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डाउन मार्केट के बावजूद 3821 रुपए बिकी स्पर एप्पल की पेटी, युवा बागवान डिंपल पांजटा ने दिखाई राह

रोहड़ू के बराल इलाके में तैयार स्पर किस्मों का सेब स्थानीय मंडी में 3821 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिका.हिमाचल में ये अब तक का रिकार्ड दाम है.

डिंपल पांजटा
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Published : Aug 1, 2019, 9:32 PM IST

शिमलाः सेब राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए ये अच्छी खबर है. बेशक इस समय एप्पल मार्केट डाउन चल रही है, लेकिन स्पर किस्मों के सेब के बागवानों को बहुत अच्छे दाम मिल रहे हैं. गुरूवार को रोहड़ू के बराल इलाके के युवा बागवान डिंपल पांजटा के बागीचे में तैयार स्पर किस्मों का सेब स्थानीय मंडी में 3821 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिका.

रोहड़ू मार्केट में 3821 रुपए बिकी स्पर एप्पल की पेटी

स्पर किस्म के सेब की एक पेटी में 28 किलो सेब पैक था. यानी एक किलो सेब 136 रुपए के दाम बिका. हिमाचल में ये अब तक का रिकार्ड दाम है. यहां बता दें कि स्पर किस्में विदेशी हैं. इसकी खासियत यह है कि पौधे जल्द फल देना शुरू करते हैं. साथ ही इस किस्म के फलों का रंग भी बेहद लाल व आकर्षक होता है. बड़ी बात ये है कि लाल रंग के सेब की भारत की मार्केट में भारी डिमांड है. स्पर किस्म का पौधा पांच साल में फल देना शुरू कर देता है.

हिमाचल में वर्ष 2007 में स्पर किस्में आ गई थीं. इन पौधों में 2012 में फल आना शुरू हो गए थे. स्पर की खासियतों को देखते हुए हिमाचल के कई बागवानों ने इसके पौधे लगाए हैं. इस समय सेब की मार्केट डाउन चल रही है. स्पर किस्म के सेब लाल रंग के होने के कारण अच्छे दाम पर बिक रहा है. हिमाचल में स्पर किस्मों को शिमला जिला में प्रमुखता से लगाया गया है.
महज 34 साल के डिंपल पांजटा ने साबित किया है कि सरकारी नौकरी के पीछे भागने की बजाय युवा यदि खेती-बागवानी से जुड़ें तो बेहतर उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं. डिंपल पांजटा ने अध्ययन के बाद अपने पुरखों के बागीचे को संवारने का जिम्मा उठाया था. उन्होंने एप्पल प्रोडक्शन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा अध्ययन किया है और उन्हें इस बागवानी का बहुत अनुभव हो चुका है. हिमाचल व उत्तराखंड सरकारों की तरफ से बागवानी में उल्लेखनीय सफलताओं के लिए सम्मानित डिंपल पांजटा के अनुसार हिमाचल में सेब की स्पर किस्मों की बागवानी का भविष्य काफी उज्जवल है.

शिमलाः सेब राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए ये अच्छी खबर है. बेशक इस समय एप्पल मार्केट डाउन चल रही है, लेकिन स्पर किस्मों के सेब के बागवानों को बहुत अच्छे दाम मिल रहे हैं. गुरूवार को रोहड़ू के बराल इलाके के युवा बागवान डिंपल पांजटा के बागीचे में तैयार स्पर किस्मों का सेब स्थानीय मंडी में 3821 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिका.

रोहड़ू मार्केट में 3821 रुपए बिकी स्पर एप्पल की पेटी

स्पर किस्म के सेब की एक पेटी में 28 किलो सेब पैक था. यानी एक किलो सेब 136 रुपए के दाम बिका. हिमाचल में ये अब तक का रिकार्ड दाम है. यहां बता दें कि स्पर किस्में विदेशी हैं. इसकी खासियत यह है कि पौधे जल्द फल देना शुरू करते हैं. साथ ही इस किस्म के फलों का रंग भी बेहद लाल व आकर्षक होता है. बड़ी बात ये है कि लाल रंग के सेब की भारत की मार्केट में भारी डिमांड है. स्पर किस्म का पौधा पांच साल में फल देना शुरू कर देता है.

