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बिना कुछ खाए-पीए मरीजों की सेवा में डटी हैं नर्स, PPE किट में 8 घंटे बिताने के बाद ऐसी होती है हालत

अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए नर्सिंग स्टाफ की आश्यकता पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल, उनकी दवाई, निगरानी में नर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. नर्सें कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहन कर काम करती हैं, ऐसे में उन्हें 7 से 8 घंटे तक बिना पानी पिए, बिना खाना खाए रहना पड़ता है. यही नहीं फोन भी बंद रखना होता है और पूरी तरह परिवार से कटकर रहना पड़ता है.

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Published : May 25, 2021, 10:46 PM IST

शिमला: देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में गंभीर मरीजों को अस्प्ताल में दाखिल करवाने की जरूरत पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए नर्सिंग स्टाफ की आश्यकता पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल, उनकी दवाई, निगरानी में नर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.

7-8 घंटे पीपीई किट पहनकर ड्यूटी

कोविड वार्ड में मरीजों के साथ उनके तीमारदार नहीं रहते हैं, ऐसे में नर्स ही मरीजों की देखभाल करती हैं. नर्स कोविड वार्ड में मरीजों के लिए प्रत्यक्ष देवी के सामान होती है. वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ मरीजों की देखभाल करती है. यही नर्स अपने परिवार से दूर रह कर मरीजों की सेवा में रहती हैं. नर्सों कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहन कर काम करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें 7 से 8 घंटे तक बिना पानी पीए, बिना खाना खाए रहना पड़ता है. यही नहीं फोन भी बंद रखना होता है और पूरी तरह परिवार से कटकर रहना पड़ता है.

पीपीई किट में गर्मी के मौसम में फूलती सांस

नर्स कविता का कहना था कि वह तीसरी बार कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे कर आई हैं. उनका कहना था कि पीपीई किट में गर्मी के मौसम में सांस भी फूलती है. नर्सिग एसोसिएशन की संयुक्त सचिव अनु सैनी ने बताया कि नर्स हर हाल में कोविड वार्ड में ड्यूटी देती हैं. उनका कहना था कि पीपीई किट में 7 से 8 घंटे काम करना पड़ता है जो आसान काम नहीं है.

वीडियो.

ड्यूटी के बाद नर्सों में भी संक्रमण का खतरा

करीब 7-8 घंटे कोरोना मरीजों के बीच रहने के बाद नर्सों में भी संक्रमण का खतरा होता है. ऐसे में नर्सें अपने परिवार से दूर रहती हैं. कुछ समय के लिए क्वारंटीन हो जाती हैं, ताकि उनका परिवार इस वायरस की चपेट में न आए. हालांकि अब यह प्रक्रिया सरकार की ओर से बंद कर दी गई है. ऐसे में नर्सों ने सरकार से मांग की है कि क्वारंटीन अवधि को जारी रखा जाए.

बिना किसी की परवाह किए ड्यूटी करती हैं नर्स

दिन-रात मरीजों की सेवा करने के बावजूद समाज के लोग नर्सों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं. जो नर्स कोरोना मरीज के लिए ड्यूटी करके आई है, लोग उस नर्स से दूरी बनाने लगते हैं. उन्हें किराए पर मकान लेने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन यह सारी मुश्किलें एक नर्स के जज्बे को कम नहीं करते. नर्स बिना किसी की परवाह किए ड्यूटी करती रहती हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 24 घंटे में 1999 नए मामले आए सामने 3067 संक्रमित हुए स्वस्थ, 60 लोगों की कोरोना से मौत

शिमला: देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में गंभीर मरीजों को अस्प्ताल में दाखिल करवाने की जरूरत पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए नर्सिंग स्टाफ की आश्यकता पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल, उनकी दवाई, निगरानी में नर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.

7-8 घंटे पीपीई किट पहनकर ड्यूटी

कोविड वार्ड में मरीजों के साथ उनके तीमारदार नहीं रहते हैं, ऐसे में नर्स ही मरीजों की देखभाल करती हैं. नर्स कोविड वार्ड में मरीजों के लिए प्रत्यक्ष देवी के सामान होती है. वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ मरीजों की देखभाल करती है. यही नर्स अपने परिवार से दूर रह कर मरीजों की सेवा में रहती हैं. नर्सों कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहन कर काम करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें 7 से 8 घंटे तक बिना पानी पीए, बिना खाना खाए रहना पड़ता है. यही नहीं फोन भी बंद रखना होता है और पूरी तरह परिवार से कटकर रहना पड़ता है.

पीपीई किट में गर्मी के मौसम में फूलती सांस

नर्स कविता का कहना था कि वह तीसरी बार कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे कर आई हैं. उनका कहना था कि पीपीई किट में गर्मी के मौसम में सांस भी फूलती है. नर्सिग एसोसिएशन की संयुक्त सचिव अनु सैनी ने बताया कि नर्स हर हाल में कोविड वार्ड में ड्यूटी देती हैं. उनका कहना था कि पीपीई किट में 7 से 8 घंटे काम करना पड़ता है जो आसान काम नहीं है.

वीडियो.

ड्यूटी के बाद नर्सों में भी संक्रमण का खतरा

करीब 7-8 घंटे कोरोना मरीजों के बीच रहने के बाद नर्सों में भी संक्रमण का खतरा होता है. ऐसे में नर्सें अपने परिवार से दूर रहती हैं. कुछ समय के लिए क्वारंटीन हो जाती हैं, ताकि उनका परिवार इस वायरस की चपेट में न आए. हालांकि अब यह प्रक्रिया सरकार की ओर से बंद कर दी गई है. ऐसे में नर्सों ने सरकार से मांग की है कि क्वारंटीन अवधि को जारी रखा जाए.

बिना किसी की परवाह किए ड्यूटी करती हैं नर्स

दिन-रात मरीजों की सेवा करने के बावजूद समाज के लोग नर्सों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं. जो नर्स कोरोना मरीज के लिए ड्यूटी करके आई है, लोग उस नर्स से दूरी बनाने लगते हैं. उन्हें किराए पर मकान लेने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन यह सारी मुश्किलें एक नर्स के जज्बे को कम नहीं करते. नर्स बिना किसी की परवाह किए ड्यूटी करती रहती हैं.

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