शिमला: अगर हम अतीत की त्रासदियों से नहीं सीखते हैं तो भविष्य में उन्हें दोहराने के लिए शापित होते हैं. ये स्लोगन है हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का. हर आपातकालीन स्थिति में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हिमाचल वासियों का साथ दिया है और इसके लिए किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है. अपनी तैयारी को और मजबूत बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) ने सोमवार को आपदा सूचना पहल विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की.
यह कार्यशाला सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एण्ड इकोलॉजीकल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीडस) व फेसबुक की साझेदारी से आयोजित की गई. विशेष सचिव (राजस्व आपदा प्रबन्धन) डीसी राणा ने कार्यशाला की अध्यक्षता की. इस अवसर पर डीसी राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में आपदाओं से संबंधित जानकारी सही समय पर देने की जरूरत है. हिमाचल ने कई बार विनाशकारी आपदाओं को झेला है. हर आपदा से उभरने में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रदेश की सहायता की है.
डीसी राणा ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार ने आपदा सूचना पहल कार्यक्रम (डीआईआई) शुरू किया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत हर जिले से लगभग आठ से दस स्वयंसेवकों को इस कार्यक्रम के लिए चुना जाएगा और चुने गए स्वयंसेवकों को स्थिति का त्वरित मूल्यांकन करने और तेजी से कार्य करने में मदद और सूचना देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. आपदाओं के दौरान, फोन नेटवर्क के जाम होने और सड़कों के अवरुद्ध होने पर संपर्क प्रभावित होता है.
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उन्होंने कहा कि डीआईआई द्वारा ऐसी प्रणाली विकसित की जाएगी, जिसमें समय रहते स्वयंसेवकों द्वारा आपदा संबंधी सूचना उपलब्ध करवाई जा सकेगी. यह सूचना राज्य प्राधिकरण के साथ साझा कर समय पर निर्णय लेने में सहायक होगी. उन्होंने कहा कि फेसबुक की 'सेफ्टी चेक' प्रणाली आपदा या संकट में खुद के सुरक्षित होने और दूसरों पर नजर रखने का एक सरल और आसान तरीका होगा. आपदाओं के दौरान 'खुद को सुरक्षित चिन्हित करना' उपयोगी साबित हो सकता है.