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सेब सीजन शुरू होने के साथ मंडी में कोरोना संक्रमण का खतरा, व्यापारियों ने प्रशासन से की ये मांग

ठियोग की पराला मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव की अन्य सुविधाओं के नहीं होने पर व्यापारियों ने इसका प्रबंध करने की मांग की. व्यापारियों का कहना है कि सेब सीजन शुरू हो गया, लेकिन कोई इंतजाम नहीं किया गया. इसससे कोरोना का भय व्यापारियों को सता रहा है.

Theog Parala Mandi
पराला मंडी में कोरोना बचाव के साधन नहीं
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Published : Jul 14, 2020, 5:48 PM IST

ठियोग : प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने वाला फल सेब तैयार होकर मंडियों में पहुंचने लगा है. ऐसे में सरकार के निर्देशों का पालन कर सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य बातों को लेकर बागवानों सहित व्यापारियों में भय बना हुआ है.

जानकारी के मुताबिक पराला मंडी की बात की जाए सब नियम कायदे कागजों पर ही सिमट गए हैं. मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान बनाए गए, जवानों की भी तैनाती की गई, लेकिन जब सीजन शुरू हुआ और व्यापारियों की आमद मंडी में बढ़ी तो कुछ नजर नहीं आ रहा. ऐसे में व्यापारियों में कोरोना को लेकर भय बना हुआ है. प्रशासन की लापरवाही के चलते कोई मास्क लगाना भी उचित नहीं समझ रहा.

वीडियो.

सेब लेने बाहर से आ रहे व्यापारियों को क्वारंटाइन की बात कही गई थी, लेकिन व्यापारियों का दावा है कि इसका पालन नहीं किया जा रहा. आढ़तियों का कहना है कि वह हर साल लाखों का टैक्स सरकार को देते हैं, लेकिन कोरोना संकट में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है.

पराला मंडी के प्रधान अनूप चौहान ने बताया कि इस साल कोरोना का भय सभी को डरा रहा है. जब मंडी में सेब सीजन शुरू हो गया, तो न ही मंडी को सेनिटाइज किया जा रहा और ना ही किसी डॉक्टर को यहां देखरेख के लिए भेज गया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि मंडी में मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए. पुलिस की तैनाती की जाए जिससे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए. उन्होंने कहा अगर सरकार या प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो यहां व्यापारी भी आने से परहेज करेंगे और सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें : नेपाली मजदूरों की कमी ने बढ़ाई हिमाचली बागवानों की चिंता, मेहनत पर फिर सकता है पानी!

ठियोग : प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने वाला फल सेब तैयार होकर मंडियों में पहुंचने लगा है. ऐसे में सरकार के निर्देशों का पालन कर सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य बातों को लेकर बागवानों सहित व्यापारियों में भय बना हुआ है.

जानकारी के मुताबिक पराला मंडी की बात की जाए सब नियम कायदे कागजों पर ही सिमट गए हैं. मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान बनाए गए, जवानों की भी तैनाती की गई, लेकिन जब सीजन शुरू हुआ और व्यापारियों की आमद मंडी में बढ़ी तो कुछ नजर नहीं आ रहा. ऐसे में व्यापारियों में कोरोना को लेकर भय बना हुआ है. प्रशासन की लापरवाही के चलते कोई मास्क लगाना भी उचित नहीं समझ रहा.

वीडियो.

सेब लेने बाहर से आ रहे व्यापारियों को क्वारंटाइन की बात कही गई थी, लेकिन व्यापारियों का दावा है कि इसका पालन नहीं किया जा रहा. आढ़तियों का कहना है कि वह हर साल लाखों का टैक्स सरकार को देते हैं, लेकिन कोरोना संकट में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है.

पराला मंडी के प्रधान अनूप चौहान ने बताया कि इस साल कोरोना का भय सभी को डरा रहा है. जब मंडी में सेब सीजन शुरू हो गया, तो न ही मंडी को सेनिटाइज किया जा रहा और ना ही किसी डॉक्टर को यहां देखरेख के लिए भेज गया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि मंडी में मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए. पुलिस की तैनाती की जाए जिससे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए. उन्होंने कहा अगर सरकार या प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो यहां व्यापारी भी आने से परहेज करेंगे और सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

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