पुस्तकालय को शिफ्ट नहीं किया जा सका है। यहां तक कि इस भवन में पानी, बिजली और सीवरेज तक के कनेक्शन अभी नहीं लग पाए है। यह सब कार्य तब तक पूरे नहीं हो पाएंगे जब तक यहां भवन शिक्षा विभाग के सुपुर्द नहीं होता।


Conclusion:विधानसभा के निकट कैनेडी चौक में 12 करोड़ की लागत से राज्य पुस्तकालय के इस नए भवन का निर्माण 2 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में किया गया है। इस पुस्तकालय में 72,400 के करीब पुस्तकों का संग्रह है जो कि छात्रों सहित शोधरत छात्रों और आम लोगों जिन्हें पढ़ने का शौक़ है उनके लिए उपयोगी होगा। इस पुस्तकालय को सभी सुविधाओं से लैस किया गया है जिसमें अध्ययन कक्ष,पटल,लाइब्रेरियन कक्ष,पुस्तकों को निकालने ओर जमा करने के साथ ही कंप्यूटर अनुभाग,तकनीकी अनुभाग,कैंटीन,बाइंडिंग क्षेत्र,सर्वर कक्ष,बिजली कक्ष ओर डिजिटलाइजेशन अनुभाग भी अलग-अलग बनाए गए है। पुस्तकालय को इन्फिलिबिनेट के साथ जोड़ा गया है जिससे के अन्य पुस्तकालयों की किताबों को भी छात्र इस पुस्तकालय में आसानी से पढ़ सकते है। पुस्तकालय में सभी तरह की हाइटेक सुविधाएं तो छात्रों को मुहैया करवाई गई है लेकिन इसके निर्माण के दौरान हुई पीडब्ल्यूडी की लापरवाही ओर कहीं- कहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ गईं है। भवन में उद्घाटन के बाद भी ताला लगा है। अब जब तक फॉरेस्ट विभाग से क्लीरेंस नहीं मिलती है तब तक पुस्तकालय के लिए बनाया गया यह भवन शिक्षा विभाग को मिल पाएगा ओर ना ही राज्य पुस्तकालय इसमें शिफ्ट हो पाएगा।
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