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छात्रों को झेलनी पड़ रही परेशानी, शिक्षा विभाग को है बजट का इंतजार - फीस

केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है. इस कारण छात्रों को अपनी फीस चुकाने में परेशानी उठानी पड़ रही है.

छात्रवृत्ति
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Published : Aug 12, 2019, 8:16 AM IST

शिमला: प्रदेश में सत्र 2018-19 के एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है. दरअसल केंद्र की ओर से 25 फीसदी छात्रवृत्ति का खर्च प्रदेश सरकार को उठाने का नियम तय किया जा रहा है, जिससे अब स्थिति असमंजस भरी हो गई है. शिक्षा विभाग ने छात्रों के आवेदन छात्रवृत्ति के लिए मांग लिए है लेकिन शिक्षा विभाग के पास अभी तक बजट नहीं पहुंचा है.

बता दें कि केंद्र सरकार से नई गाइडलाइंस को लेकर किसी तरह के निर्देश अभी लिखित रूप में शिक्षा विभाग को जारी नहीं हुए हैं. एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों को पोस्ट मैट्रिक और प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति जारी करने का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती रही है. इसमें बदलाव कर केंद्र की 75 फीसदी तो प्रदेश की 25 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर चर्चा चल रही है. हालांकि, अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. इस वजह से केंद्र की ओर से सत्र 2018-19 की छात्रवृत्ति के लिए बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है.

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बता दें कि हर साल 1 लाख के करीब छात्र प्रदेश के स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से केंद्र सरकार की ओर से स्पॉन्सर्ड छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं. छात्रों को अपनी फीस चुकानी है लेकिन छात्रवृत्ति की राशि ना मिलने से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, अभी तक बीते वर्ष की छात्रवृत्ति छात्रों को नहीं जारी हो पाई है और सत्र 2019-20 के लिए छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

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इस बारे में प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत ने बताया कि सरकार छात्रवृत्ति को लेकर केंद्र सरकार के आदेशों का इंतजार कर रही है. साथ ही अगर आवश्यक हुआ तो केंद्र से छात्रवृत्ति को लेकर लिए गए इस नए फैसले में संशोधन करने की मांग भी की जाएगी.

शिमला: प्रदेश में सत्र 2018-19 के एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है. दरअसल केंद्र की ओर से 25 फीसदी छात्रवृत्ति का खर्च प्रदेश सरकार को उठाने का नियम तय किया जा रहा है, जिससे अब स्थिति असमंजस भरी हो गई है. शिक्षा विभाग ने छात्रों के आवेदन छात्रवृत्ति के लिए मांग लिए है लेकिन शिक्षा विभाग के पास अभी तक बजट नहीं पहुंचा है.

बता दें कि केंद्र सरकार से नई गाइडलाइंस को लेकर किसी तरह के निर्देश अभी लिखित रूप में शिक्षा विभाग को जारी नहीं हुए हैं. एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों को पोस्ट मैट्रिक और प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति जारी करने का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती रही है. इसमें बदलाव कर केंद्र की 75 फीसदी तो प्रदेश की 25 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर चर्चा चल रही है. हालांकि, अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. इस वजह से केंद्र की ओर से सत्र 2018-19 की छात्रवृत्ति के लिए बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है.

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बता दें कि हर साल 1 लाख के करीब छात्र प्रदेश के स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से केंद्र सरकार की ओर से स्पॉन्सर्ड छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं. छात्रों को अपनी फीस चुकानी है लेकिन छात्रवृत्ति की राशि ना मिलने से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, अभी तक बीते वर्ष की छात्रवृत्ति छात्रों को नहीं जारी हो पाई है और सत्र 2019-20 के लिए छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

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इस बारे में प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत ने बताया कि सरकार छात्रवृत्ति को लेकर केंद्र सरकार के आदेशों का इंतजार कर रही है. साथ ही अगर आवश्यक हुआ तो केंद्र से छात्रवृत्ति को लेकर लिए गए इस नए फैसले में संशोधन करने की मांग भी की जाएगी.

Intro:प्रदेश में सत्र 2018-19 के एससी,एसटी,ओबीसी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा हैं। केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है जिसके पीछे की वजह है कि केंद्र सरकार इन छात्रवृतियों के लिए दिए जाने वाले बजट में स्टेट की भागीदारी को भी तय कर रही है। अब स्टेट को भी इन छात्रवृतियों में अपने हिस्से की भागीदारी देनी होगी, जिसके बाद छात्रवृत्ति छात्रों को जारी की जाएगी। केंद्र की ओर से 25 फ़ीसदी छात्रवृत्ति का खर्च प्रदेश सरकार को उठाने का नियम तय किया जा रहा है, जिससे अब स्थिति असमंजस भरी हो गई है। शिक्षा विभाग में छात्रों के आवेदन छात्रवृत्ति के लिए मांग लिए है लेकिन अब पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए बजट ही शिक्षा विभाग के पास अभी तक नहीं पहुंच पाया है। केंद्र सरकार से नई गाइडलाइंस को लेकर किसी तरह के निर्देश भी अभी लिखित रूप में शिक्षा विभाग को जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में कब तक छात्रों को छात्रवृत्ति मिल पाएगी इस पर स्थिति असमंजस भरी है।


Body:बता दे की एससी,एसटी ओर ओबीसी के तहत पोस्ट मैट्रिक और प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति को जारी करने का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। अब इसमें बदलाव कर केंद्र की 75 फ़ीसदी तो प्रदेश की 25 फ़ीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर चर्चा चल रही है, हालांकि अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। यही वजह से केंद्र की ओर से सत्र 2018-19 की छात्रवृत्ति के लिए पात्र छात्रों के लिए बजट भी अभी तक जारी नहीं किया गया है। वहीं प्रदेश सरकार जो पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही है अब इस सोच में पड़ गई है छात्रवृत्तियों का 25 फ़ीसदी बजट का भार कैसे उठाया जाएगा। इसी को देखते हुए नए नियम छात्रवृत्ति के लिए तय होने से पहले प्रदेश सरकार ने भीअपनी तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ओर शिक्षा विभाग केंद्र सरकार के इन नए निर्देशों के तहत एक प्रपोजल तैयार कर रहा है जिसमें एमएचआरडी को 25% की भागीदारी की शर्त में संशोधन या फिर इसे हटाने की मांग को लेकर यह प्रपोजल भेजा जाएगा।


Conclusion:छात्रवृत्ति ना मिलने से छात्रों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हर साल 1 लाख के करीब छात्र प्रदेश के स्कूल,कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से केंद्र सरकार की ओर से स्पॉन्सर्ड छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन करते है। यह छात्र अपनी छात्रवृत्तियों का इंतजार कर रहे है। छात्रों को अपनी फीस चुकानी है लेकिन छात्रवृत्ति की राशी ना मिलने से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं अभी बीते वर्ष की छात्रवृत्ति ही छात्रों को नहीं जारी हो पाई है और सत्र 2019-20 के लिए छात्रवृतियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब मामले पर प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत ने बताया कि सरकार छात्रवृत्ति को लेकर केंद्र सरकार के आदेशों का इंतजार कर रही है। इसके साथ ही अगर आवश्यक हुआ तो केंद्र से छात्रवृत्ति को लेकर लिए गए इस नए फ़ैसले में संशोधन करने की मांग भी की जाएगी।
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