शिमला: कोरोना वायरस परिवहन क्षेत्र पर कहर बनकर टूटा है. इस वायरस ने टैक्सी ऑपरेटरों से रोजी-रोटी छीन ली है. कोरोना काल में सैकड़ों टैक्सी मालिक और चालक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. कोरोना ने टैक्सी कारोबार चौपट कर दिया है.
इसी को लेकर हिमाचल प्राइवेट ऑल कमर्शियल टैक्सी यूनियन के सदस्यों ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को ज्ञापन सौंपा. प्राइवेट टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र ने बताया कि कोरोना काल में टैक्सी कारोबार बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स को दो साल के लिए माफ किया जाए.
राजेंद्र ने कहा कि दूसरे राज्यों उत्तराखंड और यूपी में दो साल के लिये टैक्स माफ किया है. उसी तरह हिमचल में भी किया जाए. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में प्राइवेट गाड़ियां सवारियां ढोने का काम कर रही हैं. उन पर लगाम लगाई जाए, ताकि हमारा कारोबार भी चल सके.
यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र ने पैसेंजर टैक्स को सिंगल विंडो करने की मांग की है. साथ ही हर साल पासिंग पर लिए जाने वाले टैक्स को खत्म किया जाए. येलो लाइन पार्किंग में टैक्सियों को पार्क न करने के नगर निगम के फैसले को वापिस लिया जाए.
राजेंद्र ने कहा कि अधिकतर टैक्सी ऑपरेटर बैंक व महाजनों से कर्ज लेकर दोहरी चुनौती से जूझ रहे हैं. टैक्सी मालिक कमाई बंद होने से रोजी-रोटी पर आफत के साथ किश्त नहीं जमा होने से परेशान हैं. कोरोना के चलते पांच महीने से कमाई ठप है.
यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र ने बताया कि कोरोना वायरस ने रोजी-रोटी छीन ली. प्रदेश सरकार की तरफ से टैक्सी व्यवसाय को कोई पैकेज या मदद नहीं दी गई है. खड़ी गाड़ियों पर भी उन्हें टैक्स देना ही पड़ रहा है. इस वजह से बहुत सारे टैक्सी व्यापारी इस व्यवसाय को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं. महामारी के चलते अन्य कोई कारोबार नजर भी नहीं आ रहा है.
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