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प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने में गरीब मजदूरों का योगदान, रोजाना शहर से प्लास्टिक इकट्ठा कर कमा रहे अच्छे पैसे

हिमाचल प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अभियान चला रही है, लेकिन इस प्लास्टिक से कुछ लोग अच्गाछा पैसा भी कमा रहे हैं.

poor family earning money theog
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Published : Oct 6, 2019, 1:51 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 2:56 PM IST

शिमला: प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अभियान चला रही है, लेकिन इस प्लास्टिक से कुछ लोग अपना रोजगार भी कमा कर रहे हैं. ठियोग में एक परिवार दिन भर शहर से प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे बेचकर अपना गुजारा कर रहा है.

बता दें कि ये इस परिवार के लोग दिन भर सड़कों और गलियों में घूमकर शहर का सारा प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे 20 रुपये किलो के हिसाब से बेच रहे हैं. इनका का कहना है कि प्लास्टिक उठाने का काम दिनभर चला रहता है. कई बार बारिश में काम कम होता है लेकिन कई बार इतना काम हो जाता है कि एक हजार से 12 सौ तक की दिहाड़ी लग जाती है. उन्होंने कहा कि जबसे प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक को बंद करने का फैसला लिया है तब से चिंता भी सत्ता रही है कि कैसे घर का गुजारा करेंगे. लेकिन फिलहाल ये लोग इस बात से भी खुश है कि सरकार 75 रुपये किलो के हिसाब से प्लास्टिक की खरीद करेगी.

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक मुक्ति के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया है. सरकार लोगों से प्लास्टिक खरीदने के लिए सेंटर खोल रही है जिससे प्लास्टिक को खत्म किया जा सके. इस मुहिम में इन मजदूरों की भी प्लास्टिक से अच्छी दिहाड़ी लग रही है.

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ये भी पढ़ें: वन रक्षक होशियार सिंह मामला: सीबीआई ने वन विभाग से रिकॉर्ड कब्जे में लिया

शिमला: प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अभियान चला रही है, लेकिन इस प्लास्टिक से कुछ लोग अपना रोजगार भी कमा कर रहे हैं. ठियोग में एक परिवार दिन भर शहर से प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे बेचकर अपना गुजारा कर रहा है.

बता दें कि ये इस परिवार के लोग दिन भर सड़कों और गलियों में घूमकर शहर का सारा प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे 20 रुपये किलो के हिसाब से बेच रहे हैं. इनका का कहना है कि प्लास्टिक उठाने का काम दिनभर चला रहता है. कई बार बारिश में काम कम होता है लेकिन कई बार इतना काम हो जाता है कि एक हजार से 12 सौ तक की दिहाड़ी लग जाती है. उन्होंने कहा कि जबसे प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक को बंद करने का फैसला लिया है तब से चिंता भी सत्ता रही है कि कैसे घर का गुजारा करेंगे. लेकिन फिलहाल ये लोग इस बात से भी खुश है कि सरकार 75 रुपये किलो के हिसाब से प्लास्टिक की खरीद करेगी.

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक मुक्ति के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया है. सरकार लोगों से प्लास्टिक खरीदने के लिए सेंटर खोल रही है जिससे प्लास्टिक को खत्म किया जा सके. इस मुहिम में इन मजदूरों की भी प्लास्टिक से अच्छी दिहाड़ी लग रही है.

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Intro:प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने में गरीब मजदूरों का योगदान।रोजाना शहर से पलास्टिक इकट्ठा कर कमा रहे अच्छे पैसे।प्रेदश सरकार ने प्लास्टिक की खरीद को खोले है कई सेंटर।
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प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक अभियान चला रही है जिससे प्लास्टिक को जड़ से खत्म किया जा सके।लेकिन इस प्लास्टिक से कुछ लोग अपना रोजगार भी कम रहे है।ठियोग में एक परिवार दिन भर शहर से प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे बेचकर अपना गुजारा कर रहा है। ये लोग दिन भर सड़को ओर गलियों में घूमते रहते हैं और शहर का सारा प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे 20 रुपये किलो के हिसाब से बेच रहे है। इन लोगों का कहना है प्लास्टिक उठाने का काम दिनभर चला रहता है।और कई बार बारिश में काम कम होता है लेकिन कई बार इतना काम हो जाता है कि एक हजार से 12 सौ तक कि दिहाडी लग जाती है।लेकिन जबसे प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक को बंद करने का फैसला लिया है तब से इन्हें चिंता भी सत्ता रही है। ओर दूसरी ये लोग इस बात से भी खुश है कि सरकार 75 रुपये किलो के हिसाब से पलास्टिक की खरीद करेगी।

बाईट,,,, मजदूर Conclusion:आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक मुक्ति के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चला रखा है और सरकार लोगों से प्लास्टिक खरीदने के लिए सेंटर खोल रही है जिससे प्लास्टिक को खत्म किया जा सके।ओर इस मुहिम में इन मजदूरों की भी पलास्टिक से अच्छी दिहाडी लग रही है।
Last Updated : Oct 6, 2019, 2:56 PM IST
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