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एक सवाल के साथ ही खत्म हो गया प्रश्नकाल, वन अधिकार कानून पर तीखी बहस

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र (budget session of Himachal Assembly) के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने पर दो दिवंगत सदस्यों के लिए शोक उद्गार व्यक्त किए गए. इस तरह प्रश्नकाल के लिए समय कम रह गया. बाकी का समय एक ही सवाल के जवाब (question hour of the budget session of Himachal Assembly) में निकल गया.

question hour of the budget session of Himachal Assembly
एक सवाल के साथ ही खत्म हो गया प्रश्नकाल
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Published : Feb 24, 2022, 8:56 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में दूसरे दिन (budget session of Himachal Assembly) प्रश्नकाल एक ही सवाल के जवाब में पूरा हो गया. दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होने पर दो दिवंगत सदस्यों के लिए शोक उद्गार व्यक्त किए गए. इस तरह प्रश्नकाल के लिए समय कम रह गया. बाकी का समय एक ही सवाल के जवाब में निकल गया. सवाल वन अधिकार कानून को लेकर था. इस सवाल के जवाब के दौरान सदन में खूब गहमागहमी हुई. पालमपुर से कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने वन अधिकार से जुड़ा सवाल किया था. ये स्थगित सवाल था और विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूछा गया था. बुटेल ने सवाल किया था कि वन अधिकार कानून के सेक्शन 3 (1) व 3 (2) के तहत कितने आवेदन आए हैं. उनमें से कितने जिला कमेटी और कितने राज्य कमेटी को भेजे गए.

अनुपूरक सवाल में किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि संबंधित मंत्री रामलाल मारकंडा स्थगित प्रश्न पर सदन में गलत तथ्यों वाला जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले इसी सदन में किन्नौर के जिन क्षेत्रों में एफआरए के दावों के शून्य आवेदन बताए गए, अब उन्हीं जगहों में आवेदन दर्शाए गए. उन्होंने पूछा कि सरकार पहले फाइलें कहां दबा कर बैठी थी. अगर सदन को गुमराह ही करना है कि तो इससे बेहतर जवाब तो आरटीआई एक्ट के तहत मिल जाता?

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि ऐसा लगता है कि मंत्री पूरी तैयारी के साथ नहीं आए हैं. बुटेल ने कहा कि जो भी आवेदन सैटल हुए हैं, वे ज्यादातर पूर्व कांग्रेस सरकार ने समय में हुए हैं, मौजूदा सरकार के कार्यकाल में तो लंबित मामलों की संख्या ही ज्यादा है. वहीं, राकेश सिंघा को जवाब देते हुए मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा, 'आई हैव कम विद फैक्ट्स, हाऊ कैन यू से दैट आई हैव नॉट कम विद फैक्ट्स?' वहीं, डॉ. मारकंडा ने जगत सिंह नेगी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इनकी आदत ही सनसनी पैदा करने की है.

मंत्री ने बताया कि 1901 आवेदन सेक्शन 3 (एक) के तहत आए, इनमें से 164 केस सेटल कर दिए हैं. विभिन्न स्तरों पर जो भी मामले लंबित हैं उन्हें सेटल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. आधे अधूरे दस्तावेज, कोरम पूरा न होने के कारण ये मामले लंबित है. इस कारण उन्हें एफआरए कमेटी के पास भेजा है. मामले तीन विभागों से जुड़े हैं, इस लिए संबंधित अधिकारियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को उचित प्रशिक्षण देकर इन्हें जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं.

वहीं, एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल की तरफ से बताया गया कि बिलासपुर एम्स में विभिन्न श्रेणियों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया जून 2022 तक पूरी हो जाएगी. कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि एम्स बिलासपुर में बीते वर्ष 5 दिसंबर को ओपीडी सेवाएं शुरू की गई थी. तब से लेकर इस वर्ष 18 फरवरी तक 11010 ओपीडी हो चुकी हैं और इस दौरान 136 लोगों की माइनर सर्जरी की गई.

3 साल में मंजूर किए 4911 मकान: पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल के सवाल के जवाब में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि 3 साल में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत में 4911 मकान स्वीकृत हुए. इसके लिए कुल 7 करोड़ 24 लाख 28250 रुपये की धनराशि मंजूर की गई.

मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत 210 करोड़ स्वीकृत: विधायक रोहित ठाकुर के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लिखित उत्तर में कहा कि तीन साल में मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत 210 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है. इसके तहत रोहड़ू वृत्त के 489.00 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई है. विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के लिखित उत्तर में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी में अंडरग्राउंड डस्टबिन के लिए अब तक 11 करोड़ 59 लाख की धनराशि खर्च की गई है. इस प्रकार के डस्टबिन 140 स्थानों पर लगाए गए हैं. प्रत्येक स्थान पर दो डस्टबिन सिंगल कंपार्टमेंट और डबल कंपार्टमेंट स्थापित किए गए हैं. प्रत्येक यूनिट पर 8.67 लाख की राशि व्यय की गई है.

