शिमला:देश में प्रति व्यक्ति आय में अग्रणी राज्यों में शामिल हिमाचल में अब BPL सूची में शामिल होने के लिए अब आय का दायरा भी बढ़ाया गया है. प्रदेश में अभी तक BPL परिवारों की सूची में शामिल होने के लिए आय सीमा सालाना 30 हजार रुपए है, जिसका दायरा अब बढ़ाकर 1.50 लाख किया गया है. कैबिनेट ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है.
हिमाचल में इसी साल अप्रैल महीने में बीपीएल परिवारों की सूची की समीक्षा की जानी है, जिसमें अन्य निर्धारित मापदंडों के साथ आय सीमा को आधार मानकर पात्र परिवारों को BPL सूची में शामिल किया जाएगा. 1.50 सालाना आय वाले परिवार वालों के पास अपनी कोई गाड़ी या पक्का मकान न हो. प्रदेश में लगातार बढ़ रही प्रति व्यक्ति आय को देखते हुए सरकार ने BPL सूची के लिए सालों से निर्धारित आय सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया हैं।
ये परिवार होंगे चयन के पात्र
सरकार ने BPL परिवारों के चयन को लेकर पारदर्शिता बरतने के लिए अन्य कई नए मापदंड भी तय किए हैं. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की और से तय किए गए मापदंडों पर 9 जनवरी को आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लग चुकी है. सरकार ने महिला मुखिया वाले परिवार, 50 फीसदी या इससे अधिक मुखिया की विकलांगता वाले परिवार, पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम करने वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या थैलेसीमिया से पीड़ित हैं या जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे सभी परिवार BPL सूची में शामिल होंगे.
केंद्र से इतना कोटा निर्धारित
केंद्र ने हिमाचल के लिए BPL सूची में 2,82,370 परिवारों को शामिल करने का कोटा निर्धारित किया है. वर्तमान में 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं. ऐसे में अभी केंद्र के कोटे के मुताबिक 16,066 नए परिवारों को भी अभी और BPL सूची में और जोड़ा जा सकता है. बता दें कि प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे बीपीएल परिवारों का चयन बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 के आधार पर किया जाता है. ये मापदंड केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की 10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) में जारी बीपीएल सर्वे गाइडलाइन 2002 पर आधारित हैं.
21 महीने से नहीं हुई सूची की समीक्षा
केंद्र से निर्धारित कोटे की उपलब्धता के हिसाब से ही अन्य नए परिवारों को भी सूची में शामिल किया जा सकता है, लेकिन पिछली साल लोकसभा चुनाव सहित प्रदेश विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के ऐलान से 16 मार्च को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थीं, जिस कारण हिमाचल में अप्रैल महीने में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक में पिछले 21 महीनों से BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है. हिमाचल में BPL परिवारों को सरकार डिपुओं के जरिए सस्ते राशन, अस्पतालों में फ्री इलाज, नौकरी में प्राथमिकता, बिजली का फ्री मीटर लगाने, आवास के लिए वित्तीय सहायता सहित कई तरह सुविधाएं दे रही है, लेकिन प्रदेश में 21 महीने से BPL परिवारों की सूची की समीक्षा नहीं हुई है.
इस अवधि में BPL सूची में शामिल परिवारों से कई सदस्य आउट सोर्स सहित विभिन्न विभागों में मल्टी टास्क वर्कर सहित अन्य सरकारी क्षेत्र में नौकरी पर लगे हैं. इसके अलावा कई परिवारों से युवा प्राइवेट नौकरी में लगने के बाद अच्छी सैलरी प्राप्त कर रहे हैं. कई परिवारों ने चार पहिया वाहन खरीद लिए हैं. किसी ने सभी तरह सुविधाओं वाले पक्के घर बना लिए हैं, जिस कारण ये BPL परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अपात्र हो गए हैं, लेकिन कई महीनों से BPL परिवारों की समीक्षा न होने के कारण ऐसे परिवारों को सूची से बाहर नहीं किया जा सका है. ऐसे में अब तीन महीने बाद अप्रैल में BPL सूची की समीक्षा होने जा रही हैं.
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