कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की पर्यटन नगरी मणिकर्ण में हुए हुडदंग और तोड़फोड़ मामले में बनाई गई एसआईटी की टीम ने कुल्लू पहुंचते ही CCTV कैमरों की फुटेज को एक बार फिर खंगालना शुरू कर दिया है. इसके अलावा स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. वहीं, स्थानीय लोगों द्वारा अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किए गए वीडियो को भी SIT की टीम के अपने कब्जे में लिया है. SIT वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए उन शरारती तत्वों की पहचान करेगी.
बता दें कि हिमाचल हाई कोर्ट के संज्ञान के बाद पुलिस की नींद टूटी और डीजीपी संजय कुंडू ने मामले की जांच के लिए बीते दिनों तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन (SIT) टीम का गठन किया. एसआईटी में डीआईजी मधुसुदन को चेयरमैन बनाया गया है. वहीं, एसपी कुल्लू साक्षी वर्मा और थर्ड बटालियन के भगत सिंह ठाकुर एसआईटी के सदस्य बनाए गए हैं. एसआईटी को मामले की निष्पक्ष जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं. मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी को समय-समय पर डीजीपी संजय कुंडू में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.
पीड़ितों को मिले उचित मुआवजा: वहीं, इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा देने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि इस घटना में कई स्थानीय लोगों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ हुई है. ऐसे में पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.
क्या है मामला: बता दें कि 5 मार्च को देर रात मणिकर्ण के फागली उत्सव के दौरान कुछ स्थानीय और पंजाब के युवकों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी. लेकिन, बाद में बहसबाजी मारपीट में तब्दील हो गई. वहीं, इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रहा था. वायरल वीडियो में दिख रहा था कि कुछ युवक हाथ मे डंडे लेकर तोड़फोड़ और लोगों के साथ मारपीट कर रहे हैं. उत्पाती यहीं नहीं रुके उन्होंने रात को घरों में पत्थर भी फेंके और कई गाड़ियों के शीशे तोड़कर उन्हें नुकसान भी पहुंचाया था. इस घटना में कुछ लोगों को हल्की चोटें भी आई थी. वहीं, स्थानीय लोग लगातार इस मामले में जांच की मांग उठा रहे हैं.