ETV Bharat / state

Som Pradosh Vrat 2023: सोम प्रदोष व्रत पर पंचक का साया, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सब कुछ

Som Pradosh Vrat 2023: हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार वैशाख महीने का बहुत अधिक धार्मिक महत्व माना जाता है. इस माह में पहला प्रदोष व्रत 17 अप्रैल 2023, दिन सोमवार को पड़ रहा है.

Som Pradosh Vrat 2023
Som Pradosh Vrat 2023
author img

By

Published : Apr 16, 2023, 9:04 AM IST

Updated : Apr 17, 2023, 6:14 AM IST

कुल्लू: भोलेभंडारी को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है. त्रयोदशी तिथि के स्वामी शिव है. वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत बहुत खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन सोमवार भी है. ऐसे में व्रती को शिव साधना का उत्तम फल प्राप्त होगा. सोम प्रदोष व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, संतान प्राप्ति और धन लाभ होता है. आइए जानते हैं वैशाख के सोम प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.

17 अप्रैल सोमवार को वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा और सोमवार होने के चलते इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. वहीं, भगवान शिव की आराधना करने के लिए यह व्रत उत्तम माना गया है और प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन के साथ साथ सुख समृद्धि भी भक्त के घर आती है. पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 अप्रैल को दोपहर 3:45 से शुरू होगी और अगले दिन 18 अप्रैल को दोपहर 1:27 पर खत्म होगी.

वैशाख सोम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त: प्रदोष व्रत में शाम के समय भगवान शिव की पूजा की जाती है और ऐसे में 17 अप्रैल को इसका व्रत रखा जाएगा. वहीं, पहले प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 6:48 से लेकर रात 9:01 तक रहेगा. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में जो भगवान शिव की पूजा करता है. भगवान शिव उसके सभी कष्टों को हर लेते हैं. ऐसे में शाम के समय भगवान शिव का जलाभिषेक करना भक्तों के लिए काफी शुभ माना गया है.

वैशाख सोम प्रदोष व्रत 2023 शुभ योग: प्रदोष व्रत के दिन ही ब्रह्मा व इंद्र का योग का भी बन रहा है. वैशाख सोम प्रदोष व्रत में सोमवार सुबह 12:13 से लेकर रात 9:07 तक ब्रह्मा योग बनेगा. इसके अलावा इंद्र योग रात 9:07 से लेकर 18 अप्रैल को शाम 6:10 तक रहेगा.

वैशाख सोम प्रदोष व्रत में पंचका का साया: पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख सोम प्रदोष व्रत में पंचक का साया भी रहेगा. पंचक 15 अप्रैल 2023 को शाम 06 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रहे हैं. इसकी समाप्ति 19 अप्रैल 2023 को रात 11 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगा. पंचक को अशुभ माना गया है, इसमें कई कार्य वर्जित होते हैं लेकिन शिव पूजा में पंचक का कोई असर नहीं होता.

आचार्य पुष्प राज का कहना है कि भक्त भगवान शिव की आराधना का व्रत एवं पूजा का संकल्प लें और शाम के समय के शिव मंदिर या घर पर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से स्नान करवाएं. उसके बाद सफेद चंदन का लेप जरूर करें. वहीं, भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल और शहद और शक्कर भी अर्पित करें. इस दौरान भक्त ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा, गुरु प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. वहीं, भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव की आरती करते हुए भगवान शिव से क्षमा प्रार्थना भी करें.

ये भी पढ़ें: Aaj Ka Panchang : जानिए आज का पंचांग,क्या है आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त

कुल्लू: भोलेभंडारी को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है. त्रयोदशी तिथि के स्वामी शिव है. वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत बहुत खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन सोमवार भी है. ऐसे में व्रती को शिव साधना का उत्तम फल प्राप्त होगा. सोम प्रदोष व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, संतान प्राप्ति और धन लाभ होता है. आइए जानते हैं वैशाख के सोम प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.

17 अप्रैल सोमवार को वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा और सोमवार होने के चलते इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. वहीं, भगवान शिव की आराधना करने के लिए यह व्रत उत्तम माना गया है और प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन के साथ साथ सुख समृद्धि भी भक्त के घर आती है. पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 अप्रैल को दोपहर 3:45 से शुरू होगी और अगले दिन 18 अप्रैल को दोपहर 1:27 पर खत्म होगी.

वैशाख सोम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त: प्रदोष व्रत में शाम के समय भगवान शिव की पूजा की जाती है और ऐसे में 17 अप्रैल को इसका व्रत रखा जाएगा. वहीं, पहले प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 6:48 से लेकर रात 9:01 तक रहेगा. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में जो भगवान शिव की पूजा करता है. भगवान शिव उसके सभी कष्टों को हर लेते हैं. ऐसे में शाम के समय भगवान शिव का जलाभिषेक करना भक्तों के लिए काफी शुभ माना गया है.

वैशाख सोम प्रदोष व्रत 2023 शुभ योग: प्रदोष व्रत के दिन ही ब्रह्मा व इंद्र का योग का भी बन रहा है. वैशाख सोम प्रदोष व्रत में सोमवार सुबह 12:13 से लेकर रात 9:07 तक ब्रह्मा योग बनेगा. इसके अलावा इंद्र योग रात 9:07 से लेकर 18 अप्रैल को शाम 6:10 तक रहेगा.

वैशाख सोम प्रदोष व्रत में पंचका का साया: पंचांग के अनुसार इस बार वैशाख सोम प्रदोष व्रत में पंचक का साया भी रहेगा. पंचक 15 अप्रैल 2023 को शाम 06 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रहे हैं. इसकी समाप्ति 19 अप्रैल 2023 को रात 11 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगा. पंचक को अशुभ माना गया है, इसमें कई कार्य वर्जित होते हैं लेकिन शिव पूजा में पंचक का कोई असर नहीं होता.

आचार्य पुष्प राज का कहना है कि भक्त भगवान शिव की आराधना का व्रत एवं पूजा का संकल्प लें और शाम के समय के शिव मंदिर या घर पर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से स्नान करवाएं. उसके बाद सफेद चंदन का लेप जरूर करें. वहीं, भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल और शहद और शक्कर भी अर्पित करें. इस दौरान भक्त ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा, गुरु प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. वहीं, भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव की आरती करते हुए भगवान शिव से क्षमा प्रार्थना भी करें.

ये भी पढ़ें: Aaj Ka Panchang : जानिए आज का पंचांग,क्या है आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त

Last Updated : Apr 17, 2023, 6:14 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.