शिमला: सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी की प्रो-वीसी अनुपमा सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की डबल बैंच ने अनुपमा सिंह को वापस बुलाए जाने संबंधी हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के फैसले पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव की अगुवाई वाली खंडपीठ ने ये रोक लगाई है. इससे पहले हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अनुपमा सिंह को वापस बुलाए जाने वाले हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के फैसले को सही ठहराया था.
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने अनुपमा सिंह को सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी से वापस बुलाया था. अनुपमा सिंह ने इस फैसले को आदेवन के माध्यम से हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के समक्ष चुनौती दी थी. एकल पीठ ने अनुपमा सिंह का आवेदन खारिज कर दिया था. एकल पीठ ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की एक्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की तरफ से उन्हें वापस बुलाने के फैसले को सही ठहराया था. प्रार्थी अनुपमा सिंह ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी. इस पर खंडपीठ ने फैसले पर रोक लगाई है.
प्रार्थी ने मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार के सत्ता में आने के बाद गठित एचपीयू की नई ईसी पर द्वेषपूर्ण तरीके से उसकी असाधारण छुट्टियां (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लीव) रद्द करने का आरोप लगाया है. प्रार्थी ने ईसी पर अपनी शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया है. प्रार्थी का आरोप है कि उसके खिलाफ यह कार्रवाई वर्तमान सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें उस जैसे पद पर बैठे लोगों से छुटकारा पाने की मंशा है. प्रार्थी का आरोप है कि सरकार उस जैसे ओहदेदारों पर कार्रवाई करना चाहती है, जो उनके समक्ष झुकने को तैयार नहीं हैं.
मामले के अनुसार प्रार्थी एचपीयू में लोक प्रशासन विभाग में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त रही हैं. इन दिनों वे सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी के प्रो-वाइस चांसलर का दायित्व निभा रही हैं. प्रार्थी को 20 अप्रैल 2022 को एसपीयू मंडी का प्रो-वीसी नियुक्त किया गया था. इस नियुक्ति के बाद प्रार्थी ने एचपीयू से तीन साल की असाधारण छुट्टी के लिए आवेदन किया. एचपीयू की तत्कालीन ईसी ने 20 जुलाई 2022 को उन्हें बिना वेतन तीन साल के लिए असाधारण छुट्टी प्रदान करने का फैसला लिया था.
सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार का गठन होने के बाद एचपीयू की नई ईसी ने 6 अप्रैल 2023 को प्रार्थी को दी गई असाधारण छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें वापस बुला लिया. इसके बाद एचपीयू ने 8 मई 2023 को उन्हें वापस आकर आईसीडीईओएल यानी दूरवर्ती शिक्षा संस्थान में ज्वाइनिंग देने के आदेश जारी किए. इन आदेशों को प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इन आदेशों पर पहले भी रोक लगा रखी थी.
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि असाधारण छुट्टी हो या साधारण, कोई भी कर्मी छुट्टी पाने का निहित अधिकार नहीं रखता. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि छुट्टी सेवा शर्त के अधीन होती है. अब मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश आए हैं और अगली सुनवाई 26 मार्च को निर्धारित की गई है.
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