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सहासिक पर्यटन स्थलों को विकसित करेगी सरकार, पर्यटक ले सकेंगे पैराग्लाइंडिंग और स्कीइंग का मजा

हिमाचल को पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित बैठक में हिस्सा लिया.

पर्यटक ले सकेंगे पैराग्लाइंडिंग और स्कीइंग का मजा
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Published : Oct 19, 2019, 11:07 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:30 AM IST

शिमला: हिमाचल को देश की पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रदेश सरकार अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही है. यह बात मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक कही. बैठक के दौरान मौजूदा समय में प्रस्तावित और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई.

इस दौरान उन्होंने प्रदेश में विभिन्न प्रस्तावित पर्यटन परियोजनाओं की समीक्षा की और कहा कि प्रदेश में कई स्थानों में सुन्दर प्राकृतिक स्थल हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है. मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को निर्देश दिए कि वह प्रदेश के हर उस स्थल को विकसित करे, जहां पर पर्यटकों के आने की संभावना है साथ ही विभाग यह सुनिश्चित करें कि वह स्थल प्रत्येक पर्यटक के लिए पसंदीदा स्थान बन सके.

प्रदेश में साहसिक पर्यटक स्थान विकसित करने के लिए डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने सम्बन्धित अधिकारियों को ऐसे स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए, जहां स्कीइंग और पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों की संभावनाएं हो. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बुलाह कटारू को पर्यावरण पर्यटन की दृष्टि से और आस-पास के क्षेत्रों को स्कीइंग स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निर्देश भी दिए हैं.

डॉ. बाल्दी ने कहा कि डिवेलपर्स को राज्य में विभिन्न रोपवे के कार्यों को जल्द शुरु करने के साथ ही निर्धारित समया में पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 'नई राहें नई मंजिलें' योजना के तहत चांशल क्षेत्र को स्कीइंग गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए एकीकृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि बैठक में पौंग बांध जलाश्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वार्षिक पक्षी महोत्सव आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है. वहीं, बैठक के दौरान डॉ. बाल्दी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं के विकास पर नाचन में 2.82 करोड़ और जंजैहली में 2.50 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं.

जिला मंडी को अध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए डॉ. बाल्दी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिन्हित स्थान पर शिवधाम का कार्य जल्द ही शुरू किया जाए. वहीं बैंटनी कैसल शिमला के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए बाल्दी ने बताया कि यह स्थान वास्तविक रूप से पर्यटन आधारित म्यूजियम के रुप में विकसित किया जाएगा. बैठक के दौरान मनाली के बडाग्रां को लाईट और साउंड शो आयोजित करने वाले गंतव्य के रूप में विकसित करने पर चर्चा की गई.

शिमला: हिमाचल को देश की पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रदेश सरकार अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही है. यह बात मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक कही. बैठक के दौरान मौजूदा समय में प्रस्तावित और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई.

इस दौरान उन्होंने प्रदेश में विभिन्न प्रस्तावित पर्यटन परियोजनाओं की समीक्षा की और कहा कि प्रदेश में कई स्थानों में सुन्दर प्राकृतिक स्थल हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है. मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को निर्देश दिए कि वह प्रदेश के हर उस स्थल को विकसित करे, जहां पर पर्यटकों के आने की संभावना है साथ ही विभाग यह सुनिश्चित करें कि वह स्थल प्रत्येक पर्यटक के लिए पसंदीदा स्थान बन सके.

प्रदेश में साहसिक पर्यटक स्थान विकसित करने के लिए डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने सम्बन्धित अधिकारियों को ऐसे स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए, जहां स्कीइंग और पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों की संभावनाएं हो. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बुलाह कटारू को पर्यावरण पर्यटन की दृष्टि से और आस-पास के क्षेत्रों को स्कीइंग स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निर्देश भी दिए हैं.

डॉ. बाल्दी ने कहा कि डिवेलपर्स को राज्य में विभिन्न रोपवे के कार्यों को जल्द शुरु करने के साथ ही निर्धारित समया में पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 'नई राहें नई मंजिलें' योजना के तहत चांशल क्षेत्र को स्कीइंग गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए एकीकृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि बैठक में पौंग बांध जलाश्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वार्षिक पक्षी महोत्सव आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है. वहीं, बैठक के दौरान डॉ. बाल्दी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं के विकास पर नाचन में 2.82 करोड़ और जंजैहली में 2.50 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं.