ये भी पढ़ें: सीएम जयराम का बयान: यूक्रेन में फंसे हिमाचलियों को लेकर विदेश मंत्रालय से संपर्क में सरकार

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में दूसरे दिन (budget session of Himachal Assembly) प्रश्नकाल एक ही सवाल के जवाब में पूरा हो गया. दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होने पर दो दिवंगत सदस्यों के लिए शोक उद्गार व्यक्त किए गए. इस तरह प्रश्नकाल के लिए समय कम रह गया. बाकी का समय एक ही सवाल के जवाब में निकल गया. सवाल वन अधिकार कानून को लेकर था. इस सवाल के जवाब के दौरान सदन में खूब गहमागहमी हुई. पालमपुर से कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने वन अधिकार से जुड़ा सवाल किया था. ये स्थगित सवाल था और विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूछा गया था. बुटेल ने सवाल किया था कि वन अधिकार कानून के सेक्शन 3 (1) व 3 (2) के तहत कितने आवेदन आए हैं. उनमें से कितने जिला कमेटी और कितने राज्य कमेटी को भेजे गए.

अनुपूरक सवाल में किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि संबंधित मंत्री रामलाल मारकंडा स्थगित प्रश्न पर सदन में गलत तथ्यों वाला जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले इसी सदन में किन्नौर के जिन क्षेत्रों में एफआरए के दावों के शून्य आवेदन बताए गए, अब उन्हीं जगहों में आवेदन दर्शाए गए. उन्होंने पूछा कि सरकार पहले फाइलें कहां दबा कर बैठी थी. अगर सदन को गुमराह ही करना है कि तो इससे बेहतर जवाब तो आरटीआई एक्ट के तहत मिल जाता?

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि ऐसा लगता है कि मंत्री पूरी तैयारी के साथ नहीं आए हैं. बुटेल ने कहा कि जो भी आवेदन सैटल हुए हैं, वे ज्यादातर पूर्व कांग्रेस सरकार ने समय में हुए हैं, मौजूदा सरकार के कार्यकाल में तो लंबित मामलों की संख्या ही ज्यादा है. वहीं, राकेश सिंघा को जवाब देते हुए मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा, 'आई हैव कम विद फैक्ट्स, हाऊ कैन यू से दैट आई हैव नॉट कम विद फैक्ट्स?' वहीं, डॉ. मारकंडा ने जगत सिंह नेगी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इनकी आदत ही सनसनी पैदा करने की है.

मंत्री ने बताया कि 1901 आवेदन सेक्शन 3 (एक) के तहत आए, इनमें से 164 केस सेटल कर दिए हैं. विभिन्न स्तरों पर जो भी मामले लंबित हैं उन्हें सेटल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. आधे अधूरे दस्तावेज, कोरम पूरा न होने के कारण ये मामले लंबित है. इस कारण उन्हें एफआरए कमेटी के पास भेजा है. मामले तीन विभागों से जुड़े हैं, इस लिए संबंधित अधिकारियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को उचित प्रशिक्षण देकर इन्हें जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं.

वहीं, एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल की तरफ से बताया गया कि बिलासपुर एम्स में विभिन्न श्रेणियों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया जून 2022 तक पूरी हो जाएगी. कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि एम्स बिलासपुर में बीते वर्ष 5 दिसंबर को ओपीडी सेवाएं शुरू की गई थी. तब से लेकर इस वर्ष 18 फरवरी तक 11010 ओपीडी हो चुकी हैं और इस दौरान 136 लोगों की माइनर सर्जरी की गई.

3 साल में मंजूर किए 4911 मकान: पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल के सवाल के जवाब में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि 3 साल में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत में 4911 मकान स्वीकृत हुए. इसके लिए कुल 7 करोड़ 24 लाख 28250 रुपये की धनराशि मंजूर की गई.

मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत 210 करोड़ स्वीकृत: विधायक रोहित ठाकुर के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लिखित उत्तर में कहा कि तीन साल में मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत 210 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है. इसके तहत रोहड़ू वृत्त के 489.00 लाख की धनराशि स्वीकृत हुई है. विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के लिखित उत्तर में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी में अंडरग्राउंड डस्टबिन के लिए अब तक 11 करोड़ 59 लाख की धनराशि खर्च की गई है. इस प्रकार के डस्टबिन 140 स्थानों पर लगाए गए हैं. प्रत्येक स्थान पर दो डस्टबिन सिंगल कंपार्टमेंट और डबल कंपार्टमेंट स्थापित किए गए हैं. प्रत्येक यूनिट पर 8.67 लाख की राशि व्यय की गई है.

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