शिमला: नाबालिग लड़की के रेप एंड मर्डर केस में कुछ निर्दोष लोगों को पकड़ना और फिर उनमें से एक युवक की कस्टडी में पिटाई से हुई मौत ने आईजी रैंक के अफसर जहूर जैदी का करियर बर्बाद कर दिया. सोमवार को सीबीआई की अदालत ने आईजी जहूर जैदी सहित डीएसपी मनोज जोशी व अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई. संयोग देखिए कि आज ही की तारीख को दो साल पहले हिमाचल सरकार ने सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में सस्पेंशन झेल रहे आईजी जहूर जैदी का निलंबन रद्द किया था. दो साल पहले यानी 2023 में 27 जनवरी को हिमाचल सरकार के गृह विभाग ने एक आदेश जारी कर आईजी जहूर जैदी का निलंबन रद्द किया था.
आईजी जैदी 15 जनवरी 2020 से निलंबन झेल रहे थे. करीब तीन साल आठ दिन के बाद उनका निलंबन रद्द हुआ था. वे पुलिस मुख्यालय में तैनात किए गए थे. फिर सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में चंडीगढ़ स्थित सीबीआई की अदालत ने इस केस की सुनवाई चल रही थी. शनिवार 18 जनवरी 2025 को आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी सहित अन्य पुलिस कर्मियों को न्यायमूर्ति अलका मलिक की अदालत ने दोषी करार दिया था. सभी को आईपीसी की धारा-120-बी यानी आपराधिक साजिश रचने, धारा-302 यानी मर्डर, धारा-330 यानी जबरन कबूलनामा करवाने के लिए चोटिल करना, धारा-348 गलत रूप से बंधक बनाना, धारा सी-195 यानी झूठे सबूत प्रयोग करना, धारा-218 यानी डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़छाड़, सहित धारा 201 के अंतर्गत सबूत खुर्द-बुर्द करने का दोषी ठहराया गया है. इसके साथ ही अदालत ने कहा था कि दोषी करार दिए गए सभी पुलिस वालों को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी.
#WATCH | Chandigarh: On eight policemen convicted in the custodial death of Suraj, an accused in the 2017 rape-murder case in Shimla, Advocate AS Sukhija says " they have been given life imprisonment under 302, 195 and 120...there is no evidence of who killed him (suraj) and when… pic.twitter.com/oxnRtEGY42
— ANI (@ANI) January 27, 2025
कैथू, कंडा व बुड़ैल जेल में रहे आईजी जैदी
कोटखाई के गुड़िया रेप एंड मर्डर केस की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के मुखिया जहूर जैदी बाद में कस्टोडियल डेथ मामले में दोषी पाए गए. सीबीआई ने आईजी जैदी सहित अन्य को 29 अगस्त 2017 को सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में गिरफ्तार किया था. जैदी चार साल से अधिक समय विभिन्न जेलों में रहे. वे शिमला के आदर्श कारागार कंडा, कैथू जेल व चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में रहे. जहूर जैदी मार्च 2020 से अक्टूबर 2022 तक बुड़ैल जेल में रहे. उन्हें बाद में नियमित जमानत मिली थी. उल्लेखनीय है कि मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत में शिफ्ट किया था.
उल्लेखनीय है कि 4 जुलाई 2017 को शिमला जिला के कोटखाई में एक स्कूली छात्रा लापता हो गई थी. बाद में 6 जुलाई को उसकी निर्वस्त्र देह हलाईला इलाके के दांदी जंगल में मिली थी. छात्रा के साथ रेप के बाद उसकी हत्या की गई थी. जनता के आक्रोश व दबाव में तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी के मुखिया जहूर जैदी थे. एसआईटी ने इस मामले में छह लोगों को कथित रूप से आरोपी बनाते हुए हिरासत में लिया था. उसके बाद कोटखाई थाने में सूरज नामक नेपाली युवक की पुलिस वालों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उसी कस्टोडियल डेथ मामले में सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी व डीएसपी मनोज जोशी सहित कुल आठ कर्मियों को पकड़ा था. इसी केस में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने अब सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई है.