जिला मंडी को अध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए डॉ. बाल्दी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिन्हित स्थान पर शिवधाम का कार्य जल्द ही शुरू किया जाए. वहीं बैंटनी कैसल शिमला के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए बाल्दी ने बताया कि यह स्थान वास्तविक रूप से पर्यटन आधारित म्यूजियम के रुप में विकसित किया जाएगा. बैठक के दौरान मनाली के बडाग्रां को लाईट और साउंड शो आयोजित करने वाले गंतव्य के रूप में विकसित करने पर चर्चा की गई.

Intro:Body:प्रदेश सरकार बनाएगी हिमाचल प्रदेश को पसंदीदा पर्यटन गंतव्यः मुख्य सचिव

प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को देश की पसंदीदा सैरगाह बनाने के लिए कृतसंकल्प है, जिसके लिए पर्यटन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की अत्याधिक आवश्यकता है। यह बात मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने आज यहां हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में कही।

उन्होंने प्रदेश में विभिन्न प्रस्तावित पर्यटन परियोजनाओं की समीक्षा की तथा कहा कि प्रदेश में पर्याप्त स्थानों में सुन्दर प्राकृतिक स्थल है जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है और यह कार्य विभाग का है कि वह पर्यटक स्थलों को विकसित कर सुनिश्चित करें कि वह प्रत्येक पर्यटक के लिए पसंदीदा गंतव्य बन सके।

प्रदेश में साहसिक पर्यटक गंतव्य विकसित करने के लिए उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को ऐसे स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए, जहां स्कींग तथा पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों की संभावनाएं हो। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को बुलाह कटारू को पर्यावरण पर्यटन की दृष्टि से तथा आस-पास के क्षेत्रों को स्ंिकग स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ‘नई राहें नई मंजिलें’ योजना के तहत चांशल क्षेत्र को स्ंिकग गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए एक एकीकृत योजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में पौंग बांध जलाश्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वार्षिक पक्षी महोत्सव आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा गया।

डाॅ. बाल्दी ने कहा कि डिवेलपर्स की सुगमता के लिए रज्जू मार्ग दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया है। उन्होंने डिवेलपर्स को राज्य में विभिन्न रज्जू मार्गों के कार्यों को शीघ्र आरम्भ कर निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि नारकंडा रज्जू मार्ग परियोजना को हिमाचल प्रदेश रज्जू मार्ग निगम द्वारा सार्वजनिक-निजी साझंेदारी व बाहरी सहायता प्राप्त परियोजना तथा हिमाचल प्रदेश अधोसंरचना विकास बोर्ड शिकारी देवी रज्जू मार्ग की फिजीबिल्टी रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

बैठक में यह भी बताया कि विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं के विकास पर नाचन में 2.82 करोड़ और जंजैहली में 2.50 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं। जिला मंडी को अध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए डाॅ बाल्दी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिन्हित स्थान पर शिवधाम का कार्य शुरू किया जाए। बैंटनी कैसल शिमला के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि यह स्थान वास्तविक रूप से पर्यटन आधारित म्युजियम के रुप में विकसित होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि क्यारीघाट में बनने वाले सम्मेलन संेटर के कार्य में पर्यटन के लिए अधोसंरचना विकास निवेश परियोजना (आईडीआईपीटी-एचपी) हिमाचल प्रदेश तेजी लाए और इसे निर्धारित समय में पूरा करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने मनाली के बडाग्रां को लाईट और साउंड शो आयोजित करने वाले गंतव्य के रूप में विकसित कर, इस स्थान पर स्थानीय लोक नृत्य और स्थानीय व्यंजन उपलब्ध करवाए जाने के भी निर्देश दिए।

निदेशक पर्यटन विभाग यूनुस ने विभाग द्वारा शुरू किए गए विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।Conclusion:
Last Updated : Oct 19, 2019, 11:30 AM IST
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