शिमला: हिमाचल में सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान जमाव बिंदु तक पहुंच गया है. इससे राज्य में पानी जमने लगा है, जिससे पन बिजली परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन भी गिर गया है. बारिश न होने से भी बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा है. हिमाचल में सर्दियों में वैसे भी बिजली की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है और ऊपर से बिजली उत्पादन गिर गया है. हिमाचल में जितनी डिमांड है उससे आधी बिजली भी हिमाचल पैदा नहीं कर पा रहा है. बिजली की इस कमी को पूरा करने के लिए हिमाचल बाहरी राज्यों से मिलने वाली सप्लाई पर निर्भर है. (power production Decrease in Himachal) (Hydro projects in Himachal)
हिमाचल में बिजली की डिमांड 360 यूनिट तक जा पहुंची: राज्य में सर्दियां जोरों की पड़ रही है. ऐसे में घरों और दफ्तरों में ठंड से बचने के लिए लोगों को हीटरों का सहारा लेना पड़ रहा है. इससे हिमाचल में बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है. इन दिनों रोजाना 360 लाख यूनिट बिजली की डिमांड राज्य में पहुंच गई है. यह डिमांड आम दिनों या गर्मियों की तुलना में करीब 80 लाख यूनिट से ज्यादा है. (power generation in Himachal)
डिमांड बढ़ी, लेकिन बिजली उत्पादन घटा: हिमाचल में एक ओर बिजली की डिमांड सर्दियों में बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर बिजली का उत्पादन घट रहा है. आम दिनों की तुलना में करीब दो दहाई कम बिजली पैदा हो रही है. पानी जमने और बारिश न होने से बिजली की इन दिनों सभी परियोजनाओं से करीब 174 लाख यूनिट बिजली बोर्ड को मिल रही है. इनमें बिजली बोर्ड को अपनी परियोजनाओं से रोजाना 25 लाख यूनिट बिजली मिल रही है. आईआईपी यानी स्वतंत्र बिजली उत्पादकों से रोजाना 35 लाख यूनिट, सेंट्रल प्रोजेक्ट्स से 68 लाख यूनिट और हिमाचल सरकार को प्रोजेक्टों की इक्विटी के तौर पर 46 लाख यूनिट बिजली मिल रही है. (power production in Himachal) (Electricity demand in Himachal)
हिमाचल में कुल बिजली उत्पादन 10600 मेगावाट से अधिक: हिमाचल प्रदेश में हाईड्रो पावर सेक्टर में भारी बिजली उत्पादन की क्षमता है. हिमाचल प्रदेश का कुल बिजली उत्पादन 10600 मेगावाट से अधिक है. प्रदेश में 27 हजार मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की क्षमता है. गर्मियों के समय में जब देश के मैदानी राज्य जैसे पंजाब, राजस्थान, दिल्ली आदि बिजली कट की समस्या से जूझ रहे होते हैं तो हिमाचल के पास सरप्लस पावर मौजूद रहती है. अपनी सरप्लस पावर को हिमाचल बैंकिंग अधार पर देता है ताकि सर्दियों में बिना शुल्क चुकाए यह बिजली वापस मिले.
269 पन बिजली परियोजाएं कर रही हैं बिजली उत्पादन: हिमाचल में मौजूदा समय में 269 पन बिजली परियोजनाएं बिजली का उत्पादन कर रही हैं. इनमें राज्य बिजली बोर्ड के 29 परियोजनाएं हैं जबकि केंद्र सरकार की 8 परियोनाएं हैं. स्वतंत्र बिजली उत्पादकों की 232 परियोजनाओं से बिजली बोर्ड को बिजली मिल रही हैं.
बैंकिंग आधार दूसरे राज्यों को बिजली देता है हिमाचल: गर्मियों में जब हिमाचल में ऊर्जा उत्पादन पीक पर होता है तब हिमाचल प्रदेश देश के कई राज्यों को सरप्लस बिजली सप्लाई करता है. हालांकि पहले हिमाचल गर्मियों में सरप्लस बिजली की बिक्री भी करता था, लेकिन उतर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में पेमेंट फंसने पर यह प्रक्रिया बंद कर दी गई. अब हिमाचल ने ऊर्जा के लेन-देन का बैंकिंग सिस्टम अपनाया है. इस सिस्टम के तहत हिमाचल गर्मियों में सरप्लस बिजली पड़ौसी राज्यों को देता है और सर्दियों में उतनी ही पावर वापस ले लेता है. बेशक इस समय हिमाचल में विद्युत उत्पादन कम हो रहा है. लेकिन बिजली के कट लगने की नौबत नहीं आ रही है.
