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किन्नौर हादसा: खराब मौसम के कारण रोका रेस्क्यू ऑपरेशन, 5 जवानों का अभी भी नहीं मिला सुराग

सपी किन्नौर साक्षी वर्मा के अनुसार भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही थी. डीएसपी धनसुख दत्ता भी अपनी टीम के साथ वापस पुह आ गए हैं. सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू किया जाएगा.

खराब मौसम के कारण रोका रेस्क्यू ऑपरेशन
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Published : Feb 20, 2019, 11:15 PM IST

शिमला/किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला की पुह तहसील के नमगिया डोगरी में ग्लेशियर के आने से सेना के 6 जवान दब गए. बर्फ के नीचे दबे जवानों में से एक जवान को घायल अवस्था में निकाला गया, लेकिन अस्पताल में जवान ने दम तोड़ दिया.
बर्फ में अभी भी पांच जवान दबे हुए हैं. खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम खराब होने के कारण प्रशासन ने बचाव अभियान रोक दिया है. एसपी किन्नौर साक्षी वर्मा के अनुसार भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही थी. डीएसपी धनसुख दत्ता भी अपनी टीम के साथ वापस पुह आ गए हैं. सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू किया जाएगा.

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खराब मौसम के कारण रोका रेस्क्यू ऑपरेशन
अभी तक एक जवान के मौत की पुष्टि हुई. जैक राइफल्स के जवान राजेश कुमार (41) निवासी बिलासपुर हिमाचल प्रदेश की अस्पताल में मौत हो गई. पांच लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. हिमस्खलन की चपेट में आने से आईटीबीपी के जवान भी घायल हो गए हैं.जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह सेना के 16 जवान नमज्ञा से शिपकिला के समीप पेयजल लाइन को दुरुस्त करने के लिए 11 बजे के करीब निकले थे. इसी दौरान पहाड़ी से ग्लेशियर गिरने के कारण 6 जवान इस कि चपेट में आ गए.सूचना मिलते ही आर्मी के जवान मौके पर पहुंचे और रेस्कयु शुरू किया तभी एक घायल जवान को घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया , लेकिन पूह अस्पताल पहुंचने तक जवान की मौत हो चुकी थी. जिला प्रशासन की और से एडीएम पुह मौके पर पहुंचे. प्रशासन की ओर से आईटीबीपी की 27बी बटालियन व पुलिस के जवानों को घटना स्थल सर्च ऑपरेशन जारी है.पुलिस अधीक्षक किन्नौर साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है.

शिमला/किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला की पुह तहसील के नमगिया डोगरी में ग्लेशियर के आने से सेना के 6 जवान दब गए. बर्फ के नीचे दबे जवानों में से एक जवान को घायल अवस्था में निकाला गया, लेकिन अस्पताल में जवान ने दम तोड़ दिया.
बर्फ में अभी भी पांच जवान दबे हुए हैं. खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम खराब होने के कारण प्रशासन ने बचाव अभियान रोक दिया है. एसपी किन्नौर साक्षी वर्मा के अनुसार भारी बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही थी. डीएसपी धनसुख दत्ता भी अपनी टीम के साथ वापस पुह आ गए हैं. सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू किया जाएगा.

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खराब मौसम के कारण रोका रेस्क्यू ऑपरेशन
अभी तक एक जवान के मौत की पुष्टि हुई. जैक राइफल्स के जवान राजेश कुमार (41) निवासी बिलासपुर हिमाचल प्रदेश की अस्पताल में मौत हो गई. पांच लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. हिमस्खलन की चपेट में आने से आईटीबीपी के जवान भी घायल हो गए हैं.जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह सेना के 16 जवान नमज्ञा से शिपकिला के समीप पेयजल लाइन को दुरुस्त करने के लिए 11 बजे के करीब निकले थे. इसी दौरान पहाड़ी से ग्लेशियर गिरने के कारण 6 जवान इस कि चपेट में आ गए.सूचना मिलते ही आर्मी के जवान मौके पर पहुंचे और रेस्कयु शुरू किया तभी एक घायल जवान को घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया , लेकिन पूह अस्पताल पहुंचने तक जवान की मौत हो चुकी थी. जिला प्रशासन की और से एडीएम पुह मौके पर पहुंचे. प्रशासन की ओर से आईटीबीपी की 27बी बटालियन व पुलिस के जवानों को घटना स्थल सर्च ऑपरेशन जारी है.पुलिस अधीक्षक किन्नौर साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है.

हिमाचल में नहीं कोई परेशानी, शिमला जैसा प्यार तो कश्मीर में भी नहीं मिलता  

शिमला. पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आत्मघाती हमले के बाद प्रदेश के एक-दो क्षेत्रों से कश्मीरी लोगों के साथ दुर्व्यवहार की खरबें आ रही है. लेकिन वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए जब कश्मीरी मजदूरों से बात की तो उन्होने कहा कि राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है. कश्मीर से बचपन में शिमला आए 70 वर्षीय मजदूर ने कहा कि मैं बचपन में शिमला आ गया था और तब से अब तक यहीं मजदूरी कर रहा है लेकिन आज तक हमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़ी. जब उनसे पूछा कि कश्मीरी लोगों के साथ कुछ दुर्व्यवहार की खबरें आ रही है तो उन्होंने कहा कि हम सामान्य रूप से ही रोज की तरह मजदूरी कर रहे हैं. हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आ रही है.   

कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं पर बात करते हुए एक अन्य कश्मीरी मजदूर ने कहा कि आज के दौर में हिंसा से किसी भी बात का समाधान नहीं हो सकता. इसलिए सभी लोगों को शांति से काम लेना चाहिए. पत्थरबाजी और आत्मघाती हमलों से समस्या का हल होता नजर नहीं आ रहा है. सरकारों को समझौते के ज़रिए ही समस्या का हल ढूंढना होगा.     
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