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Scrub Typhus: हिमाचल में स्क्रब टाइफस का कहर, 973 लोग संक्रमित, अब तक 10 लोगों की मौत, जानिए लक्षण और बचाव

हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस ने इस बार पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के 973 मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है. जानिए स्क्रब टाइफस के लक्षण और इससे बचाव के उपाय. (Scrub Typhus In Himachal) (Scrub Typhus Alert in Himachal Pradesh)

Scrub Typhus In Himachal
हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 8:12 AM IST

Updated : Sep 13, 2023, 11:49 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के 5834 टेस्ट लिए गए हैं, जिनमें 973 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा अब तक 10 लोग स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. आईजीएमसी शिमला में रोजाना 15 से 18 मरीज स्क्रब टाइफस के पहुंच रहे हैं.

हिमाचल में स्क्रब टाइफस: हिमाचल प्रदेश में अब तक 10 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत हो चुकी है. इस साल स्क्रब टाइफस के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. जिसके चलते प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर भी अलर्ट हो गए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि स्क्रब टाइफस को लोग बिल्कुल भी हल्के में ना लें. थोड़ी सी भी लापरवाही, जान पर भारी पड़ सकती है.

स्क्रब टाइफस से सावधान! आईजीएमसी के डॉक्टरों के अनुसार हर साल स्क्रब टाइफस लोगों को अपना ग्रास बनाता है. अगर इसके लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना देरी किए हुए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. डॉक्टरों ने लोगों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति घास काटता है और उसे स्क्रब टाइफस के लक्षण नजर आते हैं, तो वह डॉक्टर को बताएं, ताकि उसका समय पर इलाज हो सके. बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस के मामले ज्यादा आते हैं. खासकर सितंबर महीने में स्क्रब टाइफस के मामलों का ग्राफ बढ़ जाता है. जानकारी के अनुसार इस दौरान स्क्रब टाइफस से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.

Scrub Typhus In Himachal
हिमाचल में स्क्रब टाइफस

स्क्रब टाइफस से लोगों की मौत: साल 2018 में स्क्रब टाइफस के 2699 सैंपलों की जांच की गई थी. जिनमें से 413 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. वहीं, 17 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत हुई थी. साल 2019 में स्क्रब टाइफस के 1983 सैंपलों की जांच की गई थी. जिनमें 247 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. स्क्रब टाइफस के चलते 2019 में 16 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. स्क्रब टाइफस से साल 2022 में 20 लोगों ने दम तोड़ा. इस दौरान 2000 सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें से 500 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

कोरोना के कारण नहीं हुई सैंपलिंग: साल 2020 और 21 में कोरोना वायरस अपने पीक पर था. इन दौरान बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे. कोरोना वायरस के कई लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इन सालों में कोरोना वायरस के कारण स्क्रब टाइफस का एक भी सैंपल नहीं लिया गया था. जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के पास 2020 और 2021 में स्क्रब टाइफस के मामलों का डाटा उपलब्ध नहीं है.

Scrub Typhus
क्या है स्क्रब टाइफस?

क्या होता है स्क्रब टाइफस: स्क्रब टाइफस एक असंक्रामक रोग है. जो कि एक जीवाणु से इन्फेक्टेड पिस्सू के काटने से फैलता है. ये पिस्सू खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. पिस्सू के काटने के बाद ये जीवाणु स्किन के जरिए पूरी बॉडी में फैलता है. जिससे स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. डॉक्टरों की सलाह है कि लोग बरसात के दिनों में झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाएं. मगर किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि बरसात के सीजन में किसानों बागवानों को खेतों में घास काटने का काम ज्यादा रहता है. यही मुख्य कारण है कि ज्यादा किसान और बागवान ही स्क्रब टाइफस का शिकार होते हैं.

Symptoms of Scrub Typhus
स्क्रब टाइफस के लक्षण

स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर शरीर में कुछ लक्षण नजर आना शुरू हो जाते हैं. सबसे पहले स्क्रब टाइफस में मरीज को तेज बुखार आता है. जिसमें बुखार 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड होती है. बुखार से शरीर में अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना अधिक इसके लक्षणों में आता है. इसके अलावा स्क्रब टाइफस वायरस होने पर गर्दन, बाजू, कूल्हों के नीचे गिल्टियों का होना भी इसके लक्षणों में शामिल है.

Scrub Typhus Precautions
स्क्रब टाइफस से बचाव

स्क्रब टाइफस से बचाव: आईजीएमसी शिमला में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. बलवीर वर्मा ने बताया कि स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है. बरसात के दिनों में लोग साफ सफाई का खास ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को हमेशा साफ रखें और समय-समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहें. मरीजों को स्क्रब टाइफस के दौरान डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीज की इससे मौत हो जाती है. स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर बिल्कुल भी कोताही न बरतें और फौरन डॉक्टर को दिखाएं.

