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सरकारी नियमों को पलीता लगा रहे निजी स्कूल, शिक्षा विभाग लगाम लगाने में नाकाम

राज्य स्तरीय नलवाड मेला की खेलकूद प्रतियोगिता उपसमिति की बैठक प्रभारी व सुंदरनगर डीएसपी तरनजीत सिंह की अध्यक्षता में की गई है.

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Published : Mar 15, 2019, 11:25 PM IST

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा

शिमला: प्रदेश में चल रहे निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की प्रदेश शिक्षा विभाग की कोशिश ना कामयाब होती नजर आ रही है. प्रदेश भर में चल रहे1472 स्कूलों में से कुल 408 स्कूलों ने ही अपना फीस और अन्य खर्चों से जुड़ा रिकॉर्ड शिक्षा विभाग को भेजा है.

शिक्षा विभाग भी कार्रवाई के नाम पर बार-बार बस इन स्कूलों को अपने रिकॉर्ड विभाग को देने के लिए अतिरिक्त समय दे रहा है और किसी तरह की कोई कार्रवाई स्कूलों पर नहीं की जा रही. 5 मार्च तक शिक्षा विभाग को रिकॉर्ड भेजने वाले स्कूलों की संख्या कुल 53 थी, लेकिन अब ये बढ़कर 408 हो गई है. इसके बाद भी सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षा विभाग के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं

शिक्षा विभाग ने माना है कि निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है और उसी के बाद ये अहम कदम शिक्षा विभाग ने उठाया है. विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों से एडमिशन, री-एडमिशन और एनुअल चार्जेस का पूरा रिकॉर्ड मांगा था,जिसमें स्कूलों से हर क्लास का फीस शेड्यूल देने को कहा गया है.

Education Director Amarjeet Sharma
शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा

इस रिकॉर्ड के आधार पर विभाग ये आकलन करने वाला है कि कितनी आय फीस से स्कूलों को प्राप्त हो रही है और कितना खर्च स्कूल का हो रहा है. इसके बाद ये तय किया जाएगा कि स्कूल जो फीस वसूल रहा है वो ज्यादा है या नहीं, लेकिन स्कूल जो ब्यौरा विभाग को दे रहे हैं उसमें भी पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है. कुछ स्कूल ही वार्षिक फीस का ब्यौरा ही भेज रहे हैं, तो कुछ जरूरी जानकारियों के बिना ही अपना रिकॉर्ड निदेशालय को भेज रहे है.

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश के निजी स्कूल नियमों के बाहर जा कर छात्रों से री एडमिशन फीस ले रहे हैं और इस तरह की शिकायतें विभाग के पास आ रही है. अब जब रिकॉर्ड विभाग ने मांगा है फिर भी कुछ एक स्कूल ये रिकॉर्ड नहीं दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय स्कूलों को दिया गया है उसके बाद भी जो स्कूल यह जानकारी विभाग को नहीं देते हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि अगर विभाग को जिन स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट से ज्यादा फीस लेने की जानकारी भी मिलती है तो उनकी एनओसी विभाग रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि एक्ट के तहत इस तरह के प्रावधान बनाए गए हैं, जिनके तहत विभाग स्कूलों पर कार्रवाई करेगा.

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा

इन स्कूलों से मिली है विभाग को जानकारी
शिक्षा विभाग को प्रदेश के चंबा जिले में चल रहे 52 निजी स्कूलों में से 48 स्कूल, हमीरपुर जिला के 129 स्कूलों में से 37, मंडी जिला के 247 स्कूलों में से 15, शिमला जिला के 166 स्कूलों में से 65, ऊना जिला में चल रहे 96 निजी स्कूलों में से 71 स्कूल, कांगड़ा जिला में 364 निजी स्कूलों में से 50, किन्नौर जिला के 11 निजी स्कूलों में, कुल्लू जिला के 93 स्कूलों में से 9 स्कूल, सोलन जिला के 109 में से 46 स्कूल, सिरमौर जिला के 86 में से 28 बिलासपुर जिला में चल रहे 85 निजी स्कूलों में से 25 स्कूलों ने फीस का ब्यौरा शिक्षा निदेशालय को भेजा है.

