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मंत्री महेंद्र सिंह के बयान पर गरमाई सियासत, शिक्षक संगठन कर रहे माफी की मांग - jal shakti minister mahender singh thakur

कुल्लू जिले के बंजार में जनसभा को संबोधित करते महेंद्र सिंह ठाकुर के मुंह से शिक्षकों के लिए कुछ ऐसा निकला जिसने प्रदेश भर में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है. कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (jal shakti minister mahender singh thakur) ने कहा कि कोरोना काल में आईपीएच विभाग (Jal Shakti Department) के लोगों ने के कर्मचारियों ने काम किया और इस दौरान मास्टरों (School Teachers) ने तो खूब मौज काटी और अब फ्रंटलाइन वर्कर बनकर वैक्सीन लगवा रहे हैं. प्रदेश भर में महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान से सरकार और संगठन की मुश्किलें बढ़ना तय है.

jal shakti minister mahender singh thakur
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर.
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Published : Jul 5, 2021, 9:27 PM IST

शिमलाः कभी-कभी मजाक में कही बात भी भारी पड़ जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ हिमाचल प्रदेश सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री माने जाने वाले महेंद्र सिंह ठाकुर के साथ. महेंद्र सिंह ठाकुर कुल्लू के बंजार में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. जनसभा को संबोधित करते महेंद्र सिंह ठाकुर के मुंह से शिक्षकों के लिए कुछ ऐसा निकला जिसने प्रदेश भर में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है. कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (jal shakti minister mahender singh thakur) ने कहा कि 'कोरोना काल में आईपीएच विभाग (Jal Shakti Department) के लोगों ने के कर्मचारियों ने काम किया और इस दौरान मास्टरों (School Teachers) ने तो खूब मौज काटी और अब फ्रंटलाइन वर्कर (frontline worker) बनकर वैक्सीन लगवा रहे हैं'.

बयान के बाद मचा सियासी घमासान

कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के बाद कांग्रेस को बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का मौका मिल गया. कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने महेंद्र सिंह ठाकुर पर हमला साधा. विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) से महेंद्र सिंह ठाकुर पर कार्रवाई करने की मांग के साथ उन्हें डेकोरम सिखाने की भी सलाह दी.

शिक्षक संघों ने भी जाहिर की नाराजगी

हिमाचल प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के बाद शिक्षक संघों ने भी खुले मंच से नाराजगी जाहिर की है. शिक्षक संगठनों ने प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की भी मांग की है. शिक्षक संघ का कहना है कि अगर ने चेतावनी दी है कि अगर मंत्री ने माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मामले में संज्ञान लेने की अपील की है.

अध्यापक बड़ा वोट बैंक

कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने शिक्षकों पर निशाना साध कर मानो वोट बैंक पर हमला साधा हो. प्रदेश भर में शिक्षकों का एक बड़ा वोट बैंक है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 3 सालों से हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के तबादले की पॉलिसी पर सरकार अब तक कोई आखिरी फैसला नहीं ले सकी है. इसके पीछे की वजह शिक्षकों का एक बड़ा वोट बैंक है. महेंद्र सिंह के इस बयान ने हलचल मचा दी है. हिमाचल प्रदेश के तमाम शिक्षक संघों ने मंत्री के माफी न मांगने तक चुप न बैठने की बात कही है.

मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री की तरफ से नहीं आयी कोई प्रतिक्रिया

प्रदेश भर में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान पर सियासी हलचल मची हुई है. जहां एक ओर राजनीतिक संगठन मंत्री के बयान की निंदा कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने अब तक इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

मंत्री के बयान के सियासी मायने

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के बेहद करीबी महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक पंडित मानते हैं कि महेंद्र सिंह ने यह बयान यूं ही नहीं दे दिया. उन्होंने इसके सियासी समीकरण समझकर बयान दिया है. जल्द ही मंडी लोकसभा क्षेत्र में उप-चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी की ओर से महेंद्र सिंह को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है. पार्टी की ओर से महेंद्र सिंह को प्रत्याशी के तौर पर प्रोजेक्ट करने की बात सामने आ रही है. सूत्रों की मानें, तो महेंद्र सिंह ठाकुर मंडी लोकसभा का उप चुनाव नहीं लड़ना चाहते. ऐसे में उन्होंने यह बयान सोच-समझकर दिया है, ताकि पार्टी में टिकट देने से पीछे हटे.

