शिमलाः नगर निगमके अधिकारी कीऑडियो क्लिप का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को नगर निगम की मासिक बैठक में ऑडियो क्लिप पर जम कर हंगामा हुआ.बीजेपी की पार्षद ने अपनी ही महापौर पर इस मामले को सदन में न उठाने को लेकर दवाब बनाने के आरोप लगाए और इस मामले की जांच विजिलेंस से करवाने की मांग की.
उन्होंने जल्द से जल्द उक्त अधिकारी की ट्रांसफर करने की मांग उठाई. सदन में बीजेपी और कांग्रेस के कई पार्षद भी उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्यवाई करने के समर्थन में उतरे. वहीं, इस मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष ले जाने को लेकर भी सहमति बनी.
बीजेपी पार्षद आरती चौहान का कहना है कि वो पिछले चार महीने सेइस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम की महापौर द्वारा इस मामले को दबाया जा रहा है और उन पर सदन में इस प्रश्न को न लगाने को कहा जा रहा है, जबकिऑडियो में ये आवाज लॉ अधिकारी की है और वे साफ-साफ नगर निगम की गोपनीय सूचनाओं को लिक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अधिकारी के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए और इसके लिए इसकी जांच विजिलेंस से करवाई जाए.
उधर, नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि इसे लेकर पहले ही नगर निगम ने सरकार को जांच करने का आग्रह किया है और जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पार्षद ने लॉ ऑफिसर पर आरोप लगाया है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि ये किसकी ओडियो है और उन्होंने ये ऑडियो अभी तक नहीं सुना है.
बता दें कि शिमला नगर निगम का कुछ माह पहले एक अधिकारी का ओडियों क्लिप वयरल हुआ था. जिसमे नगर निगम के एक अधिकारी निगम की सीक्रेसी लीक कर रहे हैं. किराये के मुद्दे पर निगम की जानकारियां कुछ कारोबारियों को भी बताई गई. नगर निगम के कई पार्षद भी सरकार पर मामले की जांच का दबाव डाल रहे हैं. पार्षद आरती ने दावा किया कि उनके पास यह ऑडियो है, जिसमें मेयर और आयुक्त के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की गई हैं. आरोप लगाया कि यह अधिकारी निगम से दगाबाजी कर बाहर के लोगों की मदद कर रहे हैं.