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शिमला के मॉडर्न एजुकेशन कॉलेज को छात्रों से ज्यादा वसूली गई फीस लौटानी पड़ेगी, ये है मामला

आयोग की ओर से प्रदेश की निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी कॉलेजों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है. यही वजह है कि लगातार जांच निजी विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों को लेकर आयोग की ओर से की जा रही है. ऐसे में अब आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में आधारभूत ढांचा जांचने के लिए भी कमेटी गठित कर दी है. यह कमेटी प्रदेश के विश्वविद्यालयों की जांच को अगले सप्ताह से ही शुरु कर देगी.

निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग
निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग
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Published : Mar 17, 2021, 1:37 PM IST

शिमला: प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों को लेकर की जा रही शिकायतों पर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से संज्ञान लिया जा रहा है. शिकायतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी आयोग की ओर से की जा रही है. ऐसे ही एक मामले में आयोग ने शिमला स्थित मॉडर्न एजुकेशन कॉलेज को छात्रों से ली गई. अतिरिक्त फीस लौटाने के निर्देश जारी किए हैं. संस्थान को यह आदेश आयोग की ओर से दिए गए हैं कि 30 दिन के अंदर अंदर छात्रों से वसूली गई अधिक फीस उन्हें लौटाई जाए. इसके साथ ही छात्रों को अपने हक के लिए जो लड़ाई लड़नी पड़ी है. उसके एवज में उन्हें 15 हजार रुपये भी संस्थान को देने होंगे.

कॉलेज प्रबंधन को 15 हजार रुपए जमा करवाने के आदेश

बता दें कि इस संस्थान को लेकर शिकायत छात्रों ने निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में करवाई थी. छात्रों का कहना था कि संस्थान की ओर से उन से अधिक फीस वसूली गई है. इस शिकायत पर अब आयोग ने यह आदेश जारी किए हैं कि संस्थान प्रबंधन जिन छात्रों से अतिरिक्त फीस ली गई है, उन्हें वह फीस वापस लौटाए. इसके साथ ही जुर्माने के तौर पर कॉलेज प्रबंधन को 15 हजार रुपये भी आयोग में जमा करवाने के आदेश जारी किए गए हैं. अगर संस्थान आयोग के आदेशों के अनुपालना नहीं करता है तो आयोग की ओर से कॉलेज प्रबंधन से इस राशि की ब्याज राशि भी वसूली जाएगी.

शिक्षकों को वेतन न देने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

आयोग की ओर से प्रदेश की निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी कॉलेजों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है. यही वजह है कि लगातार जांच निजी विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों को लेकर आयोग की ओर से की जा रही है. ऐसे में अब आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में आधारभूत ढांचा जांचने के लिए भी कमेटी गठित कर दी है. यह कमेटी प्रदेश के विश्वविद्यालयों की जांच को अगले सप्ताह से ही शुरु कर देगी.

वहीं, निजी विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों में भी जो शिक्षक तैनात किए गए हैं, उन्हें दिए जा रहे वेतन और भत्तों का ब्यौरा भी आयोग ने तलब किया है. ऐसे में जो विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों के तहत शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई आयोग की ओर से अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़े:- करसोग में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा से दुष्कर्म, आरोपी युवक गिरफ्तार

ये भी पढ़ें- छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने में देरी होने पर शिक्षण संस्थान के प्रभारी होंगे जिम्मेदार

शिमला: प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों को लेकर की जा रही शिकायतों पर निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की ओर से संज्ञान लिया जा रहा है. शिकायतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी आयोग की ओर से की जा रही है. ऐसे ही एक मामले में आयोग ने शिमला स्थित मॉडर्न एजुकेशन कॉलेज को छात्रों से ली गई. अतिरिक्त फीस लौटाने के निर्देश जारी किए हैं. संस्थान को यह आदेश आयोग की ओर से दिए गए हैं कि 30 दिन के अंदर अंदर छात्रों से वसूली गई अधिक फीस उन्हें लौटाई जाए. इसके साथ ही छात्रों को अपने हक के लिए जो लड़ाई लड़नी पड़ी है. उसके एवज में उन्हें 15 हजार रुपये भी संस्थान को देने होंगे.

कॉलेज प्रबंधन को 15 हजार रुपए जमा करवाने के आदेश

बता दें कि इस संस्थान को लेकर शिकायत छात्रों ने निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में करवाई थी. छात्रों का कहना था कि संस्थान की ओर से उन से अधिक फीस वसूली गई है. इस शिकायत पर अब आयोग ने यह आदेश जारी किए हैं कि संस्थान प्रबंधन जिन छात्रों से अतिरिक्त फीस ली गई है, उन्हें वह फीस वापस लौटाए. इसके साथ ही जुर्माने के तौर पर कॉलेज प्रबंधन को 15 हजार रुपये भी आयोग में जमा करवाने के आदेश जारी किए गए हैं. अगर संस्थान आयोग के आदेशों के अनुपालना नहीं करता है तो आयोग की ओर से कॉलेज प्रबंधन से इस राशि की ब्याज राशि भी वसूली जाएगी.

शिक्षकों को वेतन न देने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

आयोग की ओर से प्रदेश की निजी विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी कॉलेजों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है. यही वजह है कि लगातार जांच निजी विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों को लेकर आयोग की ओर से की जा रही है. ऐसे में अब आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में आधारभूत ढांचा जांचने के लिए भी कमेटी गठित कर दी है. यह कमेटी प्रदेश के विश्वविद्यालयों की जांच को अगले सप्ताह से ही शुरु कर देगी.

वहीं, निजी विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों में भी जो शिक्षक तैनात किए गए हैं, उन्हें दिए जा रहे वेतन और भत्तों का ब्यौरा भी आयोग ने तलब किया है. ऐसे में जो विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों के तहत शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई आयोग की ओर से अमल में लाई जाएगी.

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