शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक अजब-गजब मामला पेश आया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सीआईडी मुख्यालय में एक आयोजन में भाग लेने गए थे. उनके लिए शिमला के एक विख्यात होटल से हल्के-फुल्के नाश्ते (स्नैक्स) के लिए समोसे मंगवाए गए थे. ये समोसे सीएम तक नहीं पहुंचे और चूक से सुरक्षा कर्मियों ने खा लिए. वीवीआईपी प्रोटोकॉल में गड़बड़ी की सीआईडी जांच हुई और बाकायदा रिपोर्ट भी तैयार हुई. ये रिपोर्ट सार्वजनिक होकर वायरल हो गई. विपक्षी दल भाजपा को सरकार को घेरने का मौका मिल गया. अब भाजपा निरंतर सरकार पर हमलावर है.
समोसे के सवाल पर CID का बयान
भाजपा का कहना है कि सरकार को विकास और जनता की चिंता नहीं, बल्कि सीएम के समोसे की फिक्र है. वहीं, शुक्रवार सुबह शिमला से दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले से जुड़े मीडिया के सवाल को टाल दिया. डीजी सीआईडी एसआर ओझा ने बताया, "ये एक आंतरिक मामला है. बेवजह इसे तूल दिया जा रहा है. किसी को कोई नोटिस नहीं भेजा गया है और न ही कोई कार्रवाई हुई है." वहीं, कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मामले को लेकर सरकार पर तंज कसा है. सुधीर शर्मा ने भी मामले पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस सरकार में समोसे की समस्या ज्यादा बढ़ी है और उसे भी सरकार विरोधी बताया जा रहा है. भाजपा नेता रणधीर शर्मा व पार्टी प्रवक्ता चेतन बरागटा ने भी इस प्रकरण पर सरकार को घेरा है. उधर, सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर यूजर्स चटकारे ले रहे हैं. आइए, जानते हैं पूरा मामला आखिर है क्या?
सीआईडी मुख्यालय ने बिठाई जांच
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला के भराड़ी स्थित सीआईडी मुख्यालय में एक समारोह में शामिल होने गए थे. अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह में ये समारोह हुआ था. वहां सीएम के नाश्ते के लिए समोसे मंगवाए गए थे. ये समोसे सीएम तक नहीं पहुंचे और सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें खा लिया. उच्च अधिकारियों को जब पता चला तो पुलिस महानिरीक्षक यानी आईजी (सीआईडी) ने जांच के आदेश दिए. सीआईडी के पुलिस महानिरीक्षक की तरफ से 21 अक्टूबर को जांच के आदेश जारी किए गए थे. डीएसपी रैंक के अफसर ने जांच रिपोर्ट सौंपी. उस रिपोर्ट में तथ्यों सहित खुलासा किया गया और बताया गया कि गलती किस स्तर पर हुई. जांच में पाया गया कि सीएम के लिए तीन पैकेट्स में समोसे आदि आए थे. उन्हें एक एसआई व हैड कांस्टेबल ने गलती से आईजी सीआईडी कार्यालय में मौजूद डीएसपी व अन्य सुरक्षा कर्मियों को चाय के साथ परोस दिया.
आईजी ने दिया था केक व समोसे लाने का निर्देश
जांच रिपोर्ट ये कहती है कि आईजी ने सीएम के लिए वीवीआईपी प्रोटोकॉल के तहत नाश्ते के लिए केक व समोसे लाने के निर्देश दिए थे. ये सामग्री एक निजी होटल से लाई गई. ये निर्देश एक सब इंस्पेक्टर को दिए गए थे. एसआई ने आगे एक एएसआई व हैड कांस्टेबल को जिम्मा दे दिया. होटल ने तीन बॉक्स में नाश्ता आया तो उसे एक महिला इंस्पेक्टर को दिया गया. बाद में ये एमटीएस यानी मेकेनिकल ट्रांसपोर्ट स्टाफ के पास आया और अंतत आईजी ऑफिस में बैठे डीएसपी व अन्य को परोस दिया गया. किसी को ये पता ही नहीं चला कि ये वीवीआईपी सामान है. जांच रिपोर्ट में यहां तक दर्ज है कि ये सीआईडी व सरकार विरोधी कृत्य है. बाकायदा तीन पन्नों की रिपोर्ट में सिलसिलेवार सारे तथ्य दर्ज किए गए हैं.
बीजेपी का तंज, सरकार को विकास नहीं समोसे की फिक्र
भाजपा नेता रणधीर शर्मा ने कहा, "ये हास्यास्पद मामला है. सरकार को विकास नहीं, सीएम के लिए लाए समोसों की फिक्र है."
भाजपा के पूर्व मुखिया और मौजूदा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने भी सुक्खू सरकार को घेरा है. सत्ती ने कहा, "इस मामले के सामने आने के बाद पूरे देश में हिमाचल का मजाक उड़ रहा है. सरकार में बड़े स्कैंडल हो रहे हैं, उनकी जांच तो नहीं हो रही, बल्कि समोसों की जांच हो रही है. इस छोटी सी चीज पर जांच बिठाना हैरानी की बात है. जांच रिपोर्ट में सरकार विरोधी कृत्य जैसे शब्द हैं. इस सरकार ने छोटी सी बात के लिए पूरे देश में हिमाचल को बदनाम कर दिया है."