शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला में समरहिल के शिव मंदिर में भयंकर तबाही हुई, लेकिन ऐतिहासिक शिव मंदिर बिल्कुल सुरक्षित है. भगवान शिव और पार्वती माता और गणपति की प्रतिमा को एक खरोंच तक नहीं आई है. इसे चमत्कार कहें या फिर कुछ और लेकिन इस नजारे को जिसने भी देखा वो हैरान रह गया. यहां भगवान शिव के दर्शन करने आए 20 श्रद्धालुओं की जान चली गई, लेकिन भगवान शिव और उनका परिवार यानि उनकी मूर्तियां बिल्कुल सुरक्षित हैं.
शिव मंदिर की सभी मूर्तियां सुरक्षित: मंदिर में तस्वीर चौंका देने वाली है. यहां खिड़की के नजदीक स्थापित की गई छोटी-छोटी मूर्तियां को भी कोई असर नहीं पड़ा है. भूस्खलन की तीव्रता और प्रभाव इतना ज्यादा था कि यह बड़े-बड़े पेड़ों को अपने साथ बहाकर ले गया, लेकिन छोटी-छोटी मूर्तियां अपनी जगह से हिली तक नहीं. सावन के आखिरी सोमवार के दिन हुई तबाही के बावजूद इलाके के लोगों की आस्था अब भी अपने भगवान शिव पर बरकरार है.
सर्च ऑपरेशन हो चुका है खत्म, आने वाले दिनों में शुद्धि के लिए होगा यज्ञ: 14 अगस्त से लेकर 24 अगस्त तक चला सर्च ऑपरेशन अब खत्म हो चुका है और यहां लोगों की आवाजाही के लिए रास्ते की बहाली की जा रही है. मंदिर कमेटी ने फिलहाल यहां निर्णय नहीं लिया है कि यहां दोबारा मंदिर निर्माण होगा या नहीं, लेकिन फिलहाल मंदिर कमेटी की ओर से यहां आने वाले दिनों में शुद्धि के लिए यज्ञ करवाया जाएगा.
लोगों में खौफ का माहौल: शिमला में हुए भारी भूस्खलन ने न केवल 20 लोगों की जान ली, बल्कि एक पेट में पल रहे सात महीने के बच्चे की भी जान चली गई, जिसने इस दुनिया को देखा तक नहीं था. शिव बावड़ी में मंजर अब भी डरा देने वाला है और यहां एक अजीब-सा सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है. इलाके के लोगों के मन में खौफ है और अपनों को खोने की पीड़ा भी ऐसी, जो शायद जीवन भर साथ रहेगी.