बैंकिंग आधार पर हिमाचल ले रहा है 196 लाख यूनिट: हिमाचल पंजाब और दिल्ली को गर्मियों में बैकिंग आधार पर दी गई बिजली इन दिनों सर्दियों में वापस ले रहा है. दोनों राज्यों से 196 लाख यूनिट बिजली इन दिनों हिमाचल को मिल रही है, जिसमें पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉरपोरशन से 147 लाख यूनिट बिजली ली जा रही है. दिल्ली से कुल 49 लाख यूनिट प्रतिदिन आ रही है, जिसमें 36 लाख यूनिट बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) से करीब 13 लाख यूनिट बिजली ली जा रही है. इस तरह अपनी बड़ी हुई डिमांड को पूरा करने के लिए हिमाचल 196 लाख यूनिट बिजली बैंकिंग आधार पर ले रहा है.
हिमाचल में सर्दियों में इसलिए होता है कम बिजली उत्पादन: हिमाचल में सर्दियों में बिजली का उत्पादन गिर जाता है. सर्दियों में बर्फ जम जाती है. नदियों और झीलों में पानी भी जमने लग जाता है, जिससे पन बिजली परियोजनाओं को कम पानी मिलता है. इसके सीधा असर बिजली के उत्पादन पर पड़ता है. यही वजह है कि इन दिनों करीब 174 लाख यूनिट तक बिजली का उत्पादन राज्य में हो रहा है. इसके विपरीत गर्मियों में गलेश्यिर पिघलने लगते हैं और इससे पानी का फ्लो भी बढ़ जाता है. इससे बिजली उत्पादन भी परियोजनाओं में बढ़ जाता है. यही वजह है कि गर्मियों में हिमाचल में 521 लाख यूनिट तक बिजली उत्पादन पहुंच जाता है. इसके विपरीत गर्मियों में बिजली की डिमांड करीब 280 लाख यूनिट रहती है और इसके बाद बची सरप्लस बिजली को हिमाचल बैंकिंग आधार देता है.
- हिमाचल को विभिन्न परियोजनाओं से मिल रही बिजली कुल- 174 लाख यूनिट
- बिजली बोर्ड की परियोजनाओं में उत्पादन- 25 लाख यूनिट
- स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से ली जा रही बिजली- 35 लाख यूनिट
- सेंट्रल सेक्टर के प्रोजेक्टस से मिल रही बिजली- 68 लाख यूनिट
- हिमाचल सरकार के शेयर से मिल रही बिजली- 46 लाख यूनिट
- बैंकिंग आधार पर ली जा रही बिजली- 196 लाख यूनिट
- पंजाब से ली जा रही बिजली- 147 लाख यूनिट
- दिल्ली से ली जा रही बिजली- 49 लाख यूनिट
- हिमाचल में गर्मियों में बिजली की उपलब्धता- 521 लाख यूनिट
- बिजली बोर्ड के परियोजनाओं से बिजली- 106 लाख यूनिट
- स्वतंत्र बिजली उत्पादकों की परियोजनाओं से- 150 लाख यूनिट
- सेंटर सेक्टर के प्रोजेक्टस से- 100 लाख यूनिट
- हिमाचल सरकार के शेयर से- 165 लाख यूनिट
हिमाचल प्रदेश स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर के एसई देशराज का कहना है कि सर्दियों में बर्फ और पानी जमने से परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन कम होता है. हालांकि इस साल पिछले साल के मुकाबले परियोजनाओं में बिजली उत्पादन कुछ बेहतर है. इसके बावजूद हिमाचल में बिजली की कोई कमी नहीं है. हिमाचल की बढ़ी हुई बिजली डिमांड को बाहरी राज्यों को बैकिंग आधार पर दी गई बिजली वापस लेकर पूरा किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: चंबा: अवैध रूप से चल रहा डलहौजी का तलेरू बोटिंग प्वाइंट, बंद करने के आदेश