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पार्टी के कड़े तेवर से शांत हुई ध्वाला की 'ज्वाला', अपने बयान पर जताया खेद

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Published : Jun 13, 2020, 4:05 PM IST

शनिवार को रमेश धवाला ने पार्टी को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. विधायक रमेश ध्वाला ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने मीडिया के सामने भावुकता में आकर कुछ बातों का जिक्र किया है जिसके प्रति वे खेद प्रकट करते हैं.

ध्वाला, सीएम जयराम, पव राणा
पार्टी को सौंपा पत्र

शिमला: हाल ही में रमेश ध्वाला ने बीजेपी प्रदेश महामंत्री पवन राणा के खिलाफ मीडिया के सामने बयानबाजी की थी. बयानबाजी करने के बाद भाजपा के नेताओं ने रमेश ध्वाला को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया था. ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के विधायक रमेश ध्वाला की ओर से पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री के खिलाफ मीडिया में की गई बयानबाजी पर सीएम ने भी नाराजगी जाहिर की थी.

शनिवार को रमेश धवाला ने पार्टी को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. विधायक रमेश ध्वाला ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने मीडिया के सामने भावुकता में आकर कुछ बातों का जिक्र किया है जिसके प्रति वे खेद प्रकट करते हैं.

रमेश धवाला ने कहा कि वे चार बार ज्वालामुखी के विधायक चुने गए हैं. उन्होंने कहा कि संगठन व सरकार को उनकी नुकसान पहुंचाने की कोई मंशा नहीं थी. साथ ही हमेशा से संगठन को मजबूत करने के लिए अपना भरसक सहयोग दिया है.

धवाला ने पत्र में लिखा कि जो मेरे कुछ विषय थे, उनके बारे में उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर के सपक्ष अपना पक्ष रखा और मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि इन विषय पर संगठन में चर्चा करके समाधान निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि संगठन का समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते भावुकता में पूर्व में दिए गए अपने बयानों पर खेद प्रकट करता हूं.

बता दें कि ज्वालामुखी के विधायक एवं वरिष्ठ नेता रमेश ध्वाला ने गुरुवार को शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान संगठन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे. धवाला ने कहा था कि संगठन मंत्री बिना विधायकों की सलाह लिए हर विधानसभा क्षेत्र में अपने लोगों को संगठन में शामिल कर रहे हैं. जिससे वहां के पुराने कार्यकर्ताओं और विधायकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसे लोग जिनके पास भाजपा की प्राइमरी मेंबरशिप तक नहीं है. उन लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं. जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है. ऐसे कार्यों से उन कार्यकर्ताओं के हाथ निराशा लगती है जो वर्षों से बिना किसी लालच के संगठन की सेवा में लगे हुए हैं इसलिए संगठन मंत्री को स्थानीय विधायकों और नेताओं से संपर्क करने के बाद ही लोगों को ब्लॉक किया जिला कार्यकारिणी में शामिल करना चाहिए.

रमेश ध्वाला की बयानबाजी से कांगड़ा के सियासत में आए सियासी भूचाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा था कि पार्टी की बात पार्टी में ही रहनी चाहिए, बाहर नहीं जानी चाहिए थी.

सीएम ने कहा था कि नेता की ओर से बात बाहर करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार व संगठन मिलकर काम करते हैं. पार्टी की बात पार्टी स्तर पर ही रखी जाती तो बेहतर होता. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि पार्टी को एकजुट होकर काम करना है और पार्टी की बात पार्टी तक ही सीमित रहे तो बेहतर होगा.

शिमला: हाल ही में रमेश ध्वाला ने बीजेपी प्रदेश महामंत्री पवन राणा के खिलाफ मीडिया के सामने बयानबाजी की थी. बयानबाजी करने के बाद भाजपा के नेताओं ने रमेश ध्वाला को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया था. ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के विधायक रमेश ध्वाला की ओर से पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री के खिलाफ मीडिया में की गई बयानबाजी पर सीएम ने भी नाराजगी जाहिर की थी.

शनिवार को रमेश धवाला ने पार्टी को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. विधायक रमेश ध्वाला ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने मीडिया के सामने भावुकता में आकर कुछ बातों का जिक्र किया है जिसके प्रति वे खेद प्रकट करते हैं.

रमेश धवाला ने कहा कि वे चार बार ज्वालामुखी के विधायक चुने गए हैं. उन्होंने कहा कि संगठन व सरकार को उनकी नुकसान पहुंचाने की कोई मंशा नहीं थी. साथ ही हमेशा से संगठन को मजबूत करने के लिए अपना भरसक सहयोग दिया है.

धवाला ने पत्र में लिखा कि जो मेरे कुछ विषय थे, उनके बारे में उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर के सपक्ष अपना पक्ष रखा और मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि इन विषय पर संगठन में चर्चा करके समाधान निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि संगठन का समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते भावुकता में पूर्व में दिए गए अपने बयानों पर खेद प्रकट करता हूं.

बता दें कि ज्वालामुखी के विधायक एवं वरिष्ठ नेता रमेश ध्वाला ने गुरुवार को शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान संगठन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे. धवाला ने कहा था कि संगठन मंत्री बिना विधायकों की सलाह लिए हर विधानसभा क्षेत्र में अपने लोगों को संगठन में शामिल कर रहे हैं. जिससे वहां के पुराने कार्यकर्ताओं और विधायकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसे लोग जिनके पास भाजपा की प्राइमरी मेंबरशिप तक नहीं है. उन लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं. जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है. ऐसे कार्यों से उन कार्यकर्ताओं के हाथ निराशा लगती है जो वर्षों से बिना किसी लालच के संगठन की सेवा में लगे हुए हैं इसलिए संगठन मंत्री को स्थानीय विधायकों और नेताओं से संपर्क करने के बाद ही लोगों को ब्लॉक किया जिला कार्यकारिणी में शामिल करना चाहिए.

रमेश ध्वाला की बयानबाजी से कांगड़ा के सियासत में आए सियासी भूचाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा था कि पार्टी की बात पार्टी में ही रहनी चाहिए, बाहर नहीं जानी चाहिए थी.

सीएम ने कहा था कि नेता की ओर से बात बाहर करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार व संगठन मिलकर काम करते हैं. पार्टी की बात पार्टी स्तर पर ही रखी जाती तो बेहतर होता. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि पार्टी को एकजुट होकर काम करना है और पार्टी की बात पार्टी तक ही सीमित रहे तो बेहतर होगा.

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