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शिमलाः पेंडिंग मामलों को निपटाने के लिए पुलिस ने कसी कमर, एसपी ने सभी SHO को दिए निर्देश

जिला शिमला में विभिन्न थानों में कई केस लंबित पड़े हैं. ऐसे में केस न निपटाने को लेकर अब एसपी शिमला मोहित चावला हरकत में आ गए हैं. हिमाचल की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा लंबित मामले जिला शिमला में है. गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल करीब बीस हजार एफआईआर दर्ज होती हैं.

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Published : Apr 6, 2021, 9:08 PM IST

Shimla police resolving pending cases
फोटो.

शिमलाः जिला में विभिन्न थानों में कई केस लंबित पड़े हैं. ऐसे में केस न निपटाने को लेकर अब एसपी शिमला मोहित चावला हरकत में आ गए हैं. एसपी शिमला ने जिला के सभी एसएचओ को निर्देश दिए हैं कि मामलों की जांच करने में अब कोई कोताही न बरती जाए. जो भी विभिन्न मामले थाने में लंबित पड़े हैं उन्हें शीघ्र अति शीघ्र निपटाया जाए.

जिला में 24.8 प्रतिशत मामले लंबित

1 अप्रैल 2021 तक जिला में 24.8 प्रतिशत मामले लंबित हैं. इन सभी मामलों को 20 प्रतिशत से नीचे लाना होगा. यहां तक बीते दिन हुई स्टेट क्राइम की बैठक में भी डीजीपी ने सभी एसपी को लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश दिए थे.

शिमला में सबसे ज्यादा लंबित मामले

हिमाचल की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा लंबित मामले जिला शिमला में हैं. जिला शिमला में लंबित पड़े मामलों में कमी नहीं आ रही है. जब भी जिला क्राइम बैठक होती है तो एसपी द्वारा सभी चौकी ओर थाना प्रभारियों को लंबित मामलों को निपटाने के लिए कहा जाता है. बावजूद इसके मामले लंबित ही पड़े हुए हैं.

हर साल करीब बीस हजार एफआईआर होती है दर्ज

गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल करीब बीस हजार एफआईआर दर्ज होती हैं. इनमें वर्ष 2019 में 19,819 और 2020 में 20,577 एफआईआर दर्ज की गईं. पुलिस ने चार महीनों में काफी कड़ी मेहनत की ओर इनमें सफलता भी प्राप्त हुई है.

ये भी पढ़ें- CM जयराम का दावा, चारों नगर निगम पर होगा BJP का कब्जा

प्रदेश में पुलिस बल की कमी

प्रदेश में पुलिस बल की कुल स्वीकृत संख्या 18,099 हैं. इनमें से 1729 पद रिक्त पड़े हैं. कुल स्वीकृत संख्या में से मौजूदा समय में 9909 कर्मी जिलों में तैनात हैं. इनके जिम्मे कानून व्यवस्था और अपराधों की जांच दाेनों हैं. अन्य फोर्स बटालियनों में तैनात हैं. स्टाफ की कमी के बावजूद लंबित मामलों के निपटान में सुधार हुआ है.

किस रेंज की कितनी परफाॅरमेंस

रेंजलंबित मामले प्रतिशतता
सेंट्रल रेंज123317.15%
साउथ रेंज130620.19%
नॉर्दन रेंज94614.90%


यहां ये भी जानना जरुरी है कि शिमला जिले में 24.8 फीसद लंबित मामले हैं. जबकि सबसे बड़े कांगड़ा जिले में यह प्रतिशतता 13.08 है.

ये भी पढ़ें- कौन जीतेगा 2022 का 'सेमीफाइनल'! MC चुनाव के लिए थमा चुनाव प्रचार, अब जनता करेगी फैसला

शिमलाः जिला में विभिन्न थानों में कई केस लंबित पड़े हैं. ऐसे में केस न निपटाने को लेकर अब एसपी शिमला मोहित चावला हरकत में आ गए हैं. एसपी शिमला ने जिला के सभी एसएचओ को निर्देश दिए हैं कि मामलों की जांच करने में अब कोई कोताही न बरती जाए. जो भी विभिन्न मामले थाने में लंबित पड़े हैं उन्हें शीघ्र अति शीघ्र निपटाया जाए.

जिला में 24.8 प्रतिशत मामले लंबित

1 अप्रैल 2021 तक जिला में 24.8 प्रतिशत मामले लंबित हैं. इन सभी मामलों को 20 प्रतिशत से नीचे लाना होगा. यहां तक बीते दिन हुई स्टेट क्राइम की बैठक में भी डीजीपी ने सभी एसपी को लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश दिए थे.

शिमला में सबसे ज्यादा लंबित मामले

हिमाचल की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा लंबित मामले जिला शिमला में हैं. जिला शिमला में लंबित पड़े मामलों में कमी नहीं आ रही है. जब भी जिला क्राइम बैठक होती है तो एसपी द्वारा सभी चौकी ओर थाना प्रभारियों को लंबित मामलों को निपटाने के लिए कहा जाता है. बावजूद इसके मामले लंबित ही पड़े हुए हैं.

हर साल करीब बीस हजार एफआईआर होती है दर्ज

गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल करीब बीस हजार एफआईआर दर्ज होती हैं. इनमें वर्ष 2019 में 19,819 और 2020 में 20,577 एफआईआर दर्ज की गईं. पुलिस ने चार महीनों में काफी कड़ी मेहनत की ओर इनमें सफलता भी प्राप्त हुई है.

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प्रदेश में पुलिस बल की कमी

प्रदेश में पुलिस बल की कुल स्वीकृत संख्या 18,099 हैं. इनमें से 1729 पद रिक्त पड़े हैं. कुल स्वीकृत संख्या में से मौजूदा समय में 9909 कर्मी जिलों में तैनात हैं. इनके जिम्मे कानून व्यवस्था और अपराधों की जांच दाेनों हैं. अन्य फोर्स बटालियनों में तैनात हैं. स्टाफ की कमी के बावजूद लंबित मामलों के निपटान में सुधार हुआ है.

किस रेंज की कितनी परफाॅरमेंस

रेंजलंबित मामले प्रतिशतता
सेंट्रल रेंज123317.15%
साउथ रेंज130620.19%
नॉर्दन रेंज94614.90%


यहां ये भी जानना जरुरी है कि शिमला जिले में 24.8 फीसद लंबित मामले हैं. जबकि सबसे बड़े कांगड़ा जिले में यह प्रतिशतता 13.08 है.

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