ये भी पढ़ें: IPH मंत्री महेंद्र सिंह के बयान पर बवाल, बिना शर्त शिक्षकों और प्रदेश की जनता से माफी मांगने की मांग

प्रदेश भर में महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान से सरकार और संगठन की मुश्किलें बढ़ना तय है. जब तक महेंद्र सिंह की ओर से बयान पर स्पष्टीकरण या माफी नहीं मांग ली जाती, तब तक शिक्षक संगठन भी चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं.

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शिमलाः कभी-कभी मजाक में कही बात भी भारी पड़ जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ हिमाचल प्रदेश सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री माने जाने वाले महेंद्र सिंह ठाकुर के साथ. महेंद्र सिंह ठाकुर कुल्लू के बंजार में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. जनसभा को संबोधित करते महेंद्र सिंह ठाकुर के मुंह से शिक्षकों के लिए कुछ ऐसा निकला जिसने प्रदेश भर में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है. कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (jal shakti minister mahender singh thakur) ने कहा कि 'कोरोना काल में आईपीएच विभाग (Jal Shakti Department) के लोगों ने के कर्मचारियों ने काम किया और इस दौरान मास्टरों (School Teachers) ने तो खूब मौज काटी और अब फ्रंटलाइन वर्कर (frontline worker) बनकर वैक्सीन लगवा रहे हैं'.

बयान के बाद मचा सियासी घमासान

कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के बाद कांग्रेस को बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का मौका मिल गया. कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने महेंद्र सिंह ठाकुर पर हमला साधा. विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) से महेंद्र सिंह ठाकुर पर कार्रवाई करने की मांग के साथ उन्हें डेकोरम सिखाने की भी सलाह दी.

शिक्षक संघों ने भी जाहिर की नाराजगी

हिमाचल प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के बाद शिक्षक संघों ने भी खुले मंच से नाराजगी जाहिर की है. शिक्षक संगठनों ने प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की भी मांग की है. शिक्षक संघ का कहना है कि अगर ने चेतावनी दी है कि अगर मंत्री ने माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मामले में संज्ञान लेने की अपील की है.

अध्यापक बड़ा वोट बैंक

कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने शिक्षकों पर निशाना साध कर मानो वोट बैंक पर हमला साधा हो. प्रदेश भर में शिक्षकों का एक बड़ा वोट बैंक है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 3 सालों से हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के तबादले की पॉलिसी पर सरकार अब तक कोई आखिरी फैसला नहीं ले सकी है. इसके पीछे की वजह शिक्षकों का एक बड़ा वोट बैंक है. महेंद्र सिंह के इस बयान ने हलचल मचा दी है. हिमाचल प्रदेश के तमाम शिक्षक संघों ने मंत्री के माफी न मांगने तक चुप न बैठने की बात कही है.

मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री की तरफ से नहीं आयी कोई प्रतिक्रिया

प्रदेश भर में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान पर सियासी हलचल मची हुई है. जहां एक ओर राजनीतिक संगठन मंत्री के बयान की निंदा कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने अब तक इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

मंत्री के बयान के सियासी मायने

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के बेहद करीबी महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक पंडित मानते हैं कि महेंद्र सिंह ने यह बयान यूं ही नहीं दे दिया. उन्होंने इसके सियासी समीकरण समझकर बयान दिया है. जल्द ही मंडी लोकसभा क्षेत्र में उप-चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी की ओर से महेंद्र सिंह को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है. पार्टी की ओर से महेंद्र सिंह को प्रत्याशी के तौर पर प्रोजेक्ट करने की बात सामने आ रही है. सूत्रों की मानें, तो महेंद्र सिंह ठाकुर मंडी लोकसभा का उप चुनाव नहीं लड़ना चाहते. ऐसे में उन्होंने यह बयान सोच-समझकर दिया है, ताकि पार्टी में टिकट देने से पीछे हटे.

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प्रदेश भर में महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल महेंद्र सिंह ठाकुर के इस बयान से सरकार और संगठन की मुश्किलें बढ़ना तय है. जब तक महेंद्र सिंह की ओर से बयान पर स्पष्टीकरण या माफी नहीं मांग ली जाती, तब तक शिक्षक संगठन भी चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं.

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