शिमला: रेबीज के सस्ते उपचार के लिए पद्मश्री से सममानित किए जा चुके डॉ. उमेश भारती डबल्यूएचओ के विशेषज्ञों की टीम में शामिल हुए हैं. डबल्यूएचओ ने संर्पदंश से मौतों और अपंगता में कमी लाने के लिए पूरे देश के विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है. यह विशेषज्ञ यह पता लगाएंगे कि संर्पदंश से होने वाली मौतों व उसके कारण होने वाले अंपगता को कैसे कम किया जाए.
डबल्यूएचओ का लक्षय 2030 तक संर्पदंश के मामलों में कमी लाने का है. इसके लिए भारत में भी चिकित्सकों की टीम गठित की गई हैं. खास बात ये है कि हिमाचल से संबंध रखने वाले डॉ. उमेश भारती को इस टीम में शमिल किया गया है. उमेश भारती हिमाचल में भी 8 से 10 जिलों में वन विभाग के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि हिमाचल में यह पता लगाया जाए कि यहां पर कितने प्रकार के सांप हैं और उनसे कैसे बचा सकता है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के ज्वालामुखी से संबंध रखने वाले डॉ. उमेश भारती को रेबीज के सस्ते उपचार पर शोध के लिए पद्मश्री से सममानित किया जा चुका है. रेबीज पर किए गए उनके शोध को विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी मान्यता मिली है.
उनके इस शोध के बाद रेबीज का उपचार महज 350 रुपए में संभव हो सका है, जबकि इससे पहले इसके ऊपर 35 हजार तक व्यय होता था. इस कारण रेबीज से मौत का आंकड़ा भी अधिक था. उनके इस शोध के बाद हिमाचल प्रदेश रेबीज मुक्त हो गया है. उनके शोध के बाद हिमाचल में सिर्फ 2 लोगों की ही रेबीज से मौत हुई है.
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