शिमला: प्रदेश में सत्र 2018-19 के एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है. दरअसल केंद्र की ओर से 25 फीसदी छात्रवृत्ति का खर्च प्रदेश सरकार को उठाने का नियम तय किया जा रहा है, जिससे अब स्थिति असमंजस भरी हो गई है. शिक्षा विभाग ने छात्रों के आवेदन छात्रवृत्ति के लिए मांग लिए है लेकिन शिक्षा विभाग के पास अभी तक बजट नहीं पहुंचा है.
बता दें कि केंद्र सरकार से नई गाइडलाइंस को लेकर किसी तरह के निर्देश अभी लिखित रूप में शिक्षा विभाग को जारी नहीं हुए हैं. एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों को पोस्ट मैट्रिक और प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति जारी करने का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती रही है. इसमें बदलाव कर केंद्र की 75 फीसदी तो प्रदेश की 25 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर चर्चा चल रही है. हालांकि, अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. इस वजह से केंद्र की ओर से सत्र 2018-19 की छात्रवृत्ति के लिए बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है.
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बता दें कि हर साल 1 लाख के करीब छात्र प्रदेश के स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से केंद्र सरकार की ओर से स्पॉन्सर्ड छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं. छात्रों को अपनी फीस चुकानी है लेकिन छात्रवृत्ति की राशि ना मिलने से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, अभी तक बीते वर्ष की छात्रवृत्ति छात्रों को नहीं जारी हो पाई है और सत्र 2019-20 के लिए छात्रवृत्तियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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इस बारे में प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत ने बताया कि सरकार छात्रवृत्ति को लेकर केंद्र सरकार के आदेशों का इंतजार कर रही है. साथ ही अगर आवश्यक हुआ तो केंद्र से छात्रवृत्ति को लेकर लिए गए इस नए फैसले में संशोधन करने की मांग भी की जाएगी.