शिमला: हिमाचल में इन दिनों बर्फबारी का दौर जारी है. कड़ाके की ठंड के बीच भले ही तापमान शून्य के नीचे चल रहा है, लेकिन पंचायत और निकाय चुनाव ने सियासत का पारा हाई कर दिया है. गली-मोहल्लों में चुनावी शोर है. दीवारें पोस्टर और चुनावी नारों से पट चुकी हैं. कौन किसे पटखनी देगा कौन किस पर भारी है सब इसका गुणा-भाग अपने-अपने हिसाब से कर रहे हैं.
नामांकन भरे जा चुके हैं. प्रचार जोर-शोर से चल रहा है. समय के साथ प्रचार का तरीका भी बदला है. प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया को चुनाव प्रचार के लिए बड़ा हथियार बनाया है. सोशल मीडिया पर भी वोट अपील की बयार बह रही है.
हिमाचल में निकायों की संख्या
- हिमाचल में 61 निकाय हैं
- स्थानीय निकायों की संख्या 56 है
- पहले चरण में 50 स्थानीय निकायों में होंगे चुनाव
- 29 नगर परिषद 21 नगर पंचायतें शामिल
- अंब, चिड़गांव, नेरवां, निरमंड
- आनी, कंडाघाट का शेड्यूल नहीं हुआ जारी
नगर निगम चुनाव
- 5 को नगर निगम का दर्जा हासिल
- सोलन, पालमपुर, मंडी इस साल बने नगर निगम
- धर्मशाला, सोलन, पालमपुर मंडी में मार्च में होंगे चुनाव
- 2022 में होंगे शिमला नगर निगम के चुनाव
चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस समर्थित और निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. कई जगहों पर बागियों ने दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ा है तो कहीं सीट रिजर्व होने पर किसी ने अपनी पत्नी तो कहीं पर पुत्रबधु को मैदान में उतार दिया है. सभी उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए गए हैं. घर-घर जाकर चुनाव प्रचार चल रहा है. कई बड़े नेताओं के रिश्तेदार, समर्थक चुनावी दंगल में कूदे हैं. सुरेश कश्यप की बहन भी नाहन से दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरी हैं. निकाय चुनाव में 1154 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं.
जिला | प्रत्याशी |
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कुल्लू | 82 |
मंडी | 152 |
सिरमौर | 92 |
बिलासपुर | 76 |
चंबा | 94 |
ऊना | 125 |
कांगड़ा | 230 |
हमीरपुर | 118 |
सोलन | 93 |
शिमला | 129 |
कुल | 1154 |
निकाय चुनाव के 9 जनवरी को चुनाव प्रचार थम जाएगा. 10 जनवरी को जनता सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे यानी 10 जनवरी सुबह 8 बजे से शाम चार बजे तक वोटिंग होगी. इसके बाद निकाय मुख्यालय पर वोटों की गिनती होगी. निकाय चुनाव के नतीजे आने वाली राजनीति की दशा-दिशा दोनों तय करेंगे. कुल मिलाकर चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले जीत का परचम लहराने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं. अब ये 10 जनवरी को ही साफ हो पाएगा कि इस चुनावी दंगल का कौन सिंकदर बनेगा और किसे हार का मुंह देखना होगा.