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फर्जी डिग्री मामले पर राजेंद्र राणा ने जारी किया प्रेस नोट, प्रदेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

फर्जी डिग्री मामले पर विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. राणा ने कहा कि सरकार की खामोशी बता रही है कि सरकार इस गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है.

Rajendra Rana targeted state government on fake degree case
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Published : Aug 7, 2020, 9:59 PM IST

शिमला: मानव भारती फर्जी डिग्री मामले को लेकर राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने प्रेस बयान जारी किया है. विधायक ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की वकालत करने वाली सरकार ने फर्जी डिग्रियों का सौदा करने वाली मानव भारती यूनिवर्सिटी की मान्यता को जारी रखा है.

राणा ने कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि इस यूनिवर्सिटी के सरगना ने 6 लाख से ज्यादा फर्जी डिग्रीयां देश और विदेश में बेची हैं. इन डिग्रीयों में एलएलबी की हजारों डिग्रीयों का खुलासा हुआ है, जिनके आधार पर कई लोग कोर्ट में प्रेक्टिस कर रहे हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक यह सरगना एक डिग्री को डेढ़ से तीन लाख रुपये में बेचता था. हैरानी यह है कि ऐसी ही फर्जी डिग्री के आधार पर यह शिक्षा माफिया सरगना जोधपुर में वकील के तौर पर भी रजिस्ट्रड है. राजेंद्र राणा ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में जांच के नाम पर चले खेल में नाकाम सरकार के कई अधिकारियों ने भी करोड़ों रुपये कमाए हैं.

विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि फर्जी डिग्रीयां बेच कर करोड़ों की संपत्ति के स्वामी बने माफिया सरगना के खाते से 9 मार्च को 50 लाख रुपये, 12 जून को 1 करोड़ रुपये व 23 जून को 40 लाख रुपये निकले हैं. जिससे साफ जाहिर होता है कि जांच में लगे सिस्टम भी तिजोरियों को भरने के आरोपों से घिरा हुआ है. राणा ने कहा कि जानकारी यह भी है कि देश के कई राज्यों में फर्जी डिग्रीयां बेचने का जाल इस शिक्षा माफिया सरगना द्वारा दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक समेत कई राज्यों में फैलाया गया था.

राणा ने कहा कि सरकार की खामोशी बता रही है कि सरकार न केवल इस गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है, बल्कि इस मामले में अपने लोगों का पर्दाफाश होने के खौफ में बगलें झांक रही हैं. राणा ने कहा कि जब-जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार सत्तासीन हुई है, तब-तब भ्रष्टाचार का बोल बाला बढ़ा है. ऐसे में हैरत इस बात की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले पर चुप्पी साधे हुए है.

राणा ने कहा कि अगर वह अधिकारी सरकार के सिस्टम में हैं तो सरकार उनके नाम जाहिर करें, अगर वह सेवानिवृत हो चुके हैं तो सरकार उनके खातों व संपत्ति की जांच करके उन्हें भी उनके अंजाम तक पहुंचाए.

ये भी पढ़ें: कोरोना संकट में हुआ 30 हजार करोड़ का नुकसान, विपक्ष कर रहा हंगामा: CM जयराम

शिमला: मानव भारती फर्जी डिग्री मामले को लेकर राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने प्रेस बयान जारी किया है. विधायक ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की वकालत करने वाली सरकार ने फर्जी डिग्रियों का सौदा करने वाली मानव भारती यूनिवर्सिटी की मान्यता को जारी रखा है.

राणा ने कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि इस यूनिवर्सिटी के सरगना ने 6 लाख से ज्यादा फर्जी डिग्रीयां देश और विदेश में बेची हैं. इन डिग्रीयों में एलएलबी की हजारों डिग्रीयों का खुलासा हुआ है, जिनके आधार पर कई लोग कोर्ट में प्रेक्टिस कर रहे हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक यह सरगना एक डिग्री को डेढ़ से तीन लाख रुपये में बेचता था. हैरानी यह है कि ऐसी ही फर्जी डिग्री के आधार पर यह शिक्षा माफिया सरगना जोधपुर में वकील के तौर पर भी रजिस्ट्रड है. राजेंद्र राणा ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में जांच के नाम पर चले खेल में नाकाम सरकार के कई अधिकारियों ने भी करोड़ों रुपये कमाए हैं.

विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि फर्जी डिग्रीयां बेच कर करोड़ों की संपत्ति के स्वामी बने माफिया सरगना के खाते से 9 मार्च को 50 लाख रुपये, 12 जून को 1 करोड़ रुपये व 23 जून को 40 लाख रुपये निकले हैं. जिससे साफ जाहिर होता है कि जांच में लगे सिस्टम भी तिजोरियों को भरने के आरोपों से घिरा हुआ है. राणा ने कहा कि जानकारी यह भी है कि देश के कई राज्यों में फर्जी डिग्रीयां बेचने का जाल इस शिक्षा माफिया सरगना द्वारा दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक समेत कई राज्यों में फैलाया गया था.

राणा ने कहा कि सरकार की खामोशी बता रही है कि सरकार न केवल इस गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है, बल्कि इस मामले में अपने लोगों का पर्दाफाश होने के खौफ में बगलें झांक रही हैं. राणा ने कहा कि जब-जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार सत्तासीन हुई है, तब-तब भ्रष्टाचार का बोल बाला बढ़ा है. ऐसे में हैरत इस बात की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले पर चुप्पी साधे हुए है.

राणा ने कहा कि अगर वह अधिकारी सरकार के सिस्टम में हैं तो सरकार उनके नाम जाहिर करें, अगर वह सेवानिवृत हो चुके हैं तो सरकार उनके खातों व संपत्ति की जांच करके उन्हें भी उनके अंजाम तक पहुंचाए.

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