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शिमला में रबी फसलों की मूल्य नीति को लेकर हुई बैठक, कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर

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Published : Jun 9, 2023, 7:08 PM IST

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की आज शिमला में रबी फसलों की मूल्य नीति 2024-25 को लेकर बैठक हुई. जिसकी अध्यक्षता प्रो. विजय पॉल शर्मा ने की. इस बैठक में कृषि की आधुनिक तकनीक और पद्धति से लेकर किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने को लेकर चर्चा की गई.

Rabi Crops Price Policy 2024-25 Meeting in Shimla.
शिमला में रबी फसलों की मूल्य नीति को लेकर हुई बैठक.

शिमला: शिमला में आज कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पॉल शर्मा ने उत्तरी राज्यों के लिए रबी फसलों की मूल्य नीति 2024-25 के संदर्भ में हुई बैठक की अध्यक्षता की. हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस बैठक में आयोग के सदस्य व अन्य स्टेक होल्डर शामिल हुए. प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कृषि में नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीक और पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. यही नहीं, खेती की लागत कम करने की दिशा में भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि उनको खेती में उचित लाभ मिल सके.

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के कार्य: प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य कृषक समुदाय को आधुनिक तकनीक अपनाने, उत्पादकता को बढ़ावा देना और देश में समग्र अनाजों को बढ़ावा देना है. आयोग विभिन्न वस्तुओं की मूल्य नीति की सिफारिश करते समय मूल्य और आपूर्ति, उत्पादन की लागत, बाजार में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के उछाल और अंतर फसल मूल्य समता जैसे विभिन्न घटकों का विश्लेषण करता है. इसके अलावा कृषि और गैर कृषि व्यापार की शर्तें, उत्पादन लागत पर मार्जिन के रूप में 50 प्रतिशत और उपभोक्ताओं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रभावों का भी विश्लेषण करता है.

कृषि गतिविधियों में सरकार और आयोग की भूमिका: इस अवसर पर कृषि सचिव राकेश कंवर ने कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की दिशा में इस प्रकार की क्षेत्रीय बैठकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने की दिशा में काम कर रही है. सरकार किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में किसानों के हित्तों के अनुरुप नीतियां बना रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा राज्य में किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की दिशा में और उनके उत्पादों के विपणन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

CACP Meeting on Rabi Crops in Shimla.
शिमला में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की हुई बैठक.

इन फसलों के MSP पर हुई चर्चा: इस बैठक में 23 कृषि उत्पादों, जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और रागी), पांच दालें (चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर), सात तिलहन (मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड) और चार वाणिज्यिक फसलों (कोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट) आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बैठक में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के सदस्य डॉ. नवीन सिंह, रतन लाल डग्गा, अनुपम मित्रा और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्व विश्वविद्यालय के स्टेकहोल्डर विशेष रूप से उपस्थित रहे. बैठक में कृषि विभाग के निदेशक डॉ. राजेश कौशिक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के निदेशक आरके गौतम, विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किसानों, कृषि एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया.

ये भी पढ़ें: Sunday 18 जून को कैबिनेट मीटिंग, मंडे से बैठकों का दौर, एक्शन में सीएम सुखविंदर सिंह

शिमला: शिमला में आज कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पॉल शर्मा ने उत्तरी राज्यों के लिए रबी फसलों की मूल्य नीति 2024-25 के संदर्भ में हुई बैठक की अध्यक्षता की. हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस बैठक में आयोग के सदस्य व अन्य स्टेक होल्डर शामिल हुए. प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कृषि में नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीक और पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. यही नहीं, खेती की लागत कम करने की दिशा में भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि उनको खेती में उचित लाभ मिल सके.

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के कार्य: प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य कृषक समुदाय को आधुनिक तकनीक अपनाने, उत्पादकता को बढ़ावा देना और देश में समग्र अनाजों को बढ़ावा देना है. आयोग विभिन्न वस्तुओं की मूल्य नीति की सिफारिश करते समय मूल्य और आपूर्ति, उत्पादन की लागत, बाजार में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के उछाल और अंतर फसल मूल्य समता जैसे विभिन्न घटकों का विश्लेषण करता है. इसके अलावा कृषि और गैर कृषि व्यापार की शर्तें, उत्पादन लागत पर मार्जिन के रूप में 50 प्रतिशत और उपभोक्ताओं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रभावों का भी विश्लेषण करता है.

कृषि गतिविधियों में सरकार और आयोग की भूमिका: इस अवसर पर कृषि सचिव राकेश कंवर ने कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की दिशा में इस प्रकार की क्षेत्रीय बैठकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने की दिशा में काम कर रही है. सरकार किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में किसानों के हित्तों के अनुरुप नीतियां बना रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा राज्य में किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की दिशा में और उनके उत्पादों के विपणन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

CACP Meeting on Rabi Crops in Shimla.
शिमला में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की हुई बैठक.

इन फसलों के MSP पर हुई चर्चा: इस बैठक में 23 कृषि उत्पादों, जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और रागी), पांच दालें (चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर), सात तिलहन (मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड) और चार वाणिज्यिक फसलों (कोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट) आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बैठक में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के सदस्य डॉ. नवीन सिंह, रतन लाल डग्गा, अनुपम मित्रा और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्व विश्वविद्यालय के स्टेकहोल्डर विशेष रूप से उपस्थित रहे. बैठक में कृषि विभाग के निदेशक डॉ. राजेश कौशिक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के निदेशक आरके गौतम, विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किसानों, कृषि एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया.

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