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हिमाचल में खुलकर होता है ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, सरकार को मिलता है करोड़ों का राजस्व

हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का खुलकर उल्लंघन होता है. राज्य सरकार को इससे प्रति वर्ष करोडों की आय भी हो रही है. हिमाचल में साल 2020 में नवम्बर तक कुल 9 लाख 4 हजार 252 चालान एमवी एक्ट के तहत किए गए, जिनसे 18 करोड़ 46 लाख 90 हजार 168 रुपए जुर्माना वसूला गया है.

State government is earning crores from challan for violation of traffic rules
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान से राज्य सरकार कर रही करोड़ों की कमाई
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Published : Jan 8, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 9:22 PM IST

शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले शांत हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का खुलकर उल्लंघन होता है. राज्य सरकार को इससे प्रति वर्ष करोडों की आय भी हो रही है. यह हम नहीं बल्कि चालान के आंकड़े बोल रहे हैं. नियमों का उल्लंघन करने के लिए आए दिन हजारों के चालान होते हैं. इनमें अधिकतर चालान पुलिस मौके पर ही कर देती है, जबकि कुछ कोर्ट में भुगते जाते हैं.

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने में हिमाचल में 90 फीसदी चालान आइडल पार्किंग यानी सड़क पर बे-तरतीव गाड़ी पार्क करने के लिए होते हैं, जिसका जुर्माना 500 रुपए से 1500 रुपए तक है.

वीडियोः विशेष रिपोर्ट

इन नियमों के उल्लंघन पर होते हैं चालान

गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना, सीट बेल्ट न लगाना, मोटर साइकिल पर दो से अधिक लोग सवार होना, हेलमेट न पहनना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, इमरजेंसी वाहन को साइड न देना, तेज गति से गाड़ी चलाना और वाहन इंश्योरेंस न होना.

इसके अलावा लाइसेंस एक्सपायर होने पर बिना रजिस्ट्रेशन और बिना परमिट के गाड़ी चलाना, ओवरलोडिंग, पैसेंजर गाड़ियों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने पर पुलिस चालान करती है. इसके अलावा दूसरे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भी चालान किए जाते है.

साल 2020 में चालान में 50 फीसदी गिरावट

हिमाचल में साल 2020 में नवम्बर तक कुल 9 लाख 4 हजार 252 चालान एमवी एक्ट के तहत किए गए, जिनसे 18 करोड़ 46 लाख 90 हजार 168 रुपए जुर्माना वसूला गया है.

राजधानी शिमला में साल 2019 में लगभग 4 करोड़ जुर्माना वसूला गया था. साल 2020 में चालान में 50 फीसदी गिरावट आयी. जिसका कारण देश-प्रदेश में कोरोना के कारण लॉकडउन रहा. साल 2020 में 1 लाख 20 हजार चालान काटे गए जिनसे करीब 2 करोड़ रुपये जुर्माना एकत्रित हुआ.

चालान करना पुलिस की मजबूरी

हालांकि खाकी का मानना है कि पर कहती है कि पुलिस चालान करना नहीं चाहती, लेकिन बार-बार समझाने पर भी लोग ट्रैफिक नियमों तोड़ते हैं. शिमला के एएसपी प्रवीर ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2020 में कोरोना के कारण लोग सड़कों पर कम निकले जिससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में 50 फीसदी की कमी आयी है.

आइडल पर्किंग के 90 फीसदी चालान

उन्होंने कहा कि 13 मेजर हेड चालान में 90 फीसदी चालान आइडल पर्किंग के होते हैं. लोग अपनी गाड़ी नो पार्किंग जोन में या सड़क के किनारे इधर-उधर पार्क कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या पैदा होती है. ऐसे में पुलिस को बेतरतीव खड़ी गाड़ियों के चालान करने पड़ते हैं.

शिमलाः देवभूमि कहे जाने वाले शांत हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का खुलकर उल्लंघन होता है. राज्य सरकार को इससे प्रति वर्ष करोडों की आय भी हो रही है. यह हम नहीं बल्कि चालान के आंकड़े बोल रहे हैं. नियमों का उल्लंघन करने के लिए आए दिन हजारों के चालान होते हैं. इनमें अधिकतर चालान पुलिस मौके पर ही कर देती है, जबकि कुछ कोर्ट में भुगते जाते हैं.

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने में हिमाचल में 90 फीसदी चालान आइडल पार्किंग यानी सड़क पर बे-तरतीव गाड़ी पार्क करने के लिए होते हैं, जिसका जुर्माना 500 रुपए से 1500 रुपए तक है.

वीडियोः विशेष रिपोर्ट

इन नियमों के उल्लंघन पर होते हैं चालान

गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना, सीट बेल्ट न लगाना, मोटर साइकिल पर दो से अधिक लोग सवार होना, हेलमेट न पहनना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, इमरजेंसी वाहन को साइड न देना, तेज गति से गाड़ी चलाना और वाहन इंश्योरेंस न होना.

इसके अलावा लाइसेंस एक्सपायर होने पर बिना रजिस्ट्रेशन और बिना परमिट के गाड़ी चलाना, ओवरलोडिंग, पैसेंजर गाड़ियों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने पर पुलिस चालान करती है. इसके अलावा दूसरे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भी चालान किए जाते है.

साल 2020 में चालान में 50 फीसदी गिरावट

हिमाचल में साल 2020 में नवम्बर तक कुल 9 लाख 4 हजार 252 चालान एमवी एक्ट के तहत किए गए, जिनसे 18 करोड़ 46 लाख 90 हजार 168 रुपए जुर्माना वसूला गया है.

राजधानी शिमला में साल 2019 में लगभग 4 करोड़ जुर्माना वसूला गया था. साल 2020 में चालान में 50 फीसदी गिरावट आयी. जिसका कारण देश-प्रदेश में कोरोना के कारण लॉकडउन रहा. साल 2020 में 1 लाख 20 हजार चालान काटे गए जिनसे करीब 2 करोड़ रुपये जुर्माना एकत्रित हुआ.

चालान करना पुलिस की मजबूरी

हालांकि खाकी का मानना है कि पर कहती है कि पुलिस चालान करना नहीं चाहती, लेकिन बार-बार समझाने पर भी लोग ट्रैफिक नियमों तोड़ते हैं. शिमला के एएसपी प्रवीर ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2020 में कोरोना के कारण लोग सड़कों पर कम निकले जिससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में 50 फीसदी की कमी आयी है.

आइडल पर्किंग के 90 फीसदी चालान

उन्होंने कहा कि 13 मेजर हेड चालान में 90 फीसदी चालान आइडल पर्किंग के होते हैं. लोग अपनी गाड़ी नो पार्किंग जोन में या सड़क के किनारे इधर-उधर पार्क कर देते हैं, जिससे जाम की समस्या पैदा होती है. ऐसे में पुलिस को बेतरतीव खड़ी गाड़ियों के चालान करने पड़ते हैं.

Last Updated : Jan 8, 2021, 9:22 PM IST
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