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कोरोना से लड़ाई में जुटे स्वयं सहायता समूह, प्रदेश में हर दिन तैयार हो रहे 15000 मास्क - राष्ट्रीय आजीविका मिशन

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रदेश भर में 250 स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 2000 से अधिक महिलाएं पूरी निष्ठा से काम कर रही हैं. इन सहायता समूहों के द्वारा 15000 के लगभग मास्क प्रतिदिन तैयार किए जा रहे हैं. अभी तक एक लाख मास्क विभिन्न विभागों एवं अन्य संस्थाओं को दिए जा चुके हैं और मास्क बनाने का यह कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.

self help group in himachal pradesh
कोरोना की लड़ाई में जुटे स्वयं सहायता समूह
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Published : Apr 11, 2020, 7:39 AM IST

शिमलाः प्रदेश में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों एवं महिला किसानों को कोरोना संकट के समय में लोगों के बचाव के लिए अपना सहयोग प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत इन लोगों को इस संकट के समय के लिए तैयार किया जा रहा है.

ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन के प्रदेश प्रमुख ललित जैन ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में लगभग 250 से अधिक स्वयं सहायता समूह शामिल हैं. इन सहायता समूहों के द्वारा 15000 के लगभग मास्क प्रतिदिन तैयार किए जा रहे हैं.

निरंतर बढ़ रही मास्क की मांग को पूरा करने के लिए पूरे प्रदेश में कुल 250 स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 2000 से अधिक महिलाएं इस कार्य को पूरी निष्ठा से कर रही हैं.

अभी तक एक लाख मास्क विभिन्न विभागों एवं अन्य संस्थाओं को दिए जा चुके हैं और मास्क बनाने का यह कार्य युद्ध स्तर पर निरंतर जारी है.

इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तु विनिमय प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग तीन हजार महिला किसानों को प्रेरित किया जा रहा है, जिसके तहत कम से कम भूमि का उपयोग करते हुए किचन गार्डन को विकसित कर गांव में ही आवश्यक सब्जियां उगाई जा सकें.

ललित जैन द्वारा हर दिन वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस संदर्भ में युवा व्यवसायियों का उत्साह बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 11 युवा व्यवसायियों को इन महिला किसानों के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

साथ ही महिला किसानों द्वारा तैयार उत्पाद को बाजार में भेजना भी युवा व्यवसायियों द्वारा ही सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके.

पढ़ेंः कोविड-19 संकट: राहत बनकर आए राजस्व घाटा अनुदान के 952 करोड़, कर्ज लेने से बच गया हिमाचल

शिमलाः प्रदेश में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों एवं महिला किसानों को कोरोना संकट के समय में लोगों के बचाव के लिए अपना सहयोग प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत इन लोगों को इस संकट के समय के लिए तैयार किया जा रहा है.

ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन के प्रदेश प्रमुख ललित जैन ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में लगभग 250 से अधिक स्वयं सहायता समूह शामिल हैं. इन सहायता समूहों के द्वारा 15000 के लगभग मास्क प्रतिदिन तैयार किए जा रहे हैं.

निरंतर बढ़ रही मास्क की मांग को पूरा करने के लिए पूरे प्रदेश में कुल 250 स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 2000 से अधिक महिलाएं इस कार्य को पूरी निष्ठा से कर रही हैं.

अभी तक एक लाख मास्क विभिन्न विभागों एवं अन्य संस्थाओं को दिए जा चुके हैं और मास्क बनाने का यह कार्य युद्ध स्तर पर निरंतर जारी है.

इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तु विनिमय प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग तीन हजार महिला किसानों को प्रेरित किया जा रहा है, जिसके तहत कम से कम भूमि का उपयोग करते हुए किचन गार्डन को विकसित कर गांव में ही आवश्यक सब्जियां उगाई जा सकें.

ललित जैन द्वारा हर दिन वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस संदर्भ में युवा व्यवसायियों का उत्साह बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 11 युवा व्यवसायियों को इन महिला किसानों के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

साथ ही महिला किसानों द्वारा तैयार उत्पाद को बाजार में भेजना भी युवा व्यवसायियों द्वारा ही सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके.

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