शिमला: प्रदेश में चल रहे निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की प्रदेश शिक्षा विभाग की कोशिश ना कामयाब होती नजर आ रही है. प्रदेश भर में चल रहे1472 स्कूलों में से कुल 408 स्कूलों ने ही अपना फीस और अन्य खर्चों से जुड़ा रिकॉर्ड शिक्षा विभाग को भेजा है.

शिक्षा विभाग भी कार्रवाई के नाम पर बार-बार बस इन स्कूलों को अपने रिकॉर्ड विभाग को देने के लिए अतिरिक्त समय दे रहा है और किसी तरह की कोई कार्रवाई स्कूलों पर नहीं की जा रही. 5 मार्च तक शिक्षा विभाग को रिकॉर्ड भेजने वाले स्कूलों की संख्या कुल 53 थी, लेकिन अब ये बढ़कर 408 हो गई है. इसके बाद भी सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षा विभाग के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं

शिक्षा विभाग ने माना है कि निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है और उसी के बाद ये अहम कदम शिक्षा विभाग ने उठाया है. विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों से एडमिशन, री-एडमिशन और एनुअल चार्जेस का पूरा रिकॉर्ड मांगा था,जिसमें स्कूलों से हर क्लास का फीस शेड्यूल देने को कहा गया है.

Education Director Amarjeet Sharma
शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा

इस रिकॉर्ड के आधार पर विभाग ये आकलन करने वाला है कि कितनी आय फीस से स्कूलों को प्राप्त हो रही है और कितना खर्च स्कूल का हो रहा है. इसके बाद ये तय किया जाएगा कि स्कूल जो फीस वसूल रहा है वो ज्यादा है या नहीं, लेकिन स्कूल जो ब्यौरा विभाग को दे रहे हैं उसमें भी पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है. कुछ स्कूल ही वार्षिक फीस का ब्यौरा ही भेज रहे हैं, तो कुछ जरूरी जानकारियों के बिना ही अपना रिकॉर्ड निदेशालय को भेज रहे है.

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि प्रदेश के निजी स्कूल नियमों के बाहर जा कर छात्रों से री एडमिशन फीस ले रहे हैं और इस तरह की शिकायतें विभाग के पास आ रही है. अब जब रिकॉर्ड विभाग ने मांगा है फिर भी कुछ एक स्कूल ये रिकॉर्ड नहीं दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय स्कूलों को दिया गया है उसके बाद भी जो स्कूल यह जानकारी विभाग को नहीं देते हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि अगर विभाग को जिन स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट से ज्यादा फीस लेने की जानकारी भी मिलती है तो उनकी एनओसी विभाग रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि एक्ट के तहत इस तरह के प्रावधान बनाए गए हैं, जिनके तहत विभाग स्कूलों पर कार्रवाई करेगा.

शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा

इन स्कूलों से मिली है विभाग को जानकारी
शिक्षा विभाग को प्रदेश के चंबा जिले में चल रहे 52 निजी स्कूलों में से 48 स्कूल, हमीरपुर जिला के 129 स्कूलों में से 37, मंडी जिला के 247 स्कूलों में से 15, शिमला जिला के 166 स्कूलों में से 65, ऊना जिला में चल रहे 96 निजी स्कूलों में से 71 स्कूल, कांगड़ा जिला में 364 निजी स्कूलों में से 50, किन्नौर जिला के 11 निजी स्कूलों में, कुल्लू जिला के 93 स्कूलों में से 9 स्कूल, सोलन जिला के 109 में से 46 स्कूल, सिरमौर जिला के 86 में से 28 बिलासपुर जिला में चल रहे 85 निजी स्कूलों में से 25 स्कूलों ने फीस का ब्यौरा शिक्षा निदेशालय को भेजा है.

