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हिमाचल में जल्द ही शुरू होने वाली हैं पांच जल विद्युत परियोजनाएं, इतने लोगों को मिलेगा रोजगार

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अगस्त माह में एसजेवीएनएल को आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य आरम्भ किया जा सके.

मीटिंग में सीएम जयराम ठाकुर
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Published : Jul 6, 2019, 11:07 PM IST

शिमला: प्रदेश में जल्द ही पांच जल विद्युत परियोजनाएं शुरू होने वाली हैं. प्रदेश सरकार एसजेवीएनएल के साथ अगस्त महीने में 15 हजार करोड़ रुपये की पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर एमओयू साइन करने वाले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से करीब आठ हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश का ऊर्जा राज्य की तरफ एक और महत्वपूर्ण कदम होगा.

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सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अगस्त माह में एसजेवीएनएल को आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य आरम्भ किया जा सके. इन परियोजनाओं में लुहरी चरण-1 (210 मेगावाट), सुन्नी डेम (382 मेगावाट), धौलासिद्ध (66 मेगावाट), लुहरी चरण-2 (172 मेगावाट) और जांगी थोपन (780 मेगावाट) शामिल हैं. ये भी पढ़ें: उन्होंने कहा कि चिनाब नदी पर तीन हजार मैगावाट जल विद्युत क्षमता के दोहन की संभावनाएं हैं परन्तु यहां आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि निवेशकों को रियायतें उपलब्ध करवाने के बाद इन परियोजनाओं को पुनः आवंटित करने की संभावनाओं की तलाश की जाएंगी.

SJVNL
सीएम जयराम की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक.

ये भी पढ़ें: झारखंड के गुमला से लापता महिला हिमाचल में मिली, ईटीवी भारत की मुहिम, सकुशल हो घर वापसी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विद्यमान विपुल जल विद्युत क्षमता के तीव्र दोहन के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इस क्षेत्र में निजी निवेश को भी बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र विकास का ईंजन होता है और इसके दोहन से रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तेज करने के प्रयास जारी हैं क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य धीमा पड़ा हुआ था.

ये भी पढ़ें: भारी बारिश से नाहन-कुमारहट्टी नेशनल हाईवे बंद, घरों में घुसा मलबा और पत्थर

मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति समीक्षा और निवेश पर विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. प्रधान सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा प्रबोध सक्सेना, एसजेबीएनएल के चैयरमेन एवं महा प्रबन्धक नन्द लाल शर्मा, ऊर्जा निदेशक मानसी सहाय तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे.

शिमला: प्रदेश में जल्द ही पांच जल विद्युत परियोजनाएं शुरू होने वाली हैं. प्रदेश सरकार एसजेवीएनएल के साथ अगस्त महीने में 15 हजार करोड़ रुपये की पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर एमओयू साइन करने वाले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से करीब आठ हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश का ऊर्जा राज्य की तरफ एक और महत्वपूर्ण कदम होगा.

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सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अगस्त माह में एसजेवीएनएल को आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य आरम्भ किया जा सके. इन परियोजनाओं में लुहरी चरण-1 (210 मेगावाट), सुन्नी डेम (382 मेगावाट), धौलासिद्ध (66 मेगावाट), लुहरी चरण-2 (172 मेगावाट) और जांगी थोपन (780 मेगावाट) शामिल हैं. ये भी पढ़ें: उन्होंने कहा कि चिनाब नदी पर तीन हजार मैगावाट जल विद्युत क्षमता के दोहन की संभावनाएं हैं परन्तु यहां आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि निवेशकों को रियायतें उपलब्ध करवाने के बाद इन परियोजनाओं को पुनः आवंटित करने की संभावनाओं की तलाश की जाएंगी.

SJVNL
सीएम जयराम की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक.

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विद्यमान विपुल जल विद्युत क्षमता के तीव्र दोहन के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इस क्षेत्र में निजी निवेश को भी बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र विकास का ईंजन होता है और इसके दोहन से रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तेज करने के प्रयास जारी हैं क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य धीमा पड़ा हुआ था.

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मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति समीक्षा और निवेश पर विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. प्रधान सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा प्रबोध सक्सेना, एसजेबीएनएल के चैयरमेन एवं महा प्रबन्धक नन्द लाल शर्मा, ऊर्जा निदेशक मानसी सहाय तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे.

Intro:SJVNL और प्रदेश में पांच और जल विद्युत परियोजनाएं करेगा शूरू

शिमला. प्रदेश में जल्द ही पांच जल विद्युत परियोजनाएं शुरू होने वाली हैं. प्रदेश सरकार एसजेवीएनएल के साथ अगस्त महीने में 15 हजार करोड़ रूपए की पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर एमओयू साइन करने वाले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से करीब आठ हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश का ऊर्जा राज्य की तरफ एक और महत्वपूर्ण कदम होगा.

Body:जय राम ठाकुर ने कहा कि अगस्त माह में एसजेवीएनएल को आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य आरम्भ किया जा सके। इन परियोजनाओं में लुहरी चरण-1 (210 मैगावाट), सुन्नी डेम (382 मैगावाट), धौलासिद्ध (66 मैगावाट), लुहरी चरण-2 (172 मैगावाट) तथा जांगी थोपन (780 मैगावाट) शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि चनाब नदी पर तीन हजार मैगावाट जल विद्युत क्षमता के दोहन की संभावनाएं हैं परन्तु यहां आवंटित पांच जल विद्युत परियोजनाओं को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को रियायतें उपलब्ध करवाने के उपरान्त इन परियोजनाओं को पुनः आवंटित करने की संभावनाओं की तलाश की जाएंगी।

Conclusion:मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विद्यमान विपुल जल विद्युत क्षमता के तीव्र दोहन के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है तथा इस क्षेत्र में निजी निवेश को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र विकास का ईंजन होता है और इसके दोहन से रोज़गार के अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तेज करने के प्रयास जारी हैं क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य धीमा पड़ा हुआ था। मुख्यमंत्री ने यह बात आज यहां प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति समीक्षा तथा निवेश पर विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। प्रधान सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा प्रबोध सक्सेना, एसजेबीएनएल के चैयरमेन एवं महा प्रबन्धक नन्द लाल शर्मा, ऊर्जा निदेशक मानसी सहाय तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
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