शिमलाः प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय को विद्यार्थी के मूल दस्तावेज रखना महंगा पड़ गया. विद्यार्थी के मूल शैक्षणिक दस्तावेज रखने के मामले में निजी शिक्षण संस्थान पर नियामक आयोग ने विश्वविद्यालय पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आयोग की ओर से निजी विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द जुर्माने की राशि भरने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
आयोग ने दिए सभी निजी विश्वविद्यालय को निर्देश
आयोग ने जिला के सभी पुलिस अधीक्षकों को मनमानी करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं. आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि निजी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को किसी भी तरह ब्लैकमेल नहीं कर सकते. निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी निजी शिक्षण संस्थान विद्यार्थी की के मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकता. आयोग ने सभी निजी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि दाखिले के समय विद्यार्थियों के केवल सेल्फ अटेस्टेड प्रमाण पत्र ही लिए जाएं.
विश्वविद्यालय को मूल दस्तावेज रखने का नहीं है अधिकार
नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि सभी निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय को विद्यार्थी के असली प्रमाण पत्र रख रखने का अधिकार नहीं है. अध्यक्ष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कोई भी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज को अपने पास नहीं रख सकता. निजी शिक्षण संस्थान केवल वेरिफिकेशन के दौरान ही दस्तावेजों को वेरीफाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई विश्वविद्यालय या कॉलेज विद्यार्थी के मूल दस्तावेज अपने पास रख कर उसे ब्लैकमेल करता है, तो ऐसे मामलों पर तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
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