Intro:प्रदेश में चल रहे निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की प्रदेश शिक्षा विभाग की कोशिश ना कामयाब होती नजर आ रही है। यहां तक कि शिक्षा विभाग के निर्देशों को भी निजी स्कूल गंभीरता से नहीं ले रहे है वहीं विभाग भी कार्रवाई के नाम पर बार बार बस इन स्कूलों को अपने रिकॉर्ड विभाग को देने के लिए समय पर समय दिए जा रहा है और किसी तरह की कोई कार्रवाई इन स्कूलों पर नहीं की जा रही है। विभाग की ही ढील का यह नतीजा है कि अभी तक प्रदेश भर में चल रेगे 1472 स्कूलों में से भी कुल 408 स्कूलों ने ही अपना फ़ीस ओर अन्य खर्चों से जुड़ा रिकॉर्ड शिक्षाविभाग को भेजा है। हालांकि 5 मार्च तक शिक्षा विभाग को रिकॉर्ड भेजने वाले स्कूलों की संख्या कुल 53 थी लेकिन अब यह बढ़कर 408 हो गई है लेकिन इसके बाद भी सैंकड़ों स्कूल ऐसे है जो शिक्षाविभाग के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे है।


Body:शिक्षा विभाग ने माना है कि निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है ओर उसी के बाद यह अहम कदम शिक्षा विभाग ने उठाया है। विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों से एडमिशन, री- एडमिशन ओर एनुअल चार्जेज़ का पूरा रिकॉर्ड मांगा था,जिसमें स्कूलों से हर क्लास का फीस का शेड्यूल देने को कहा है। इस रिकॉर्ड के आधार पर विभाग यह आंकलन करने वाला है कि कितनी आय फ़ीस से स्कूलों को प्राप्त हो रही है और कितना खर्च स्कूल का हो रहा है। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि स्कूल जो फीस वसूल रहा है वो अधिक है या नहीं,लेकिन स्कूल जो ब्योरा विभाग को दे रहे है उसमें भी पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। कुछ स्कूल मात्र वार्षिक फीस का ब्यौरा ही भेज रहे है तो कुछ अन्य आवश्यक जानकारी के बिना ही अपना रिकॉर्ड निदेशालय को भेज रहे है ऐसे में किस आधार पर आंकलन विभाग करेगा यह भी एक बड़ा सवाल है।


Conclusion:उधर मामले को लेकर शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया की प्रदेश के निजी स्कूल नियमों के बाहर जा कर छात्रों से री एडमिशन फीस ले रहे है और इस तरह की शिकायतें विभाग के पास आ रही है। अब जब रिकॉर्ड विभाग ने मांगा है फिर भी कुछ एक स्कूल यह रिकॉर्ड नहीं दे रहे है। अभी कुछ समय स्कूलों को दिया गया है उसके बाद भी जो स्कूल यह जानकारी विभाग को नहीं देते है उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। यहां तक कि जिन स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट से ज्यादा फ़ीस लेने की जानकारी भी विभाग को मिलती है तो उनकी एनओसी विभाग रद्द कर देगा। उन्होंने बताया कि एक्ट के तहत इस तरह के प्रावधान बनाए गए है,ऐसे नियम है जिनके तहत विभाग इन निजी स्कूलों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करेगा।

इन स्कूलों से मिली है विभाग को जानकारी
शिक्षा विभाग को प्रदेश के चंबा जिले में चल रहे 52 निजी स्कूलों में से 48 स्कूल, हमीरपुर जिला के 129 स्कूलों में से 37, मंडी जिला के 247 स्कूलों में से 15, शिमला जिला के 166स्कूलों में से 65, ऊना जिला में चल रहे 96 निजी स्कूलों में से 71 स्कूल, कांगड़ा जिला में 364 निजी स्कूलों में से 50, किन्नौर जिला के 11 निजी स्कूलों में से ,, कुल्लू जिला के 93 स्कूलों में से 9 स्कूल, सोलन जिला के 109 में से 46 स्कूल,सिरमौर जिला के 86 में से 28 बिलासपुर जिला में चल रहे 85 निजी स्कूलों में से 25 स्कूलों ने फ़ीस स्ट्रक्चर का ब्यौरा शिक्षा निदेशालय को भेजा है।
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