शिमलाः जयराम सरकार के 2020-21 के बजट को अगर जनता के नजरिए से देखें, तो कई वर्गों के लिए यह बजट राहत लेकर आया है. बेरोजगारों के लिए इस बजट में कुछ उम्मीद जरूर है. जयराम ठाकुर ने 30 हजार पद भरने की घोषणा की है. इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी रोजगार सृजन की बात कही गई है.
समाज कल्याण की कई योजनाओं का ऐलान
तीन दशक से पत्रकारिता में सक्रिय धनंजय शर्मा के अनुसार सीएम जयराम ठाकुर के बजट भाषण में सरकारी नौकरियों का जिक्र है और समाज कल्याण की कई योजनाओं का ऐलान किया गया है. धनंजय शर्मा ने बढ़ते कर्ज को लेकर सरकार को चेताया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में छोटे कर्मचारियों को हालांकि मानदेय बढ़ोतरी के रूप में राहत दी गई है, लेकिन कोरोना के कारण ध्वस्त हुई आर्थिकी को संभालने के उपाय करने होंगे.
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राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा दोनों बढ़े
धनंजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 50 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है. बजट का अहम बिंदू यह है कि इसमें राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा दोनों बढ़े हैं. इसका मुख्य कारण कोरोना संकट है. कोरोना संकट के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है, इसलिए इसका हिमाचल की आर्थिक स्थिति पर भी असर साफ दिख रहा है.
30 हजार नई नौकरियां देने का ऐलान राहत की बात
धनंजय शर्मा ने कहा कि लोगों के सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि बजट में 30 हजार नई नौकरियां देने का ऐलान किया गया है. इसके अलावा 7 हजार युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरियां देने का ऐलान किया है. बजट में दूसरी सबसे बड़ी सौगात सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में लोगों को मिली है. इसके तहत 40 हजार से लोगों को लाभ मिलेगा.
स्वर्ण जयंती महिला संबल योजना लाभदायक
स्वर्ण जयंती महिला संबल योजना के तहत 65 साल से 69 साल तक की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलेगा, लेकिन इन महिलाओं को कोई अन्य पेंशन नहीं मिल रही हो तभी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. तीसरी बात बजट में अंशकालिक कर्मियों को बड़ी राहत दी है. इनमें आशा वर्कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, पंचायत चौकीदार, लंबरदार और दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी बढ़ाना गरीब तबके के लिए सबसे बड़ी सौगातें हैं.
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