ये भी पढे़ं: Scrub Typhus In Himachal: IGMC शिमला में स्क्रब टाइफस से 9वीं मौत, 14 नए मामले आए सामने

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश में अब तक स्क्रब टाइफस के 5834 टेस्ट लिए गए हैं, जिनमें 973 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा अब तक 10 लोग स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. आईजीएमसी शिमला में रोजाना 15 से 18 मरीज स्क्रब टाइफस के पहुंच रहे हैं.

हिमाचल में स्क्रब टाइफस: हिमाचल प्रदेश में अब तक 10 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत हो चुकी है. इस साल स्क्रब टाइफस के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. जिसके चलते प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर भी अलर्ट हो गए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि स्क्रब टाइफस को लोग बिल्कुल भी हल्के में ना लें. थोड़ी सी भी लापरवाही, जान पर भारी पड़ सकती है.

स्क्रब टाइफस से सावधान! आईजीएमसी के डॉक्टरों के अनुसार हर साल स्क्रब टाइफस लोगों को अपना ग्रास बनाता है. अगर इसके लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना देरी किए हुए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. डॉक्टरों ने लोगों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति घास काटता है और उसे स्क्रब टाइफस के लक्षण नजर आते हैं, तो वह डॉक्टर को बताएं, ताकि उसका समय पर इलाज हो सके. बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस के मामले ज्यादा आते हैं. खासकर सितंबर महीने में स्क्रब टाइफस के मामलों का ग्राफ बढ़ जाता है. जानकारी के अनुसार इस दौरान स्क्रब टाइफस से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.

Scrub Typhus In Himachal
हिमाचल में स्क्रब टाइफस

स्क्रब टाइफस से लोगों की मौत: साल 2018 में स्क्रब टाइफस के 2699 सैंपलों की जांच की गई थी. जिनमें से 413 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. वहीं, 17 लोगों की स्क्रब टाइफस से मौत हुई थी. साल 2019 में स्क्रब टाइफस के 1983 सैंपलों की जांच की गई थी. जिनमें 247 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. स्क्रब टाइफस के चलते 2019 में 16 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. स्क्रब टाइफस से साल 2022 में 20 लोगों ने दम तोड़ा. इस दौरान 2000 सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें से 500 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

कोरोना के कारण नहीं हुई सैंपलिंग: साल 2020 और 21 में कोरोना वायरस अपने पीक पर था. इन दौरान बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे. कोरोना वायरस के कई लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इन सालों में कोरोना वायरस के कारण स्क्रब टाइफस का एक भी सैंपल नहीं लिया गया था. जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के पास 2020 और 2021 में स्क्रब टाइफस के मामलों का डाटा उपलब्ध नहीं है.

Scrub Typhus
क्या है स्क्रब टाइफस?

क्या होता है स्क्रब टाइफस: स्क्रब टाइफस एक असंक्रामक रोग है. जो कि एक जीवाणु से इन्फेक्टेड पिस्सू के काटने से फैलता है. ये पिस्सू खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. पिस्सू के काटने के बाद ये जीवाणु स्किन के जरिए पूरी बॉडी में फैलता है. जिससे स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. डॉक्टरों की सलाह है कि लोग बरसात के दिनों में झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाएं. मगर किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि बरसात के सीजन में किसानों बागवानों को खेतों में घास काटने का काम ज्यादा रहता है. यही मुख्य कारण है कि ज्यादा किसान और बागवान ही स्क्रब टाइफस का शिकार होते हैं.

Symptoms of Scrub Typhus
स्क्रब टाइफस के लक्षण

स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर शरीर में कुछ लक्षण नजर आना शुरू हो जाते हैं. सबसे पहले स्क्रब टाइफस में मरीज को तेज बुखार आता है. जिसमें बुखार 104 से 105 तक जा सकता है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड होती है. बुखार से शरीर में अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना अधिक इसके लक्षणों में आता है. इसके अलावा स्क्रब टाइफस वायरस होने पर गर्दन, बाजू, कूल्हों के नीचे गिल्टियों का होना भी इसके लक्षणों में शामिल है.

Scrub Typhus Precautions
स्क्रब टाइफस से बचाव

स्क्रब टाइफस से बचाव: आईजीएमसी शिमला में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. बलवीर वर्मा ने बताया कि स्क्रब टाइफस से बचाव बेहद जरूरी है. बरसात के दिनों में लोग साफ सफाई का खास ध्यान रखें. घर व आसपास के वातावरण को हमेशा साफ रखें और समय-समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहें. मरीजों को स्क्रब टाइफस के दौरान डॉक्सीसाइक्लिन और एज़िथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीज की इससे मौत हो जाती है. स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर बिल्कुल भी कोताही न बरतें और फौरन डॉक्टर को दिखाएं.

ये भी पढे़ं: Scrub Typhus In Himachal: IGMC शिमला में स्क्रब टाइफस से 9वीं मौत, 14 नए मामले आए सामने

Last Updated : Sep 13, 2023, 11:49 AM IST
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