शिमला: प्रदेश के दुर्गम और दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों ने सरकार के आश्वासन के बाद एक बार फिर से ऑनलाइन छात्रों की कक्षाएं शुरू कर दी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद विरोधस्वरूप 2613 एसएमसी शिक्षकों ने अपनी सेवाओं को बंद कर दिया था.
कोविड संकट के समय में एसएमसी शिक्षक छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे थे, लेकिन उन्होंने इस ऑनलाइन कक्षाओं को बंद कर दिया था. अब सरकार ने शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए कोर्ट जाने का फैसला लिया तो एसएमसी शिक्षकों ने एक बार फिर से अपना काम शुरू कर दिया.
आज से किया काम शुरू
मंगलवार से एसएमसी शिक्षकों ने छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू कर दिया है. सोमवार को कैबिनेट में बैठक सरकार ने इन शिक्षकों के लिए कोर्ट जाने का फैसला लिया, जिसके बाद एसएमसी शिक्षक काम पर लौट गए. शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने मुख्यमंत्री सहित शिक्षा मंत्री का एसएमसी शिक्षकों की लड़ाई में साथ देने के लिए आभार जताया. कोर्ट का फैसला आने के बाद ऐसे शिक्षकों ने सरकार को 3 दिन का समय स्पष्टीकरण के लिए दिया था. एसएमसी संघ ने स्पष्ट कह दिया था कि सरकार एसएमसी शिक्षकों का साथ देगी या नहीं इसे लेकर स्थिति 3 दिन के अंदर स्पष्ट की जाए. इसी दौरान एसएमसी शिक्षकों की ओर से अपनी सेवाएं भी पूरी तरह से बंद कर दी गई थी.
2012 से कर रहे काम
उन्होंने छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं को बंद कर दिया था, लेकिन सरकार का आश्वासन मिलने के बाद और कैबिनेट में शिक्षकों के हित में फैसला आने के बाद ऐसे शिक्षकों ने दोबारा से अपना काम शुरू किया. कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि इस मामले में कानूनी राय लेकर कोर्ट में सरकार याचिका दायर करेगी. प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में 2012 से ही 2613 एसएमसी शिक्षकों ने शिक्षा की बागडोर संभाल रखी है.
ये भी पढ़ें: चीनी एजेंट चार्ली पैंग के 2 गुर्गे हिमाचल से गिरफ्तार, दलाई लामा की कर रहे थे जासूसी