शिमला: प्रदेश विश्वविद्यालय के समरहिल चौक पर शहीद भगत सिंह और स्वामी विवेकानंद की प्रस्तावित प्रतिमाएं ना लगाए जाने पर छात्र संगठन एसएफआई और डीवाईएफआई ने महापौर का घेराव किया और जल्द मूर्ति लगाने की मांग की.
बता दें कि महापौर सत्या कौड़ल अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थी और कार्यकर्ताओं ने काफी देर तक कार्यालय में ही बैठ कर उनका इंतजार किया. काफी समय बीत जाने के बाद भी जब महापौर कार्यालय नहीं पहुंची तो छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. वहीं जब महापौर अपने कार्यालय पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें ज्ञापन सौंप कर जल्द से जल्द मूर्ति निर्माण का काम शुरू करने की मांग की.
छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि 2014 समरहिल चोक का बदल कर भगत सिंह चौक रखने का फैसला लिया गया था और इस कार्य के लिए बजट भी बनाया गया था,लेकिन पांच साल बीत जाने के भी कोई कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है.
डीवाईएफआई के महासचिव चंद्रकांत वर्मा ने कहा कि नगर निगम जानबूझ कर भगत सिंह की मूर्ति लगाने में देरी कर रहा है. उन्होंने कहा कि भगत सिंह की मूर्ति लगाने के लिए साढ़े नौ लाख का बजट भी पारित किया गया था. अगर नगर निगम जल्द मूर्ति नहीं लगता है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.
वहीं, एसएफआई के कैम्पस सचिव राहुल ने कहा कि 2016 में भगत सिंह की मूर्ति का काम शुरू कर दिया था जिसे बाद में रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द मूर्ति नहीं लगाई गई तो नगर निगम के खिलाफ उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.
मामले को लेकर नगर निगम की महापौर सत्या कौड़ल ने कहा नगर निगम ने सदन से बालूगंज में स्वामी विवेकानंद और समरहिल चोक पर भगत सिंह की प्रतिमा लगने का फैसला लिया था और इस पर काम क्यो नहीं शुरू किया गया, इसके लिए अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा और जल्द ही प्रतिमा का काम शुरू किया जाएगा.
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