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हिमाचल में कोरोना के साथ अब स्क्रब टायफस की दस्तक, IGMC में सामने आए 6 मामले

हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस ने दस्तक दे दी है. बीते चार दिनाें में छह मामले आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के आए हैं. जिला के सभी अस्पतालाें में जरूरी एडवाइजरी जारी की गई है. इसके अलावा प्रशासन ने दवाओं का स्टाॅक भी उपलब्ध करवा दिया है.

Scrub typhus himachal pradesh
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Published : Jul 31, 2020, 6:35 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस ने दस्तक दे दी है. बीते चार दिनाें में छह मामले आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के आए हैं. एक मामला ठियाेग क्षेत्र से आया है. इसके अलावा तीन मामले राेहड़ू और दाे रामपुर के हैं. इनमें चार महिलाएं और दाे पुरूष हैं.

स्क्रब टायफस के मामले आने के बाद प्रशासन अलर्ट हाे गया है. लाेगाेें काे जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है. जिला के सभी अस्पतालाें में जरूरी एडवाइजरी दे दी गई है. इसके अलावा प्रशासन ने दवाओं का स्टाॅक भी उपलब्ध करवा दिया है.

हालांकि आईजीएमसी में पहले ही स्क्रब टायफस काे लेकर तैयारियां कर ली गई थी. अब प्रशासन यहां आने वाले हर संदिग्ध का स्क्रब टेस्ट करवाएगा ताकि स्क्रब टायफस का शुरुआत में ही पता लगाया जा सके. स्क्रब टायफस जुलाई से लेकर नवंबर तक फैलता है. ठंडे इलाकाें में इसके ज्यादातर मरीज आते हैं.

ऐसे फैलता है स्क्रब टायफस

स्क्रब टायफस एक संक्रामक बीमारी है जो जानवरों में होने वाला मौसमी रोग है और मनुष्यों में आ जाता है. घास काटने गए या अन्य बाहरी कार्य के दौरान व्यक्ति संक्रमित कीट (चिगर्स) द्वारा काटे जाने पर इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है. किसान, बागवान, खेतों या बगीचों में काम करने वाले मजदूर और अन्य कार्यों के लिए बाहर जाने वाले लोगों को इससे संक्रमित होने का ज्यादा खतरा रहता है. खेतों में पाए जाने वाले चूहे संक्रमण का मुख्य स्रोत हैं. स्क्रब टायफस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता.

क्या हैं स्क्रब टायफस के लक्षण

स्क्रब टायफस में तेज बुखार मुख्य लक्षण है. इसके अलावा सर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, उल्टी होना इसके अन्य लक्षण हैं. कुछ मामलों में शरीर पर लाल निशान भी हो जाते हैं. स्क्रब टायफस में तेज बुखार कंप कंपी के साथ 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है. इससे शरीर में ऐंठन, अकड़न और शरीर टूटा हुआ लगना प्रतीत होता है. अगर ऐसे लक्षण हाे ताे तुरंत डाॅक्टर से सलाह लें.

ऐसे करें बचाव

डॉक्टरों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए. खेतों में काम करने के बाद नहाना चाहिए या कम से कम बाजुओं व टांगों को धोना चाहिए. घरों के आस-पास घास को नहीं पनपने देना चाहिए. इसके अलावा अगर शरीर पर लाल निशान पड़ने लगे ताे तुरंत जांच करवानी चाहिए. अस्पतालाें में स्क्रब टायफस का इलाज उपलब्ध है. आसानी से मरीज ठीक हाे सकता है. हिमाचल प्रदेश में ऊपरी शिमला में स्क्रब टायफस के ज्यादातर मामले सामने आते हैं.

पढे़ं: युवाओं ने रोजगार छीनने पर अपनाया स्वरोजगार, जंगल में खोली पकौड़े दुकान

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस ने दस्तक दे दी है. बीते चार दिनाें में छह मामले आईजीएमसी में स्क्रब टायफस के आए हैं. एक मामला ठियाेग क्षेत्र से आया है. इसके अलावा तीन मामले राेहड़ू और दाे रामपुर के हैं. इनमें चार महिलाएं और दाे पुरूष हैं.

स्क्रब टायफस के मामले आने के बाद प्रशासन अलर्ट हाे गया है. लाेगाेें काे जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है. जिला के सभी अस्पतालाें में जरूरी एडवाइजरी दे दी गई है. इसके अलावा प्रशासन ने दवाओं का स्टाॅक भी उपलब्ध करवा दिया है.

हालांकि आईजीएमसी में पहले ही स्क्रब टायफस काे लेकर तैयारियां कर ली गई थी. अब प्रशासन यहां आने वाले हर संदिग्ध का स्क्रब टेस्ट करवाएगा ताकि स्क्रब टायफस का शुरुआत में ही पता लगाया जा सके. स्क्रब टायफस जुलाई से लेकर नवंबर तक फैलता है. ठंडे इलाकाें में इसके ज्यादातर मरीज आते हैं.

ऐसे फैलता है स्क्रब टायफस

स्क्रब टायफस एक संक्रामक बीमारी है जो जानवरों में होने वाला मौसमी रोग है और मनुष्यों में आ जाता है. घास काटने गए या अन्य बाहरी कार्य के दौरान व्यक्ति संक्रमित कीट (चिगर्स) द्वारा काटे जाने पर इस बीमारी से ग्रसित हो सकता है. किसान, बागवान, खेतों या बगीचों में काम करने वाले मजदूर और अन्य कार्यों के लिए बाहर जाने वाले लोगों को इससे संक्रमित होने का ज्यादा खतरा रहता है. खेतों में पाए जाने वाले चूहे संक्रमण का मुख्य स्रोत हैं. स्क्रब टायफस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता.

क्या हैं स्क्रब टायफस के लक्षण

स्क्रब टायफस में तेज बुखार मुख्य लक्षण है. इसके अलावा सर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस फूलना, खांसी, उल्टी होना इसके अन्य लक्षण हैं. कुछ मामलों में शरीर पर लाल निशान भी हो जाते हैं. स्क्रब टायफस में तेज बुखार कंप कंपी के साथ 104 से 105 डिग्री तक आ सकता है. इससे शरीर में ऐंठन, अकड़न और शरीर टूटा हुआ लगना प्रतीत होता है. अगर ऐसे लक्षण हाे ताे तुरंत डाॅक्टर से सलाह लें.

ऐसे करें बचाव

डॉक्टरों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों में काम करते समय हाथ-पैर को ढक कर रखना चाहिए. खेतों में काम करने के बाद नहाना चाहिए या कम से कम बाजुओं व टांगों को धोना चाहिए. घरों के आस-पास घास को नहीं पनपने देना चाहिए. इसके अलावा अगर शरीर पर लाल निशान पड़ने लगे ताे तुरंत जांच करवानी चाहिए. अस्पतालाें में स्क्रब टायफस का इलाज उपलब्ध है. आसानी से मरीज ठीक हाे सकता है. हिमाचल प्रदेश में ऊपरी शिमला में स्क्रब टायफस के ज्यादातर मामले सामने आते हैं.

पढे़ं: युवाओं ने रोजगार छीनने पर अपनाया स्वरोजगार, जंगल में खोली पकौड़े दुकान

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