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ग्राउंड रिपोर्ट: IGMC शिमला में न दो गज की दूरी, ना मास्क जरूरी ? - आईजीएमसी कोविड सेंटर

कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में क्या इंतजाम हैं. यह जानने के लिए ईटीवी की टीम आईजीएमसी शिमला पहुंची. ग्राउंड जीरो पर जाकर हमने पाया कि अस्पताल में पहुंचने वाले लोग जाने अंजाने में सुपर स्प्रेडर का काम कर रहे हैं. अस्पताल में लगी मरीजों की कतारें कोरोना संक्रमण को खुद बुलावा दे रही हैं.

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Published : Apr 20, 2021, 8:07 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 11:42 AM IST

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पहले जहां इन मामलों की संख्या 100 के लगभग थी, अब वह 600 से 1500 तक हो गई है. आईजीएमसी की बात करें तो यहां कोरोना संक्रमण फैलने का पूरा खतरा बना हुआ है. इसका कारण यह है कि कोरोना का टेस्ट करवाने भी लोग आईजीएमसी आते हैं.

अस्पताल में लोगों की लंबी-लंबी कतारें

आईजीएमसी में पर्ची काउंटर से लेकर टेस्टिंग लैब तक मरीजों की लाइन लगी रहती है. इसके बाद ओपीडी के बाहर इतनी भीड़ रहती की लोगों का एक जगह से दूसरे जगह जाना मुशिकल हो जाता है. वहीं प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है. कई लोगों के मास्क खानापूर्ति के लिए मुंह पर लटके होते हैं. अस्पताल में कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं. हालात को देखकर यही लग रहा है कि शायद आईजीएमसी में ना तो मास्क और ना ही दो गज की जरूरी की जरूरत है. हालांकि आईजीएमसी में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने एक बैठक कर कोरोना को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

वीडियो.

भीड़ से बढ़ा रहा कोरोना फैलने का खतरा

मरीजों का कहना है कि वह अस्पताल में ईलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां इतनी भीड़ है कि कोरोना के फैलने का खतरा बना रहता है. मरीजों का कहना है कि लोगों को खुद जागरुक रहकर अपना ईलाज करवाना होगा. कुछ मरीजों ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बढ़ती भीड़ से ऐसे कैसे कोरोना कम होगा.

लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझने की जरुरत

इन सब मुद्दों पर आईजीएमसी कोविड सेंटर के नोडल अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया कि यह बात सही है कि अस्प्ताल में हर जगह भीड़ बढ़ रही है. उनका कहना था कि प्रशासन हर जगह नहीं जा सकता इसलिए लोगों को खुद जागरूक हो कर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है और मास्क का प्रयोग करना है.

ये भी पढ़ें: IGMC के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया कोरोना पॉजिटिव, खुद को किया होम आइसोलेट

शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पहले जहां इन मामलों की संख्या 100 के लगभग थी, अब वह 600 से 1500 तक हो गई है. आईजीएमसी की बात करें तो यहां कोरोना संक्रमण फैलने का पूरा खतरा बना हुआ है. इसका कारण यह है कि कोरोना का टेस्ट करवाने भी लोग आईजीएमसी आते हैं.

अस्पताल में लोगों की लंबी-लंबी कतारें

आईजीएमसी में पर्ची काउंटर से लेकर टेस्टिंग लैब तक मरीजों की लाइन लगी रहती है. इसके बाद ओपीडी के बाहर इतनी भीड़ रहती की लोगों का एक जगह से दूसरे जगह जाना मुशिकल हो जाता है. वहीं प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है. कई लोगों के मास्क खानापूर्ति के लिए मुंह पर लटके होते हैं. अस्पताल में कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं. हालात को देखकर यही लग रहा है कि शायद आईजीएमसी में ना तो मास्क और ना ही दो गज की जरूरी की जरूरत है. हालांकि आईजीएमसी में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने एक बैठक कर कोरोना को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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भीड़ से बढ़ा रहा कोरोना फैलने का खतरा

मरीजों का कहना है कि वह अस्पताल में ईलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां इतनी भीड़ है कि कोरोना के फैलने का खतरा बना रहता है. मरीजों का कहना है कि लोगों को खुद जागरुक रहकर अपना ईलाज करवाना होगा. कुछ मरीजों ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बढ़ती भीड़ से ऐसे कैसे कोरोना कम होगा.

लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझने की जरुरत

इन सब मुद्दों पर आईजीएमसी कोविड सेंटर के नोडल अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने बताया कि यह बात सही है कि अस्प्ताल में हर जगह भीड़ बढ़ रही है. उनका कहना था कि प्रशासन हर जगह नहीं जा सकता इसलिए लोगों को खुद जागरूक हो कर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है और मास्क का प्रयोग करना है.

ये भी पढ़ें: IGMC के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया कोरोना पॉजिटिव, खुद को किया होम आइसोलेट

Last Updated : Apr 21, 2021, 11:42 AM IST
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