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लोहड़ी पर्व को लेकर शिमला के बाजारों में रौनक, लोगों ने की मूंगफली व रेवड़ियों की खरीदारी

लोहड़ी का त्योहार हर साल उत्तर भारत में 13 जनवरी को मनाया जाता है. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में मकर संक्रांति से पहले शाम को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार को नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है.

preparation of lohri festival started in shimla
लोहड़ी पर्व को लेकर शिमला के बाजारों में रौनक
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Published : Jan 12, 2020, 11:08 PM IST

शिमलाः राजधानी के बाजारों में लोहड़ी पर्व को लेकर खरीदारी शुरू होते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है. शिमला के लोअर बाजार में रविवार को लोग लोहड़ी मनाने के लिए सामान की खरीदारी करते नजर आए. लोहड़ी पर्व तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी की मिठास के साथ मनाया जाता है.

उत्तर भारत में सोमवार को लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा. शिमला में भी इस पर्व पर लोग रात के समय लोहड़ी पूजन करते हैं. लोहड़ी का त्योहार हर साल उत्तर भारत में 13 जनवरी को मनाया जाता है. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में मकर संक्रांति से पहले शाम को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार को नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है.

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लोहड़ी की रात खुली जगह पर लड़कियों में पवित्र अग्नि लगाते हैं. परिवार व आस-पड़ोस के लोग लोक गीत गाते हुए नए धान के लावे के साथ खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली को उस पवित्र अग्नि में अर्पित कर परिक्रमा करते हैं. इस त्योहार को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं.

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शिमलाः राजधानी के बाजारों में लोहड़ी पर्व को लेकर खरीदारी शुरू होते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है. शिमला के लोअर बाजार में रविवार को लोग लोहड़ी मनाने के लिए सामान की खरीदारी करते नजर आए. लोहड़ी पर्व तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी की मिठास के साथ मनाया जाता है.

उत्तर भारत में सोमवार को लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा. शिमला में भी इस पर्व पर लोग रात के समय लोहड़ी पूजन करते हैं. लोहड़ी का त्योहार हर साल उत्तर भारत में 13 जनवरी को मनाया जाता है. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में मकर संक्रांति से पहले शाम को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार को नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है.

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लोहड़ी की रात खुली जगह पर लड़कियों में पवित्र अग्नि लगाते हैं. परिवार व आस-पड़ोस के लोग लोक गीत गाते हुए नए धान के लावे के साथ खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली को उस पवित्र अग्नि में अर्पित कर परिक्रमा करते हैं. इस त्योहार को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं.

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Intro:राजधानी शिमला के बाजारों में लोहड़ी पर्व की खरीदारी के लिए रौनक लगी रही। लोगों ने शिमला के लोअर बाज़ार में इस खास पर्व के लिए सजाई गई दुकानों से लोहड़ी को मनाने के लिए सामान की खरीदारी की। लोहड़ी पर्व तिल, गुड़, गच्चक, रेवड़ी की मिठास के साथ मनाया जाता है। लोग ने इन सब चीजों की खरीदारी बाजारों में पर्व के लिए सजी दुकानों से की। शिमला के लोअर बाजार में लोहड़ी के लिए खास रूप से दुकानें सजाई गई है।

Body:दुकानों पर खुले में रेवड़ी, गच्चक, मुंगफली, तिलपट्टी के साथ-साथ पैकिंग में भी यह सब चीजें खरीदारों के लिए रखी गई है। लोगों ने पैकिंग की गच्चक, रेवड़ी, मुंगफली के साथ ही तिल के लड्डू भी खरीदे। खुली मुंगफली, रेवड़ी, गच्चक की भी लोगों ने जमकर खरीदारी बाजारों में की। कल सोमवार को लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा। सर्दी के दिनों में आने वाले इस त्योहार को गुड़, गच्चक ओर मूंगफली खा कर ओर बांट कर मनाया जाता है जिससे कि ठंड को भगाया जा सके। शिमला ने भी इस पर्व पर लोग रात के समय लोहड़ी पूजन करते है और आग जला कर लोहड़ी जलाते है।

Conclusion:लोहड़ी का त्योहार हर साल उत्तर भारत में 13 जनवरी को मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में मकर संक्रांति से पहले की शाम को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। इस त्यौहार को नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। लोहड़ी की रात खुली जगह पर लड़कियों में पवित्र अग्नि लगाते हैं और परिवार व आस-पड़ोस के लोग लोकगीत गाते हुए नए धान के लावे के साथ खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली आदि उस पवित्र अग्नि को अर्पित कर परिक्रमा करते हैं। इस दिन को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते है ओर घर घर जा कर लोहड़ी मांगते है। बच्चों को लोहड़ी के रूप में लोग पैसे देते है ,लेकिन आज के दौर में यह परंपरा खत्म होती जा रही है।

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