हिमाचल में वर्ष 2007 में स्पर किस्में आ गई थीं. इन पौधों में 2012 में फल आना शुरू हो गए थे. स्पर की खासियतों को देखते हुए हिमाचल के कई बागवानों ने इसके पौधे लगाए हैं. इस समय सेब की मार्केट डाउन चल रही है. स्पर किस्म के सेब लाल रंग के होने के कारण अच्छे दाम पर बिक रहा है. हिमाचल में स्पर किस्मों को शिमला जिला में प्रमुखता से लगाया गया है.
महज 34 साल के डिंपल पांजटा ने साबित किया है कि सरकारी नौकरी के पीछे भागने की बजाय युवा यदि खेती-बागवानी से जुड़ें तो बेहतर उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं. डिंपल पांजटा ने अध्ययन के बाद अपने पुरखों के बागीचे को संवारने का जिम्मा उठाया था. उन्होंने एप्पल प्रोडक्शन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा अध्ययन किया है और उन्हें इस बागवानी का बहुत अनुभव हो चुका है. हिमाचल व उत्तराखंड सरकारों की तरफ से बागवानी में उल्लेखनीय सफलताओं के लिए सम्मानित डिंपल पांजटा के अनुसार हिमाचल में सेब की स्पर किस्मों की बागवानी का भविष्य काफी उज्जवल है.

हिमाचल के लिहाज से अहम
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स्पर की बादशाहत: डाउन मार्केट के बावजूद 3821 रुपए बिकी स्पर एप्पल की पेटी, युवा बागवान डिंपल पांजटा ने दिखाई राह
शिमला। सेब राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए ये अच्छी खबर है। बेशक इस समय एप्पल मार्केट डाउन चल रही है, लेकिन स्पर किस्मों के सेब के बागवानों को बहुत अच्छे दाम मिल रहे हैं। गुरूवार को रोहड़ू के बराल इलाके के युवा बागवान डिंपल पांजटा के बागीचे में तैयार स्पर किस्मों का सेब स्थानीय मंडी में 3821 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिका। स्पर किस्म के सेब की एक पेटी में 28 किलो सेब पैक था। यानी एक किलो सेब 136 रुपए के दाम बिका। हिमाचल में ये अब तक का रिकार्ड दाम है। यहां बता दें कि स्पर किस्में विदेशी हैं। इसकी खासियत यह है कि पौधे जल्द फल देना शुरू करते हैं। साथ ही इस किस्म के फलों का रंग भी बेहद लाल व आकर्षक होता है। बड़ी बात ये है कि लाल रंग के सेब की भारत की मार्केट में भारी डिमांड है। स्पर किस्म का पौधा पांच साल में फल देना शुरू कर देता है। हिमाचल में वर्ष 2007 में स्पर किस्में आ गई थीं। इन पौधों में 2012 में फल आना शुरू हो गए थे। स्पर की खासियतों को देखते हुए हिमाचल के कई बागवानों ने इसके पौधे लगाए हैं। इस समय सेब की मार्केट डाउन चल रही है। स्पर किस्म के सेब लाल रंग के होने के कारण अच्छे दाम पर बिक रहा है। हिमाचल में स्पर किस्मों को शिमला जिला में प्रमुखता से लगाया गया है।
महज 34 साल के डिंपल पांजटा ने साबित किया है कि सरकारी नौकरी के पीछे भागने की बजाय युवा यदि खेती-बागवानी से जुड़ें तो बेहतर उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। डिंपल पांजटा ने अध्ययन के बाद अपने पुरखों के बागीचे को संवारने का जिम्मा उठाया था। उन्होंने एप्पल प्रोडक्शन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा अध्ययन किया है और उन्हें इस बागवानी का बहुत अनुभव हो चुका है। हिमाचल व उत्तराखंड सरकारों की तरफ से बागवानी में उल्लेखनीय सफलताओं के लिए सम्मानित डिंपल पांजटा के अनुसार हिमाचल में सेब की स्पर किस्मों की बागवानी का भविष्य काफी उज्जवल है।

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