शिमलाः आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट दिल्ली एम्स की अनुमति के बाद ही हो पाएगा. चौथे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आईजीएमसी प्रशासन ने दिल्ली एमस से अनुमति मांगी है. जैसे ही एमस की अनुमति मिलेगी उसके तुरंत बाद किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो जाएगा. चौथा किडनी ट्रांसप्लांट भी दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में ही होना है.
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में होगा किडनी ट्रासप्लांट
आईजीएमसी के डाक्टरों को भी ऑपरेशन का अनुभव हो गया है. लेकिन अभी प्रशासन इतना ज्यादा दबाव अपने ऊपर नहीं लेना चाहता है. ऐसे में दिल्ली एम्स और आईजीएमसी के डॉक्टर मिलकर किडनी ट्रासप्लांट करेंगे.
आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर तैयारियां शुरू
आईजीएमसी ने किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्रशसन द्वारा मरीज को तैयार किए जा रहे हैं. संभवना है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में किडनी ट्रांसप्लांट हो जाएगा. आईजीएमसी में इससे पहले 3 मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट हुए है. वे तीनों मरीज अब स्वस्थ बताए जा रहे है. 12 अगस्त 2019 को पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. अब फिर से हिमाचल के मरीजों को उम्मीद है कि शीघ्र ही किडनी ट्रांसप्लांट शुरू हो पाएगा. कोरोना महामारी के चलते अभी तक किडनी ट्रांसप्लांट नहीं पाया था.
इससे पहले हुए हैं तीन मरीजों के किडनी ट्रासप्लांट
प्रशासन ने बाकी ऑपरेशन तो जरूर शुरू किए हैं. लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्रशासन रिस्क नहीं लेना चाहता है. ऐसे में सिस्टम से ही यह सुविधा शुरू की जाएगी. इससे पहले तीनों मरीजों के किडनी ट्रासप्लांट निशुल्क हुए. मरीजों को एक रूपए भी खर्च नहीं करना पड़ा. जबकि एक मरीज को किडनी ट्रासप्लांट करने में 4 लाख रुपए से अधिक खर्च करना पड़ता है. लेकिन सरकार ने ही इन मरीजों पर सारा खर्च किया है. अब मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अपने पैसे खर्च करने पड़ेंगे या नहीं इसको लेकर अभी सरकार व प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है. हिमाचल के लिए यह एक खुशी की बात है कि आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिली है.
मरीजों को जाना पड़ता था पीजीआई
हिमाचल में यह सुविधा उपलब्ध न होने से मरीजों को पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था. वैसे वर्तमान में भी मरीज पीजीआई जा रहे हैं. वे इसलिए जा रहे है कि अभी आईजीएमसी में कम किडनी ट्रांसप्लांट हो रहे हैं. लोगों की मांग भी है कि अब अधिक से अधिक मरीजों के किडनी ट्रांस्प्लांट किए जाए. ताकि हिमाचल के लोगों को पीजीआई के धक्के न खाने पड़े.
एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में होंगे 20 लोगों के ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि अभी किडनी ट्रासप्लांट एम्स के डाक्टरों की निरानी में ही होंगे. दावा है कि 20 के करीब केस एम्स के डाक्टरों की निगरानी में ही होंगे. उसके बाद आईजीएमसी के डाक्टर स्यवं आपरेशन करेंगे.
मरीजों को मिले डायलिसिस की उचित सुविधा
किडनी के मरीजों को आईजीएमसी में उचित सुविधा नहीं मिल पा रही है. खासकर मरीजों को डायलसिस करवाने के लिए दिक्कतें आ रही है. किडनी के मरीजों के दो प्रकार के डायलिसिस होते हैं. इनमें एक हिमोडायलिसिस और दूसरा पेरीटोनियल डायलिसिस होता है. तीमारदारों का कहना है कि आईजीएमसी में हिमोडायलिसिस होता है.
डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया
डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा फिर से शुरू हो जाएगी. एम्स से जैसे ही अनुमति मिलती है तो तुरंत चौथा किडनी ट्रांसप्लांट होगा. प्रदेश सरकार के सहयोग से यह सुविधा प्रदेश के मरीजों को मिली है. अब निरंतर आईजीएमसी में किडनी ट्रासप्लांट होते रहेंगे.
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